फतेहपुर: जल, जंगल, जमीन और जीवन का उद्देश्य लेकर डीएम अवैध रूप से कब्जाई जमीन पर बेहद सख्त रुख अपनाए हुए हैं. गांवों में चारागाह, ऊसर, वन विभाग, नवीन परती आदि रूप से पड़ी ग्राम समाज की जमीन पर अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन पर जिलाधिकारी बेहद सख्त हैं. जिलाधिकारी की ओर से ऐसी जमीन को तत्काल प्रभाव से खाली करवाने के लिए तेजी से अभियान चलाया जा रहा है. वह खुद गांवों का निरीक्षण कर रहे हैं और अवैध रूप से कब्जाई गई भूमि से कब्जा खाली करवा रहे हैं.
इसी क्रम में डीएम संजीव सिंह ने सलेमाबाद गांव का निरीक्षण किया. इस दौरान गांव में गाटा संख्या 489, 493 की कुल जमीन 3.123 हेक्टेयर पशुचर की भूमि पर जेके कन्सट्रक्शन कंपनी के प्रोपराइटर जेके तिवारी निवासी प्रयागराज द्वारा करीब पांच वर्षों से ग्राम प्रधान व लेखपाल से मिलकर कब्जा किया गया था. इस जमीन पर क्रेसर मशीन स्थापित कर ग्राम सभा को छति पहुंचाई है. जिलाधिकारी ने इनके विरुद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किए जाने और उप जिलाधिकारी फतेहपुर को संबंधित राजस्व निरीक्षक/लेखपाल के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के निर्देश दिए.
इसके साथ ही जिला पंचायत राज अधिकारी को ग्राम प्रधान शीतल प्रसाद को नोटिस जारी करने के लिए निर्देशित किया. बता दें कि इसके अतिरिक्त इसी भूमि पर करीब 50-60 ट्रक मोरंग अवैध रूप से डंप की गई थी. इसके लिए उन्होंने उप जिलाधिकारी/खनन अधिकारी को मोरंग को सीज करते हुए नियमानुसार नीलामी की कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया. अवैध रूप से कब्जा की गई जमीन पर डीएम के निर्देश के बाद बुलडोजर चलाकर कब्जा हटवाया गया.
उन्होंने साफ इंगित किया है कि आगे भी यह अभियान चलता रहेगा. इसके साथ ही अतिक्रमण से मुक्त कराई गई जमीनों को तत्काल ग्राम समाज को हस्तांतरित कर दिया गया. इस पर मनरेगा के तहत ट्रेंच और वृक्षारोपण का कार्य अभियान के रूप में कराया जाएगा. खाली कराई गई भूमि पर मनरेगा के तहत श्रमिक योजित कर ग्रामों में 'क्लस्टर वन' का नवनिर्माण किया जाएगा, जोकि पर्यावरणीय संतुलन के लिए काफी लाभप्रद होगा.