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फतेहपुर: शहर में चौराहों के सुंदरीकरण को लगा ग्रहण - चौराहों का सुंदरीकरण

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर शहर के चौराहों का विकास कार्य पिछले आठ महीनों से रुका पड़ा है. जनवरी में प्रस्ताव पास होने के बाद नगर पालिका ने काम शुरू कराया था, लेकिन कोरोना महामारी के कारण बंद हो गया. इसके बाद से अब तक राजनीतिक उपेक्षा के कारण दोबारा चौराहों के सुंदरीकरण का कार्य शुरू नहीं हो सका है.

फतेहपुर शहर स्थित चौक का अधूरा पड़ा निर्माण कार्य.
फतेहपुर शहर स्थित चौक का अधूरा पड़ा निर्माण कार्य.
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Published : Oct 26, 2020, 8:00 PM IST

फतेहपुरः शहर के आधा दर्जन से अधिक चौराहों के सुंदरीकरण को कोरोना का ग्रहण लग गया है. जिले और शहर के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण चौराहों के सुंदरीकरण और नामकरण का अब भी इंतजार है. आठ महीने पहले शहर के आधा दर्जन से अधिक चौराहों के सुंदरीकरण और उनका नामकरण महापुरुषों के नाम पर रखने की योजना नगर पालिका ने बनाई थी.

दोबारा शुरू नहीं हो सका कार्य
करोड़ों रुपये खर्च करने का प्लान बनाकर कार्य भी शुरू करा दिया गया था. इसी बीच वैश्विक महामारी कोरोना के कारण शहर के चौराहों के सुंदरीकरण पर ब्रेक लग गया. इसके बाद से अब तक दोबारा सुंदरीकरण का कार्य शुरू नहीं हो सका है. जिन चौराहों का सुंदरीकरण होना है, उनमें तांबेश्वर चौराहा, बुलेट चौराहा, लखनऊ बाईपास, ज्वालागंज चौराहा, लोधीगंज चौराहा, तहसील चौराहा, वर्मा चौराहे के निकट अटल चौक शामिल हैं.

फतेहपुर शहर स्थित चौराहा.
फतेहपुर शहर स्थित चौराहा.

जनवरी में चौराहों के सुंदरीकरण का बना था प्लान
जिले की नगर पालिका बोर्ड की चेयरमैन अध्यक्ष नजाकत खातून व अधिशाषी अभियंता सहित बोर्ड सदस्यों द्वारा जनवरी में बैठक आयोजित कर शहर के विभिन्न चौराहों के सुंदरीकरण का बीड़ा उठाया गया. इसमें एक-एक चौराहे के लिए 35-48 लाख रुपये खर्च करके उनका नाम महापुरुषों के नाम पर रखने की योजना बनाई गई. इसमें वर्मा चौराहे के अटल चौक पर करीब 40 लाख, तांबेश्वर चौराहे पर करीब 28 लाख सहित विभिन्न चौराहों के लिए करोड़ों रुपये की राशि से सुंदरीकरण का प्लान बनाया गया.

थमा चौराहों के विकास का पहिया
चौराहों के सुदंरीकरण पर योजनाबद्ध तरीके से कार्य प्रारंभ तो हुआ, लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते रुक गया. एक बार कार्य का पहिया रुका तो दोबारा फिर कभी शुरू नहीं हुआ. किसी चौराहे के कार्य पूर्ण हुआ तो बिजली के अभाव में लाइटिंग व पानी का झरना बंद है. किसी चौराहे के ढांचा बना तो मूर्तियां नही लग सकीं. इसके साथ ही कहीं तो चौराहे का ही कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. इसके कारण करीब आठ माह से जनता को चौराहों के सुंदरीकरण तो महापुरुषों को उनके नाम का इंतजार है.

धन के अभाव में कार्य लटका
नगर पालिका की अधिशाषी अभियंता मीरा सिंह ने बताया कि शहर को सुंदर बनाने के लिए नगर पालिका का प्रयास है कि चौराहों को सुंदर बनाया जाए. इसका काम शुरू भी किया गया, लेकिन धन अभाव के कारण कार्य में प्रगति नहीं हो पा रही है. अटल चौक में जल निगम को पुलिया के निर्माण करना है, लेकिन अभी तक नहीं किया गया. इस वजह से वहां का कार्य बाधित है. इसके साथ ही इलेक्ट्रिक पोल शिफ्ट करने के लिए बिजली विभाग को प्रति पोल ढाई लाख रुपये चुकाने हैं, पालिका के पास अभी धन का अभाव है, इसलिए यह सब कार्य बाधित हैं.

फतेहपुर शहर की स्पेशल रिपोर्ट.
जनप्रतिनिधियों का नहीं मिल रहा सहयोगनगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि व बोर्ड के सदस्य हाजी रजा का कहना है कि शहर के विकास में विधायक और सांसद सहयोग नहीं करते हैं. जनप्रतिनिधि अपने हाथ खड़े कर लेते हैं, जबकि शहर के विकास में सबका साथ होना चाहिए. हमारा बोर्ड सड़कों पर रहता है और कार्य करता है, लेकिन पालिका को शहर के प्रतिनिधियों का बिल्कुल भी सहयोग नहीं मिल रहा है.

फतेहपुरः शहर के आधा दर्जन से अधिक चौराहों के सुंदरीकरण को कोरोना का ग्रहण लग गया है. जिले और शहर के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के कारण चौराहों के सुंदरीकरण और नामकरण का अब भी इंतजार है. आठ महीने पहले शहर के आधा दर्जन से अधिक चौराहों के सुंदरीकरण और उनका नामकरण महापुरुषों के नाम पर रखने की योजना नगर पालिका ने बनाई थी.

दोबारा शुरू नहीं हो सका कार्य
करोड़ों रुपये खर्च करने का प्लान बनाकर कार्य भी शुरू करा दिया गया था. इसी बीच वैश्विक महामारी कोरोना के कारण शहर के चौराहों के सुंदरीकरण पर ब्रेक लग गया. इसके बाद से अब तक दोबारा सुंदरीकरण का कार्य शुरू नहीं हो सका है. जिन चौराहों का सुंदरीकरण होना है, उनमें तांबेश्वर चौराहा, बुलेट चौराहा, लखनऊ बाईपास, ज्वालागंज चौराहा, लोधीगंज चौराहा, तहसील चौराहा, वर्मा चौराहे के निकट अटल चौक शामिल हैं.

फतेहपुर शहर स्थित चौराहा.
फतेहपुर शहर स्थित चौराहा.

जनवरी में चौराहों के सुंदरीकरण का बना था प्लान
जिले की नगर पालिका बोर्ड की चेयरमैन अध्यक्ष नजाकत खातून व अधिशाषी अभियंता सहित बोर्ड सदस्यों द्वारा जनवरी में बैठक आयोजित कर शहर के विभिन्न चौराहों के सुंदरीकरण का बीड़ा उठाया गया. इसमें एक-एक चौराहे के लिए 35-48 लाख रुपये खर्च करके उनका नाम महापुरुषों के नाम पर रखने की योजना बनाई गई. इसमें वर्मा चौराहे के अटल चौक पर करीब 40 लाख, तांबेश्वर चौराहे पर करीब 28 लाख सहित विभिन्न चौराहों के लिए करोड़ों रुपये की राशि से सुंदरीकरण का प्लान बनाया गया.

थमा चौराहों के विकास का पहिया
चौराहों के सुदंरीकरण पर योजनाबद्ध तरीके से कार्य प्रारंभ तो हुआ, लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 के चलते रुक गया. एक बार कार्य का पहिया रुका तो दोबारा फिर कभी शुरू नहीं हुआ. किसी चौराहे के कार्य पूर्ण हुआ तो बिजली के अभाव में लाइटिंग व पानी का झरना बंद है. किसी चौराहे के ढांचा बना तो मूर्तियां नही लग सकीं. इसके साथ ही कहीं तो चौराहे का ही कार्य अधूरा पड़ा हुआ है. इसके कारण करीब आठ माह से जनता को चौराहों के सुंदरीकरण तो महापुरुषों को उनके नाम का इंतजार है.

धन के अभाव में कार्य लटका
नगर पालिका की अधिशाषी अभियंता मीरा सिंह ने बताया कि शहर को सुंदर बनाने के लिए नगर पालिका का प्रयास है कि चौराहों को सुंदर बनाया जाए. इसका काम शुरू भी किया गया, लेकिन धन अभाव के कारण कार्य में प्रगति नहीं हो पा रही है. अटल चौक में जल निगम को पुलिया के निर्माण करना है, लेकिन अभी तक नहीं किया गया. इस वजह से वहां का कार्य बाधित है. इसके साथ ही इलेक्ट्रिक पोल शिफ्ट करने के लिए बिजली विभाग को प्रति पोल ढाई लाख रुपये चुकाने हैं, पालिका के पास अभी धन का अभाव है, इसलिए यह सब कार्य बाधित हैं.

फतेहपुर शहर की स्पेशल रिपोर्ट.
जनप्रतिनिधियों का नहीं मिल रहा सहयोगनगर पालिका अध्यक्ष के प्रतिनिधि व बोर्ड के सदस्य हाजी रजा का कहना है कि शहर के विकास में विधायक और सांसद सहयोग नहीं करते हैं. जनप्रतिनिधि अपने हाथ खड़े कर लेते हैं, जबकि शहर के विकास में सबका साथ होना चाहिए. हमारा बोर्ड सड़कों पर रहता है और कार्य करता है, लेकिन पालिका को शहर के प्रतिनिधियों का बिल्कुल भी सहयोग नहीं मिल रहा है.
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