फर्रुखाबाद: बरसात और बांधों से छोड़े गए पानी की वजह से उफनाई गंगा अब खतरे के निशान के बिल्कुल करीब पहुंच गई है. जिले में गंगा का जलस्तर बढ़कर खतरे के निशान 137.10 मीटर से महज 10 सेंटीमीटर नीचे रह गया है. इससे बाढ़ से घिरे गांवों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं. करीब 50 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं. इस दौरान चारा न मिलने से मवेशी भी भूख से तड़प रहे हैं. इसे लेकर प्रशासन चौकन्ना हो गया है.
खतरे के निशान के करीब पहुंची गंगा
गंगा का जलस्तर 5 सेंटीमीटर बढ़कर 137.00 मीटर पर पहुंच गया है, जो कि खतरे के निशान से 137.10 मीटर से मात्र 10 सेंटीमीटर दूर है. नरौरा बांध से गंगा में 1,25,217 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है और रामगंगा में कालागढ़ से 16,154 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिससे रामगंगा का जलस्तर 10 सेंटीमीटर बढ़कर 135.45 मीटर पर पहुंच गया है. गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने और खतरे के निशान के और भी करीब पहुंचने से तटवर्ती इलाकों में आफत खड़ी हो गई है. बाढ़ से प्रभावित ग्रामीण अपनी गृहस्थी का सामान समेटकर सुरक्षित स्थान की ओर पलायन कर रहे हैं. हालांकि बाढ़ प्रभावित कुछ गांवों में डीएम मानवेंद्र सिंह ने राहत सामग्री भी बांटी है.
बाढ़ से दहशत में ग्रामीण
गंगा का जलस्तर बढ़ने से तटवर्ती गांव हरसिंगपुर कायस्थ, करनपुर घाट, सवितापुर, ऊगरपुर, लायकपुर, सुंदरपुर, जोगराजपुर, बमियारी, तीसराम की मड़ैया, कुडली, सारंगपुर, मानवपुर गांव में बाढ़ का पानी भर गया है. गंगा के गांव में प्रवेश करने से बाढ़ का पानी सड़कों पर आ गया है. ग्रामीण अपने घरों से सामान निकालकर छतों पर रख रहे हैं. कई गांवों में ग्रामीण नाव के सहारे आवागमन कर रहे हैं. वहीं बाढ़ का पानी भाउपुर चौरासी, नगरिया जवाहर, फूला, जटपुरा, माखन नगला, नगला दुर्ग, सुंदरपुर कछुआ गढ़ा, कुसुमापुर समेत करीब 50 से अधिक गांव के किनारे तक पहुंच गया है, जिससे ग्रामीणों में डर का माहौल है.