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अभी तक न दर्ज करवा सके फर्जी शिक्षिका पर रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में फर्जी शिक्षका को बर्खास्त करने में 8 माह का समय लग गया. वहीं, एफआईआर दर्ज करने के निर्देश होने के बावजूद भी अब तक एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. इस मुद्दे पर इटीवी भारत ने जब बीएसए से बात की तो वह भी गोलमोल जवाब देते नजर आए.

अभी तक न दर्ज करवा सके फर्जी शिक्षिका पर रिपोर्ट
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Published : Aug 27, 2021, 4:15 PM IST

फर्रुखाबाद: जिले में शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों के जरिए शिक्षक की नौकरी हासिल कर लाखों रुपये का वेतन रखने वाली सुमन को बर्खास्त करने में विभाग को 8 माह लग गए. मगर रिपोर्ट अभी तक दर्ज नहीं कराई गई है. शिक्षिका को बचाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. अब उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में भी विभागीय अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं.

दरअसल, विभाग को शिक्षिका को बर्खास्त करने में करीब 8 माह का समय लग गया. जबकि तीन दिन में रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे. फिर भी विभाग की लापरवाही से अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है. दरअसल, दिसंबर 2020 में आगरा जिले के ब्लॉक खंदौली स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय शेर खां में तैनात शिक्षिका सुमन और फर्रुखाबाद के ब्लॉक नवाबगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय सुमन के पैन कार्ड एक पाए गए थे. मामले की जांच शुरू हुई तो नवाबगंज में तैनात सुमन के अभिलेख फर्जी पाए गए. मगर कार्रवाई करने के बजाय नोटिस दिए जाने के दौर शुरू हो गया. मामला दबाने के लिए सांठगांठ का खेल शुरू हुआ तो कभी सुमन को मृत दर्शाया गया तो कभी जिंदा.

अभी तक न दर्ज करवा सके फर्जी शिक्षिका पर रिपोर्ट
जबकि यह खबर ईटीवी भारत इस प्रकरण पर नजर रखी और लगातार प्रमुखता से चलाई. जिसके बाद 10 अगस्त 2021 को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने फर्जी अभिलेखों के जरिए नौकरी हासिल करने वाली सुमन शाक्य को बर्खास्त करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी नवाबगंज ललित मोहन पाल को तीन दिन में रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए थे. मगर आज तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है.वहीं, इस मुद्दे पर जब बीएसए से ईटीवी भारत ने सवाल किया तो उन्होंने बताया कि शिक्षका को बर्खास्त कर दिया गया है, साथ ही साथ रिकवरी के आदेश भी दिए गए हैं और FIR के भी निर्देश दिए गए हैं. हमने उनसे फिर पूछा कि उसको बर्खास्त करने में आठ माह लग गए मगर अभी तक उसके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है. इस सवाल पर गोलमोल जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जल्द एफआईआर दर्ज हो जाएगी. वहीं जब फर्जी शिक्षिका के चयन पर विभाग की लापरवाही पर सवाल किया तो उन्होंने एक बार फिर गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि यह शिक्षिका कन्नौज से आई थी, और अपनी बात समाप्त कर दी. अब देखने वाली बात होगी की शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज होती है या नहीं और अगर दर्ज होती भी है तो कब होती है.

फर्रुखाबाद: जिले में शिक्षा विभाग में फर्जी अभिलेखों के जरिए शिक्षक की नौकरी हासिल कर लाखों रुपये का वेतन रखने वाली सुमन को बर्खास्त करने में विभाग को 8 माह लग गए. मगर रिपोर्ट अभी तक दर्ज नहीं कराई गई है. शिक्षिका को बचाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. अब उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में भी विभागीय अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं.

दरअसल, विभाग को शिक्षिका को बर्खास्त करने में करीब 8 माह का समय लग गया. जबकि तीन दिन में रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए गए थे. फिर भी विभाग की लापरवाही से अभी तक रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है. दरअसल, दिसंबर 2020 में आगरा जिले के ब्लॉक खंदौली स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय शेर खां में तैनात शिक्षिका सुमन और फर्रुखाबाद के ब्लॉक नवाबगंज स्थित प्राथमिक विद्यालय सुमन के पैन कार्ड एक पाए गए थे. मामले की जांच शुरू हुई तो नवाबगंज में तैनात सुमन के अभिलेख फर्जी पाए गए. मगर कार्रवाई करने के बजाय नोटिस दिए जाने के दौर शुरू हो गया. मामला दबाने के लिए सांठगांठ का खेल शुरू हुआ तो कभी सुमन को मृत दर्शाया गया तो कभी जिंदा.

अभी तक न दर्ज करवा सके फर्जी शिक्षिका पर रिपोर्ट
जबकि यह खबर ईटीवी भारत इस प्रकरण पर नजर रखी और लगातार प्रमुखता से चलाई. जिसके बाद 10 अगस्त 2021 को बेसिक शिक्षा अधिकारी ने फर्जी अभिलेखों के जरिए नौकरी हासिल करने वाली सुमन शाक्य को बर्खास्त करते हुए खंड शिक्षा अधिकारी नवाबगंज ललित मोहन पाल को तीन दिन में रिपोर्ट दर्ज करने के निर्देश दिए थे. मगर आज तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है.वहीं, इस मुद्दे पर जब बीएसए से ईटीवी भारत ने सवाल किया तो उन्होंने बताया कि शिक्षका को बर्खास्त कर दिया गया है, साथ ही साथ रिकवरी के आदेश भी दिए गए हैं और FIR के भी निर्देश दिए गए हैं. हमने उनसे फिर पूछा कि उसको बर्खास्त करने में आठ माह लग गए मगर अभी तक उसके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई है. इस सवाल पर गोलमोल जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जल्द एफआईआर दर्ज हो जाएगी. वहीं जब फर्जी शिक्षिका के चयन पर विभाग की लापरवाही पर सवाल किया तो उन्होंने एक बार फिर गोलमोल जवाब देते हुए कहा कि यह शिक्षिका कन्नौज से आई थी, और अपनी बात समाप्त कर दी. अब देखने वाली बात होगी की शिक्षिका पर एफआईआर दर्ज होती है या नहीं और अगर दर्ज होती भी है तो कब होती है.
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