फर्रुखाबादः बरेली-इटावा हाइवे पर रामगंगा पुल की हालत बेहद जर्जर हो चुकी है. पुल पर बेशुमार गड्ढे हैं. सड़क निर्माण पर डाली गई सरिया तक नजर आने लगी है. पुल के किनारे की रेलिंग भी टूट गई है, जो हादसे को दावत दे रही है. इस पुल पर आते ही वाहन हिचकोले खाने लगते हैं. रफ्तार एकदम थम सी जाती है. ऐसे में यदि जरा सी सावधानी हटी, तो कभी भी दुर्घटना घट सकती है.
फर्रुखाबाद में इटावा और बरेली को गंगा के ऊपर से जोड़ने के लिए रामगंगा पुल बना है. यह पुल तकरीबन 35 सालों से भी अधिक पुराना है. पुल के रखरखाव का जिम्मा सेतु निगम का है, मगर हकीकत यह है कि इस पुल पर से गुजरने वाले वाहन हिचकोले खाने लगते हैं. रफ्तार एकदम थम सी जाती है. इस वर्ष का आंकड़ा देखा जाए तो जनवरी 2019 से 30 नवंबर तक जिले में 180 हादसे हुए हैं, जिसमें 192 लोगों ने अपनी जान गंवा दी और करीब एक हजार से अधिक लोग घायल हो गए हैं.
पुल पर बने गड्ढों से निकले सरियों के कारण आए दिन टायर फटते रहते हैं. कुछ जगहों पर सरिया निकलकर ऊपर आ गए हैं, जिससे हर समय कोई न कोई दुर्घटना होती रहती है. पुल के किनारे रेलिंग भी टूट गई है.
ठंड में कोहरे भी होने लगे हैं. ऐसे में अनदेखी का यही हाल रहा, तो कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. राहगीरों के अनुसार, इस पुल का निर्माण कई वर्ष पूर्व हुआ था. पुल में बड़े-बड़े गड्ढे हो गये हैं. पुल का सरिया कई जगह से टुट चुका है. अगर शीघ्र मरम्मत नहीं कराया गया, तो कभी गंभीर दुर्घटना हो सकती है. पुल की जर्जर हालत के चलते लोग खौफ के साये में पुल से गुजरने को मजबूर हैं.