फर्रुखाबाद: जिले के अमृतपुर थाने से पुलिस की पिस्टल और कारतूस गायब होने का मामला सामने आया है. मामले का खुलासा तब हुआ जब नये मुंशी को मालखाने का चार्ज दिया गया. पिस्टल और कारतूसों की गिनती में एक पिस्टल और 10 कारतूस से भरी मैगजीन कम निकली. इस मामले में थाना प्रभारी ने एसपी को सूचना दे दी है.
थाने से सरकारी पिस्टल कारतूस गायब
अमृतपुर थाने के मालखाना प्रभारी दीवान शिशुपाल सिंह 31 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गए. उनका कहना है कि सेवानिवृत्ति से पहले उन्होंने असलहे और अन्य सामान की गिनती कर मालखाना मुंशी (सिपाही) महेंद्र सिंह के सुपुर्द कर दिया था. कुछ दिन बाद ही महेंद्र सिंह की पदोन्नति हो गई और वह मऊदरवाजा थाने में तैनात कर दिए गए. उसके बाद से मालखाना का कोई जिम्मेदार नहीं रहा.
करीब 25 दिन पहले अमृतपुर थाने में नए दीवान प्रेमशंकर यादव की तैनाती हुई. उन्हें चार्ज देने के लिए सेवानिवृत्त हो चुके पूर्व दीवान शिशुपाल सिंह को थाने बुलाया गया. विगत चार नवंबर से चार्ज हस्तांतरण की प्रक्रिया चल रही है. इस दौरान असलहों की जब गिनती हुई तो एक पिस्टल और 10 कारतूस से भरी मैगजीन कम निकली. इस बात पर महकमे में हलचल मच गई. आनन-फानन में मामले की जानकारी पुलिस अधीक्षक डॉ. अनिल कुमार मिश्रा को दी गई. थानाध्यक्ष जसवंत सिंह ने बताया कि मैगजीन और पिस्टल कहीं गुम हुए हैं. उसकी तलाश की जा रही है. थाने में नौ पिस्टल हैं और छह दारागाओं की तैनाती है. एक पिस्टल गायब हो जाने के बाद अब आठ ही पिस्टल रह गईं हैं.
जांच क्षेत्राधिकारी अमृतपुर राजवीर सिंह को दी गई है. जांच में दोषी पाए जाने पर मालखाना प्रभारी शिशुपाल सिंह और संबंधित पुलिस कर्मी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
डॉ. अनिल कुमार मिश्रा, पुलिस अधीक्षक, फर्रुखाबाद
किसी दारोगा से भी पिस्टल और कारतूस गुम हो सकती है. जांच के बाद ही पूरा घटनाक्रम खुलकर सामने आएगा.
जसवंत सिंह, थानाध्यक्ष