फर्रुखाबादः कानपुर मुठभेड़ मामले के बाद डीजीपी ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं. आदेश के बाद फतेहगढ़ पुलिस हिरासत से फरार हिस्ट्रीशीटर बदन सिंह बद्दो की तलाश में एक्टिव हो गयी है. ढाई लाख का इनामी शातिर बदन सिंह 15 महीने बाद भी पुलिस की गिरफ्त में नहीं आ सका है. एसपी डाॅ. अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि दोषी पुलिसकर्मियों के जवाब न देने पर बर्खास्तगी का नोटिस दिया गया है.
दरअसल कानपुर में विकास दुबे प्रकरण के बाद पुलिस और एसटीएफ एक बार फिर बदन सिंह बद्दो की तलाश में जुटी हुई है. बद्दो 28 मार्च 2019 को मेरठ में हिरासत से फरार हो गया था. हालांकि पुलिस पहले बद्दो की लोकेशन मुंबई, पंजाब और दक्षिण भारत में मिलने का दावा कर रही थी, लेकिन अब उसके विदेश भागने की आशंका जताई जा रही है. इसी वजह से बद्दो के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी हुआ था. बद्दो के सोशल मीडिया पर वायरल हुये कई वीडियो में विरोधियों से बदला लेने का एलान किया गया था. पहले लुकआउट नोटिस की अवधि खत्म होने पर 28 मार्च 2020 को फिर से लुकआउट नोटिस की अवधि आगे बढ़ाई गई, लेकिन पुलिस और एसटीएफ उसे अब तक नहीं पकड़ सकी.
ऐसे हुआ था फरार
मेरठ के पंजाबीपुरा निवासी बदन सिंह बद्दो हत्या, धोखाधड़ी समेत अन्य मामले में फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा था. 27 मार्च 2019 को उसे सेंट्रल जेल फतेहगढ़ से गाजियाबाद न्यायालय में पेशी पर भेजा गया था. 28 मार्च को शातिर बदन सिंह के कहने पर पेशी के बाद सुरक्षा में लगे उपनिरीक्षक देशराज त्यागी, हेड कांस्टेबल राजकुमार, सिपाही ओमवीर कुमार, सुनील कुमार, चालक आरक्षी भूपेंद्र सिंह उसे मेरठ के मुकंद महल होटल में ले गये थे. वहां से बदन सिंह पुलिस कर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया था.
एसपी डॉ. अनिल कुमार मिश्र ने घटना के बाद पेशी पर गये सभी पुलिस कर्मियों को निलंबित कर दिया था. अब कानपुर में सीओ समेत आठ पुलिसकर्मियों के शहीद होने के बाद एसपी ने पुलिस कर्मियों को फिर बर्खास्तगी का नोटिस थमा दिया है. एसपी ने बताया कि मार्च में सभी को नोटिस दिये गये थे. इन लोगों के जवाब न देने पर फिर से सभी को नोटिस दिया गया है.