फर्रुखाबादः दीपावली के अवसर पर हर घर और प्रतिष्ठान में श्री गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां रखकर पूजा की जाती है. इस पर्व का सबसे प्रमुख सामग्री दीया है. जिसे बनाने वाले कुम्हार दिन-रात दीया बनाने में व्यस्त हैं. शहर के सुनहरी मस्जिद सहित विभिन्न गांवों में मिट्टी के दीये और अन्य सामग्री कारीगरों द्वारा बनाई जा रही है. कुम्हार मिट्टी को माता लक्ष्मी का रूप देकर लोगों की आस्था का केंद्र बना देता है. आज उसी कुम्हार को माता लक्ष्मी की कृपा पाना मुश्किल हो गया है. जिसका परिणाम है कि कई कुम्हारों ने अपने पुश्तैनी धंधे को छोड़कर जीविकोपार्जन के लिए दूसरे शहरों की ओर रुख करना शुरू कर दिया है.
अब इतना फायदा नहीं रह गया
मिट्टी से बने आइटम के प्रति लोगों का रूझान कम हो गया है, कुम्हार रामदास ने कहा जिस हिसाब से इसमें मेहनत और पैसा लगता है, उसके सापेक्ष बहुत कम लाभ मिल पाता है. यहीं कारण है कि कुम्हार दीपावली व गर्मियों में ही इस धंधे को करते हैं, साथ ही कई लोगों ने इस पेशे को छोड़ कर अन्य काम शुरू कर दिया.
ईंधन ने भी निकाला कुम्हारों का दम
600 रुपये में मिलती मिट्टी की ट्राली- कुम्हारों को मिट्टी के बरतन बनाने को भी अब मिट्टी तक खरीदनी पड़ती है. ऐसा नहीं है कि केवल मिट्टी की खरीदारी ही कुम्हारों को परेशान किए है. मिट्टी चाक पर चढ़ने के बाद एक रूप तो ले लेती, पर उसको पक्का करने के लिए मिट्टी को पकाया जाता है. पहले तो मिट्टी को पकाने के लिए भट्ठी का ईंधन महंगा नहीं था, पर अब तो ईंधन ने भी कुम्हारों का दम निकाल दिया है.
60 रुपये सैकड़ा बिकते हैं दीये
अपनी चाक पर मिट्टी के बड़े दिए बना रहे कुम्हार कमलेश सिंह ने बताया कि मिट्टी के दियों की अलग-अलग वैरायटी अब उन लोगों ने भी बनानी शुरू कर दी है. मिट्टी के साधारण दिये 60 रुपये सैकड़ा बेची जाती है, जबकि बड़े दीये जिसे सेरवा कहे जाते हैं, वह एक रुपये में एक बिकता है. कुछ आकर्षक डिजाइन के दीये भी अब बनने शुरू हो गए हैं, जिनकी मांग तो ज्यादा है, साथ ही उनकी कीमत भी ज्यादा है.
बाजार में बेचने में आती परेशानी
कुम्हार सुरेश कुमार कहते है कि धनतेरस से लेकर दीपावली के दिन तक तीन दिन वह लोग बाजार में मूर्तियां व दीयों की बिक्री करते हैं. ऐसे में बाजार में जिस किसी भी दुकान के सामने फुटपाथ पर मूर्ति व दीयों की बिक्री करते हैं, तो उनको भी किराया देना पड़ता है. जिसमें दुकानदार 2000 रुपये से 2500 रुपये की वसूली करता है.