फर्रुखाबाद: जिले में परिवहन निगम की बस के चेसिस नंबर में हेरा-फेरी का मामला सामने आया है. एम फिटनेस वाहन सॉफ्टवेयर हेराफेरी करने वाले वाहन संचालकों के लिए गले की फांस बन गया है. फिटनेस के लिए लाए गए वाहनों का डाटा अपलोड होते ही सॉफ्टवेयर उनकी स्थिति स्पष्ट कर देता है. परिवहन निगम की एक बस को फिटनेस के लिए एआरटीओ कार्यालय लाया गया. जांच के दौरान बस की चेसिस नंबर बदला मिला. सॉफ्टवेयर पर डाटा अपलोड होते ही बस की फिटनेस निरस्त हो गई और सॉफ्टवेयर पर ही उसे कंडम घोषित कर दिया गया.
नंबर से मिलान करने पर सच्चाई आई सामने
एआरटीओ कार्यालय के प्रतिसार निरीक्षक टेक्निकल जीवन कुमार फिटनेस के लिए वाहनों का निरीक्षण करते हैं. सॉफ्टवेयर पर टैब से वाहनों के अलग-अलग एंगल के फोटो खींचकर अपलोड किए जाते हैं. इसके बाद सॉफ्टवेयर से ही वाहनों के अलग-अलग एंगल के फोटो खींचकर अपलोड किए जाते हैं. इसके बाद सॉफ्टवेयर से ही वाहन के फिट या अनफिट होने की जानकारी दी जाती है. परिवहन निगम की बस संख्या यूपी 76 के 0257 स्लाट बुक होने के बाद तय समय पर फिटनेस कराने को लाई गई. आरआई ने बस की जांच अभिलेख में दर्ज चेसिस नंबर से मिलान किया तो वह दूसरा निकला.
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'मामले की होगी जांच'
कर्मचारी के माध्यम से चेसिस की सफाई कराई गई तो पता चला कि बस में किसी ने चेसिस संख्या अलग से बेल्ड की है. इस पर परिवहन निगम अधिकारियों को जानकारी दी गई. सॉफ्टवेयर पर बस का विवरण अपलोड करते ही उसकी फिटनेस निरस्त हो गई और बस को कंडम घोषित कर दिया गया. वहीं, आरसी यादव एआएम ने बताया कि पूर्व में दो बसों की फिटनेस निरस्त हो चुकी है. उनकी मरम्मत कराई जा रही है. चेसिस नंबर बदले जाने की जानकारी उन्हें नहीं है. जांच कर कार्रवाई की जाएगी. वहीं, एआरटीओ कार्यालय के प्रतिसार निरीक्षक टेक्निकल जीवन कुमार ने ईटीवी भारत को बताया कि जांच के दौरान चेसिस में हेराफेरी पाई गई. बस के संचालन पर रोक लगाते हुए परिवहन निगम को उसे कंडम घोषित करने के निर्देश दिए गए हैं.