फर्रुखाबाद: जनपद के गंगा नदी में आई बाढ़ ने पिछले 11 वर्ष का रिकॉर्ड तोड़ दिया है. गंगा और रामगंगा के बढ़े जलस्तर की जद में 190 गांव आ गए हैं जिसमें 50 गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया है. बूढ़ी गंगा भी उफान मारने लगी है जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हो रहा है. तीनों नदियों की बाढ़ से हजारों बीघा सरसों, आलू व धान की फसलें डूब गई हैं. गंगा और रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है. ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन समेत कोई भी जनप्रतिनिधि यहां निरीक्षण के लिए नहीं पहुंचा. केवल कुछ गावों में लेखपाल के माध्यम से नाव जरूर भेजी गयी है.
बता दें, नरौरा बांध से गंगा में सुबह एक लाख 24 हजार 913 क्यूसेक व शाम को एक लाख पांच हजार 85 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. इससे जलस्तर और बढ़ने की आशंका है. रामगंगा का जलस्तर खतरे के निशान 137.10 से 15 सेमी ऊपर यानि 137.25 मीटर पर पहुंच गया है. रामगंगा में खो खरेली, रामनगर से सुबह 12631 क्यूसेक व शाम को 12096 क्यूसेक पानी और छोड़ा गया है. कंपिल क्षेत्र में बूढ़ी गंगा का जलस्तर भी उफान मार रहा है.वहीं अमृतपुर विकासखंड के गांव कंचनपुर, सबलपुर, जगतपुर, हरसिंहपुर कायस्थ, सुंदरपुर, कछुआ गाड़ा, कुंवरपुरा, भुड़रा, तीसराम की मड़ैया, करनपुर घाट, कुड़री आदि गांव में पानी भरने से ग्रामीण परेशान हैं. उन्हें घरेलू व खाद्य सामग्री लाने के लिए नाव का सहारा लेना पड़ रहा है. बाढ़ के चलते पशुओं के चारे के लिए भी बड़ी समस्या है. घरों में पानी भरने से लोग छतों पर बसेरा बनाए हैं.
फर्रुखाबाद से शाहजहांपुर जाने वाले मार्ग और फर्रुखाबाद से बदायूं जाने वाले मार्ग पर चित्रकूट गांव के पास चार फीट बाढ़ का पानी तेज गति से बह रहा है. पांचालघाट पर इटावा-बरेली हाईवे के दोनों ओर खेतों में लबालब पानी भरा है. जहां हजारों वाहन चालक जान की बाजी लगाकर हाइवे से गुजर रहे हैं.
बाढ़ से किसानों की फसल खराब गंगा और रामगंगा में आई बाढ़ के कारण गांवों की बिजली बंद करने का काम शुरू कर दिया गया है. अमृतपुर क्षेत्र के 80, कमालगंज क्षेत्र के चार और शमसाबाद क्षेत्र 16 गांवों की बिजली बंद कर दी गई है. ताकि पानी में तार टूट कर गिरने से हादसे से बचा जा सके.
इसे भी पढ़ें-शाहजहांपुर की तीन तहसीलों में बाढ़ का कहर, लोग सड़कों पर रहने को मजबूर