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कौशल विकास योजनाः युवा कैदी ले रहे ट्रेनिंग - फतेहगढ़ जिला जेल कैदी

फतेहगढ़ जिला जेल (Fatehgarh District Jail) में युवा बंदियों को रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास योजना के तहत चल रहा ट्रेनिंग. जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद ने बताया इससे कैदियों को मिलेगा रोजगार.

युवा कैदी ले रहे इलेक्ट्रॉनिक ट्रेनिंग
युवा कैदी ले रहे इलेक्ट्रॉनिक ट्रेनिंग
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Published : Jan 20, 2022, 9:27 AM IST

फर्रुखाबादः जिला जेल में युवा बंदियों को जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक प्रशिक्षण दिला रहे हैं. जिसे लेकर युवा कैदियों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.

फतेहगढ़ जिला जेल में युवा बंदियों ने इलेक्ट्रॉनिक की प्रशिक्षण को लेकर वायबा तैयार किया. जैसे जेल के अंदर कैदियों को आपात काल में सुविधा कैसे मुहैया कराई जाए. युवाओं ने वायबा तैयार कर जेल अधीक्षक को दिखाया. जिसमें एक युवक ने दिखाया कि किसी भी बैरक में अगर कोई कैदी को परेशानी होती है तो वह उसकी बेल बजाएगा. जिससे जेल के बाहर बने कंट्रोल रूम पर बैरक की लाइट जलने लगेगी और ज्ञात हो जाएगा की इस बैरक के अंदर किसी बंदी को कोई परेशानी है. इससे कैदी की समस्या का निस्तारण किया जा सके.

यह भी पढ़ें- UPPSC ने जारी किया वार्षिक परीक्षा कैलेंडर, ये है PCS PRE 2022 की डेट


बंदियों को प्रशिक्षण दिलवा रहे रहे अध्यापक ने बताया कि करीब ढाई सौ बच्चों को प्रशिक्षण दिलवा चुके हैं. जिससे उनको रोजगार प्राप्त हो रहा है.

जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद (Jail Superintendent Bhimsen Mukund) ने बताया की कौशल विकास के अंतर्गत इन युवा कैदियों को हम एक टीचर के माध्यम से प्रशिक्षण दिला रहे हैं. जिससे युवा बंदी जेल से बाहर निकल कर इसके माध्यम से रोजगार प्राप्त कर सकें. अगर किसी बंदी को सजा होती है तो वह जेल के अंदर ही रहकर काम करें. जिससे रोजगार भी मिलेगा.

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फर्रुखाबादः जिला जेल में युवा बंदियों को जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल विकास योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक प्रशिक्षण दिला रहे हैं. जिसे लेकर युवा कैदियों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है.

फतेहगढ़ जिला जेल में युवा बंदियों ने इलेक्ट्रॉनिक की प्रशिक्षण को लेकर वायबा तैयार किया. जैसे जेल के अंदर कैदियों को आपात काल में सुविधा कैसे मुहैया कराई जाए. युवाओं ने वायबा तैयार कर जेल अधीक्षक को दिखाया. जिसमें एक युवक ने दिखाया कि किसी भी बैरक में अगर कोई कैदी को परेशानी होती है तो वह उसकी बेल बजाएगा. जिससे जेल के बाहर बने कंट्रोल रूम पर बैरक की लाइट जलने लगेगी और ज्ञात हो जाएगा की इस बैरक के अंदर किसी बंदी को कोई परेशानी है. इससे कैदी की समस्या का निस्तारण किया जा सके.

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बंदियों को प्रशिक्षण दिलवा रहे रहे अध्यापक ने बताया कि करीब ढाई सौ बच्चों को प्रशिक्षण दिलवा चुके हैं. जिससे उनको रोजगार प्राप्त हो रहा है.

जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद (Jail Superintendent Bhimsen Mukund) ने बताया की कौशल विकास के अंतर्गत इन युवा कैदियों को हम एक टीचर के माध्यम से प्रशिक्षण दिला रहे हैं. जिससे युवा बंदी जेल से बाहर निकल कर इसके माध्यम से रोजगार प्राप्त कर सकें. अगर किसी बंदी को सजा होती है तो वह जेल के अंदर ही रहकर काम करें. जिससे रोजगार भी मिलेगा.

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