फर्रुखाबाद: उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले के शिक्षक महेश सिंह राठौर ने पर्यावरण शुद्ध करने के इरादे से फूलबाग पार्क बनाकर लोगों के सामने पर्यावरण संरक्षण की मिसाल पेश की है. चार बीघा जमीन में फैले इस पार्क में बड़ी संख्या में लोग टहलने आते हैं. पार्क में 15 से अधिक प्रजाति के फूल और फलदार वृक्ष हैं. पर्यावरण को ऑक्सीजन देने की प्रतिबद्धता को देख पूर्व जिलाधिकारियों ने उन्हें कई बार पुरस्कृत किया है. महेश सिंह को पर्यावरण संरक्षण के लिए आत्मा योजना का पुरस्कार भी मिल चुका है. 2019 में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी उनको सम्मानित कर चुके हैं.
जनपद के राजेपुर क्षेत्र से गुजरने वाले बरेली हाईवे के पास तुषौर गांव के रहने वाले महेश सिंह राठोर पूर्व माध्यमिक विद्यालय राजेपुर में टीचर हैं. उन्होंने यहां अपने पिता वीरपाल सिंह की याद में बगीचा बनाया है. इसकी सुंदरता के चलते लोग अब इसे पार्क भी कहने लगे हैं. यह पार्क पूरे जनपद को पर्यावरण संरक्षण के प्रेरित कर रहा है. बगीचे में लगभग सभी प्रकार के फूलों का समागम है.
कई डीएम के लगाए पौधे वृक्ष बने: महेश सिंह राठोर ने बताया कि कई प्रशासनिक अधिकारी इस बगीचे में स्वयं जाकर पौधे लगा चुके हैं, जो अब वृक्षों में तब्दील हो गए हैं. पर्यावरण संरक्षण की नजीर बना यह बगीचा कभी अधिकारियों की तो कभी क्षेत्रवासियों की सैरगाह बना हुआ है. बगीचे में पौधे लगाने का शुभारंभ तत्कालीन जिलाधिकारी के. धन लक्ष्मी ने फीता काटकर किया था. इसके बाद भी वह कई बार बगीचे गईं और पौधे रोपे.
15 से अधिक प्रजाति के वृक्ष और पौधे: इस बगीचे में आम, अनार अमरूद, बेल, नींबू, मौसमी, कटहल समेत कई तरह के फलदार वृक्ष हैं. इसके अलावा बगीचे के चारों ओर लगे करौंदा के पौधे और अशोक के वृक्ष यहां की शोभा बढ़ा रहे हैं. वहीं, बाग में गुलाब, गुड़हल, रातरानी, चमेली, बेला, गेंदा के पौधे भी लगे हैं. जो बाग में प्रवेश करते ही अपनी खुशबू से लोगों को मदमस्त कर देते हैं.
वाॅकिंग ट्रैक समेत आधुनिक व्यवस्था: पार्क में घूमने वालों की सुविधा के लिए कुर्सीयां लगाई गई हैं. वाॅकिंग ट्रैक भी बनाया गया है. इसके अलावा आधुनिक पार्कों की तर्ज पर बगीचे में कॉटेज भी बने हैं. बरेली हाइवे से गुजरने वाले आसपास के जनपदों के लोग बगीचे में विश्राम करते हैं. यहां आने वाले लोगों का कहना है कि महेश सिंह राठौड़ ने पार्क बनवाकर पर्यावरण को ऑक्सीजन देने का काम किया है. वहीं, पौधों की सिंचाई और हरियाली बनाए रखने के लिए यहां इंजन की व्यवस्था भी की गई है.
डिप्टी सीएम से मिला सम्मान: बाग को आमजन के लिए खोलने और पर्यवरण संरक्षण के लिए काम करने पर महेश सिंह राठोर को कई सम्मान मिल चुके हैं. तत्कालीन जिलाधिकारी मिनिस्ती एस और के धन लक्ष्मी ने पर्यावरण संरक्षण के लिए महेश सिंह राठौर को आत्मा पुरस्कार से सम्मानित किया था. बगीचे का रखरखाव करने और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए महेश सिंह राठोर को आत्मा योजना के तहत पुरस्कृत भी किया जा चुका है. 2019 में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य भी उनको सम्मानित कर चुके हैं.
गंगा की कटान से बचाता है बगीचा: 4 बीघे जमीन पर बना फूलबाग केवल महेश राठौर की वाटिका नहीं है, बल्कि यह बाढ़ की विभीषिका से हर साल घिरने वाले गंगापार के क्षेत्र को कटान से बचाए रखने वाला बाग भी कहलाता है. महेश राठौर ने बताया है कि कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी में ने सबको सीख दी है कि पर्यावरण को शुद्ध रखने के लिए पौधों का संरक्षण जरूरी है. उन्होंने बताया कि इस कार्य में उनके घरवाले और गांव के लोग भी मदद करते हैं.
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