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फर्रुखाबाद में बाढ़ पीड़ितों को बांटे गए सड़े आलू - rotten potatoes distributed in farrukhabad

यूपी के फर्रुखाबाद में बाढ़ पीड़ितों की मदद के नाम पर जिला प्रशासन की ओर से खानापूर्ति की जा रही है. ग्राम समैचीपुर चितार में बाढ़ पीड़ितों ने आरोप लगाया कि उन्हें सड़े आलू बांटे गए.

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बाढ़ पीड़ितों को बांटे गए सड़े आलू.
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Published : Aug 27, 2020, 10:19 PM IST

फर्रुखाबादः जिले में बाढ़ पीड़ितों की मदद के नाम पर जिला प्रशासन की ओर से खानापूर्ति की जा रही है. ब्लाॅक शमशाबाद के ग्राम समैचीपुर चितार में बाढ़ पीड़ितों ने आरोप लगाया कि उन्हें सड़े आलू बांटे गए. विरोध जताते हुए पीड़ितों ने सड़े आलू को फेंकना शुरू कर दिया है.

जनपद में गंगा का जलस्तर 137.00 मीटर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. इस कारण 50 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ित परिवार मुश्किलों से गुजर रहे हैं. मदद के नाम पर प्रशासन से मिल रही राहत सामग्री किट आधी-अधूरी है. गुरुवार को तहसील कायमंगज के ग्राम समैचीपुर चितार का निरीक्षण करने डीएम मानवेंद्र सिंह पहुंचे. डीएम और कायमगंज एसडीएम सुनील यादव ने गांव वालों को आलू समेत तमाम चीजों के राहत सामग्री पैकेट बांटे.

बाढ़ पीड़ितों को बांटे गए सड़े आलू.

ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने जब पैकेट खोलकर देखा तो उसमें सड़े आलू निकले. गांव वालों ने बताया कि डीएम और एसडीएम ने उनको सड़े हुए आलू बांट दिए. राहत सामग्री लेने आए ग्रामीणों में शामिल बारेहसन और देवेंद्र प्रसाद ने इसका पुरजोर विरोध किया. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने सड़े आलू बांट दिए हैं. इसको खाने से गांव वाले बीमार पड़ सकते हैं. इसके बाद वहां मौजूद अमले ने सड़े आलू को फेंकना शुरू कर दिया है. वहीं इस लापरवाही के बाद कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

फर्रुखाबादः जिले में बाढ़ पीड़ितों की मदद के नाम पर जिला प्रशासन की ओर से खानापूर्ति की जा रही है. ब्लाॅक शमशाबाद के ग्राम समैचीपुर चितार में बाढ़ पीड़ितों ने आरोप लगाया कि उन्हें सड़े आलू बांटे गए. विरोध जताते हुए पीड़ितों ने सड़े आलू को फेंकना शुरू कर दिया है.

जनपद में गंगा का जलस्तर 137.00 मीटर खतरे के निशान के करीब पहुंच गया है, जिससे तटवर्ती इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है. इस कारण 50 से अधिक गांव प्रभावित हुए हैं. बाढ़ के कारण ग्रामीण सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन करने को मजबूर हैं. बाढ़ पीड़ित परिवार मुश्किलों से गुजर रहे हैं. मदद के नाम पर प्रशासन से मिल रही राहत सामग्री किट आधी-अधूरी है. गुरुवार को तहसील कायमंगज के ग्राम समैचीपुर चितार का निरीक्षण करने डीएम मानवेंद्र सिंह पहुंचे. डीएम और कायमगंज एसडीएम सुनील यादव ने गांव वालों को आलू समेत तमाम चीजों के राहत सामग्री पैकेट बांटे.

बाढ़ पीड़ितों को बांटे गए सड़े आलू.

ग्रामीणों का आरोप है कि उन्होंने जब पैकेट खोलकर देखा तो उसमें सड़े आलू निकले. गांव वालों ने बताया कि डीएम और एसडीएम ने उनको सड़े हुए आलू बांट दिए. राहत सामग्री लेने आए ग्रामीणों में शामिल बारेहसन और देवेंद्र प्रसाद ने इसका पुरजोर विरोध किया. उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने सड़े आलू बांट दिए हैं. इसको खाने से गांव वाले बीमार पड़ सकते हैं. इसके बाद वहां मौजूद अमले ने सड़े आलू को फेंकना शुरू कर दिया है. वहीं इस लापरवाही के बाद कोई भी जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

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