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फर्रुखाबाद: कालिंदी एक्सप्रेस में पटाखे के बारूद से हुआ था धमाका, फोरेंसिक जांच में हुआ खुलासा - कालिंदी एक्सप्रेस

कानपुर में हुए कालिंदी एक्सप्रेस में विस्फोट में एक नया मोड़ आया है. फोरेंसिक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि विस्फोट में इस्तेमाल किया गया बारूद पटाखे बनाने वाले फैक्ट्री में इस्तेमाल किया जाता है.

रेलवे स्टेशन
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Published : Mar 9, 2019, 9:12 PM IST

फर्रुखाबाद : पिछले महीने 20 फरवरी को कालिंदी एक्सप्रेस के वाथरुम में हुआ बम धमाका पटाखा बनाने वाली बारूद से हुआ था. आगरा के विधि विज्ञान कार्यालय की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. जांच रिपोर्ट जीआरपी फर्रुखाबाद, शिवराजपुर पुलिस और एटीएस को सौंप दी गई है. आगे की कार्रवाई जांच एजेंसियां करेंगी.

फोरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक, विस्फोटक में पोटेशियम क्लोराइड, एल्मुनियम और सल्फर का मिश्रण था. इस तरह का विस्फोटक आमतौर पर पटाखा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. बारुद की जांच रिपोर्ट के बाद से एटीएस के निशाने पर पटाखा कारोबारी आ गए हैं. माना जा रहा है कि कुछ पटाखा कारोबारी अवैध रूप से बारूद ले जा रहे होंगे, उसमें कुछ बारूद शौचालय के पास छुपाकर रखा गया होगा और फट गया हो. एटीएस अब आसपास के वैध- अवैध पटाखा फैक्ट्रियों के बारे में जानकारी जुटा रही है.

कालिंदी एक्सप्रेस धमाके के आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर

पुलिस, जीआरपी और एटीएस की जांच शिवराजपुर और चौबेपुर के मक्कापुरवा तथा तमसहा गांव के इर्द-गिर्द घूम रही है. सुरक्षा एजेंसियों ने दोनों गांव के 9 संदिग्ध की तलाशी की है, जिनकी भूमिका खंगाली जा रही है. इनमें से 5 लोगों के मोबाइल नंबर मिल गए हैं, लेकिन सभी का मोबाइल बंद आ रहा है. हालांकि चार लोगों से पुलिस ने कई बार पूछताछ भी की है. इसमें एक हिस्ट्रीशीटर भी बताया जा रहा है. वहीं पुलिस सूत्रों के अनुसार, संदिग्धों का पूरा ब्यौरा तैयार किया जा रहा है. मजबूत साक्ष्य मिलते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वहीं शिवराजपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर को पुलिस शक की निगाह से देख रही है. जांच में पता चला है कि मक्कापुरवा के हिस्ट्रीशीटर से गांव के ज्यादातर लोगों की रंजिश है. इस नाते भी लोग दबी जुबान से हिस्ट्रीशीटर का नाम ले रहे हैं. फिलहाल फर्रुखाबाद जीआरपी जांच करने में जुटी हुई है.

फर्रुखाबाद : पिछले महीने 20 फरवरी को कालिंदी एक्सप्रेस के वाथरुम में हुआ बम धमाका पटाखा बनाने वाली बारूद से हुआ था. आगरा के विधि विज्ञान कार्यालय की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा किया गया है. जांच रिपोर्ट जीआरपी फर्रुखाबाद, शिवराजपुर पुलिस और एटीएस को सौंप दी गई है. आगे की कार्रवाई जांच एजेंसियां करेंगी.

फोरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक, विस्फोटक में पोटेशियम क्लोराइड, एल्मुनियम और सल्फर का मिश्रण था. इस तरह का विस्फोटक आमतौर पर पटाखा बनाने में इस्तेमाल किया जाता है. बारुद की जांच रिपोर्ट के बाद से एटीएस के निशाने पर पटाखा कारोबारी आ गए हैं. माना जा रहा है कि कुछ पटाखा कारोबारी अवैध रूप से बारूद ले जा रहे होंगे, उसमें कुछ बारूद शौचालय के पास छुपाकर रखा गया होगा और फट गया हो. एटीएस अब आसपास के वैध- अवैध पटाखा फैक्ट्रियों के बारे में जानकारी जुटा रही है.

कालिंदी एक्सप्रेस धमाके के आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर

पुलिस, जीआरपी और एटीएस की जांच शिवराजपुर और चौबेपुर के मक्कापुरवा तथा तमसहा गांव के इर्द-गिर्द घूम रही है. सुरक्षा एजेंसियों ने दोनों गांव के 9 संदिग्ध की तलाशी की है, जिनकी भूमिका खंगाली जा रही है. इनमें से 5 लोगों के मोबाइल नंबर मिल गए हैं, लेकिन सभी का मोबाइल बंद आ रहा है. हालांकि चार लोगों से पुलिस ने कई बार पूछताछ भी की है. इसमें एक हिस्ट्रीशीटर भी बताया जा रहा है. वहीं पुलिस सूत्रों के अनुसार, संदिग्धों का पूरा ब्यौरा तैयार किया जा रहा है. मजबूत साक्ष्य मिलते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वहीं शिवराजपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर को पुलिस शक की निगाह से देख रही है. जांच में पता चला है कि मक्कापुरवा के हिस्ट्रीशीटर से गांव के ज्यादातर लोगों की रंजिश है. इस नाते भी लोग दबी जुबान से हिस्ट्रीशीटर का नाम ले रहे हैं. फिलहाल फर्रुखाबाद जीआरपी जांच करने में जुटी हुई है.

Intro:एंकर- कालिंदी एक्सप्रेस में 20 फरवरी को पटाखे के बारूद से धमाका किया गया था. विधि विज्ञान कार्यालय आगरा की जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है. जांच रिपोर्ट जीआरपी फर्रुखाबाद, शिवराजपुर पुलिस और एटीएस को सौंप दी गई है. फिलहाल यह साफ हो गया है कि घटना के पीछे कोई आतंकी साजिश नहीं है.



Body:विओ- फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक, विस्फोटक में पोटेशियम क्लोराइड, एल्मुनियम और सल्फर का मिश्रण था, सूत्रों के मुताबिक, इस तरह का विस्फोटक आमतौर पर पटाखा में इस्तेमाल किया जाता है. आतंकी इस तरह के लो डेंसिटी वाले विस्फोटक का प्रयोग नहीं करते हैं. बारुद की जांच रिपोर्ट से साफ हो गया है कि कोई आतंकी साजिश नहीं थी. अब रिपोर्ट आने के बाद से एटीएस के निशाने पर पटाखा कारोबारी आ गए हैं. माना जा रहा है कि कुछ पटाखा कारोबारी अवैध रूप से बारूद ले जा रहे होंगे, उसमें कुछ बारूद शौचालय के पास छुपाकर रखा गया होगा और फट गया हो. एटीएस अब आसपास के वैध- अवैध पटाखा फैक्ट्रियों के बारे में जानकारी जुटा रही है.




Conclusion:विओ- कालिंदी एक्सप्रेस धमाके के आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर: पुलिस, जीआरपी और एटीएस की जांच शिवराजपुर और चौबेपुर के मक्कापुरवा तथा तमसहा गांव के इर्द-गिर्द घूम रही है. सुरक्षा एजेंसियों ने दोनों गांव के 9 संदिग्ध की तलाशी की है, जिनकी भूमिका खंगाली जा रही है. इनमें से 5 लोगों के मोबाइल नंबर मिल गए हैं, लेकिन सभी ने बंद कर रखे हैं. हालांकि चार लोगों से पुलिस ने कई बार पूछताछ भी की है. इसमें एक हिस्ट्रीशीटर भी बताया जा रहा है. वहीं पुलिस सूत्रों के अनुसार, संदिग्धों का पूरा ब्यौरा तैयार किया जा रहा है. मजबूत साक्ष्य मिलते ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा. वहीं शिवराजपुर थाने के हिस्ट्रीशीटर को पुलिस शक की निगाह से देख रही है. जांच में पता चला है कि मक्कापुरवा के हिस्ट्रीशीटर से गांव के ज्यादातर लोगों की रंजिश है. इस नाते भी लोग दबी जुबान से हिस्ट्रीशीटर का नाम ले रहे हैं. फिलहाल फर्रुखाबाद जीआरपी जांच करने में जुटी हुई है.
बाइट- मुकेश कुमार, जीआरपी इंस्पेक्टर
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