फर्रुखाबाद: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष और कोषागार कार्यालय के वरिष्ठ सहायक अखिलेश चंद्र अग्निहोत्री आय से अधिक संपत्ति मामले में दोषी पाए गए हैं. कोतवाली फतेहगढ़ में दोषी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया है. यह मुकदमा भ्रष्टाचार निवारण संगठन आगरा इकाई के प्रभारी निरीक्षक जसपाल सिंह पवार द्वारा दर्ज कराया गया है.
- कोषागार कार्यालय के वरिष्ठ सहायक पर आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज.
- जांच में दोषी पाए गए कोषागार कार्यालय के वरिष्ठ सहायक अखिलेश चंद्र अग्निहोत्री.
- भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कोतवाली फतेहगढ़ में दर्ज कराया गया मुकदमा.
फतेहगढ़ स्थित कोषागार कार्यालय में अखिलेश चंद्र अग्निहोत्री वरिष्ठ सहायक के पद पर तैनात हैं. 18 जुलाई 2017 को तत्काली डीएम रवींद्र कुमार ने कर्मचारी नेता अखिलेश चंद्र के खिलाफ आय से अधिक चल-अचल संपत्ति की जांच के आदेश दिए थे. इसके बाद महानिदेशक आर्थिक अपराध अनुसंधान विभाग, लखनऊ व अपर पुलिस महानिदेशक भ्रष्टाचार निवारण संगठन को पत्र लिखा गया था.
आगरा इकाई के निरीक्षक शिवराज सिंह को मामले की जांच दी गई थी. एसपी डाॅ.अनिल कुमार मिश्र ने बताया कि भ्रष्टाचार निवारण संगठन आगरा इकाई के प्रभारी निरीक्षक जसपाल सिंह पवार ने कोषागार कार्यालय के वरिष्ठ सहायक अखिलेश चंद्र अग्निहोत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मुकदमा दर्ज कराया है.
74 लाख से अधिक मिली थी संपत्ति
जांच में पता चला कि शहर कोतवाली के मोहल्ला सेनापति निवासी अखिलेश चंद्र अपनी आय के समस्त ज्ञात एवं वैध स्रोतों से कुल 74,43,899 रुपये की आय अर्जित की गई. इस अवधि में उनके द्वारा परिसंपत्तियों के अर्जन एवं भरण-पोषण पर कुल व्यय 1,14,26,926 रुपये का खर्च पाया गया, जो कि आय के सापेक्ष 39,83,027 रुपये यानी 53.50 फीसद अधिक है. वहीं मामले के सामने आने के बाद अखिलेश चंद्र अग्निहोत्री कोई साक्ष्य नहीं दे सके.