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इटावा: नवजात शिशु की इलाज के दौरान मौत, डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले में इलाज के दौरान नवजात बच्चे की मौत हो गई. वहीं परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

सुशीला हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर में नवजात की मौत.
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Published : Oct 17, 2019, 4:42 PM IST

Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST

इटावाः शहर में ड्रीमलैंड कॉलोनी स्थित सुशीला हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर में एक नवजात शिशु की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है. आरोप है कि इलाज के दौरान बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद बच्चे को रेफर करने की मांग की गई, लेकिन डॉक्टर ने उसे रेफर करने से मना कर दिया. वहीं आरोपी डॉक्टर का कहना है कि बच्चे की खराब हालत के बारे में परिजनों को पहले ही बताया गया था.

सुशीला हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर में नवजात की मौत.

सांस लेने में थी दिक्कत

  • जिले के ड्रीमलैंड कॉलोनी स्थित सुशीला हॉस्पिटल में इलाज के दौरान एक नवजात शिशु की इलाज के दौरान मौत हो गई.
  • परिजनों का आरोप है कि नर्सिंग होम के डॉक्टर की लापरवाही से उनके बच्चे की जान चली गई.
  • मृतक नवजात शिशु के परिजनों ने बताया कि नवजात बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.
  • यह भी बताया कि अस्पताल से भगाने के लिए पुलिस के सामने ही नर्सिंग होम के स्टाफ ने अभद्रता की.

पढे़ं- इटावा: घर में घुसकर न्यूज चैनल के एंकर की पत्नी की हत्या


पैसे के आभाव में किसी का इलाज नहीं रुकना चाहिए और डिस्चार्ज के समय में भी इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. रेफर करने में नर्सिंग होम अगर इस तरह का व्यवहार कर रहा तो इसपर कार्रवाई की जाएगी.

-रविन्द्र यादव ,सीएमओ

इटावाः शहर में ड्रीमलैंड कॉलोनी स्थित सुशीला हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर में एक नवजात शिशु की इलाज के दौरान मौत हो गई. परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है. आरोप है कि इलाज के दौरान बच्चे की हालत में सुधार नहीं हुआ, जिसके बाद बच्चे को रेफर करने की मांग की गई, लेकिन डॉक्टर ने उसे रेफर करने से मना कर दिया. वहीं आरोपी डॉक्टर का कहना है कि बच्चे की खराब हालत के बारे में परिजनों को पहले ही बताया गया था.

सुशीला हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर में नवजात की मौत.

सांस लेने में थी दिक्कत

  • जिले के ड्रीमलैंड कॉलोनी स्थित सुशीला हॉस्पिटल में इलाज के दौरान एक नवजात शिशु की इलाज के दौरान मौत हो गई.
  • परिजनों का आरोप है कि नर्सिंग होम के डॉक्टर की लापरवाही से उनके बच्चे की जान चली गई.
  • मृतक नवजात शिशु के परिजनों ने बताया कि नवजात बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी.
  • यह भी बताया कि अस्पताल से भगाने के लिए पुलिस के सामने ही नर्सिंग होम के स्टाफ ने अभद्रता की.

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पैसे के आभाव में किसी का इलाज नहीं रुकना चाहिए और डिस्चार्ज के समय में भी इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए. रेफर करने में नर्सिंग होम अगर इस तरह का व्यवहार कर रहा तो इसपर कार्रवाई की जाएगी.

-रविन्द्र यादव ,सीएमओ

Intro:विशेष नोट-डेस्क ध्यानार्थ-इस स्टोरी से सम्बंधित सीएमओ रविन्द्र यादव की वाइट मोजो 424 से भेजी गई है।
एंकर-सूबे के इटावा शहर में ड्रीमलैंड कालोनी स्थित सुशीला हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर में ये महिलाएं बदहवास होकर रो रहीं हैं।रोती हुई महिलाएं इन बदहवास महिलाओ में एक वो भी बदनसीब मां है,जिसके नवजात शिशु को इलाज के नाम पर इस नर्सिंग होम ने मौत दे दी।इस घटना के बाद इस नर्सिंग होम के डॉक्टर डी के सिंह व नर्सिंग स्टाफ की मानवीय सम्वेदनाएँ भी मर गयीं।मृतक नवजात शिशु के परिजनों को अस्पताल से भगाने के लिये पुलिस के सामने ही डॉक्टर के इशारों पर इस नर्सिंग होम के स्टाफ ने बदतमीजी भी की।बाद में थाना सिविल लाइंस पुलिस ने इस नर्सिग होम के एक कर्मी को हिरासत में ले लिया।मृतक नवजात शिशु के परिजनों ने बताया कि उनका नवजात बच्चा सांस लेने मे दिक्कत की बीमारी से ग्रसित था।इस नर्सिंग होम में चल रहे इलाज के बाद भी उनका बच्चा सीरियस होता चला गया।जब परिजनों ने मंगलवार की सुबह अपने नवजात बच्चे को रैफर करने की मांग की तो डॉक्टर ने उसे रैफर नहीं किया।परिणामस्वरूप बच्चे की मौत हो गयी।
वाइट-(1)-विनोद कुमार कौशल(मृतक नबजात बच्चे के नाना)
(2)-राहुल गुप्ता(मृतक नवजात बच्चे का पिता)Body:वीओ(1)-जब इस मामले में नर्सिंग होम सञ्चालक डॉक्टर से बात की गई ,तो वो दलील देने लगे कि इलाज के दौरान एकाध बच्चे की मौत होने स्वभाविक है।डॉक्टर ने बताया कि परिजनों को समय से बता दिया गया था कि उनका बच्चा सीरियस है।
वाइट-डी के सिंह(आरोपी नर्सिंग होम सचालक/डॉक्टर)
वीओ(2)-मृतक नवजात शिशु के परिजन थाना सिविल लाइंस में आरोपी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज करवाना चाहते थे, लेकिन डॉक्टर के धनबल के आगे नतमस्तक थाना सिविल लाइंस पुलिस ने अब तक मामला दर्ज नही किया है।जबकि इस मामले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि रैफर करने में नर्सिंग होम अगर इस तरह का व्यवहार कर रहे हैं तो इसका कड़ा संदेश दिया जाएगा।
वाइट-रविन्द्र यादव(सीएमओ)Conclusion:वीओ(3)-इटावा शहर में प्राइवेट नर्सिंग होम में इस तरह की यह पहली घटना नहीं है।अभी पिछले 15 दिन पूर्व ही शहर के बाला जी नर्सिंग होम में भी मरीज के।परिजनों के कहने पर भी डॉक्टर ने सिर्फ लम्बा बिल बनाने के लालच में मरीज को रैफर नहीं किया था और वो मर गया था।अब सुशीला हॉस्पिटल रिसर्च सेंटर में भी नवजात बच्चों को डॉक्टर ने समय से रैफर नही किया।परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गयी।
Last Updated : Sep 4, 2020, 12:24 PM IST
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