देवरिया : जिले में मिशन शक्ति और बाल संरक्षण समिति की बैठक बुधवार को आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के दौरान यौन हिंसा, लैंगिक असमानता, घरेलू हिंसा तथा दहेज हिंसा आदि से पीड़ित महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाने के उद्देश्य से 'हक की बात जिलाधिकारी के साथ' कार्यक्रम वन स्टाप सेंटर में आयोजित किया गया. इस दौरान अपर जिलाधिकारी प्रशासन कुंवर पंकज ने कहा कि महिलाओं और बालिकाओं को सुरक्षा, स्वालम्बन और सम्मान प्राप्त हो, इसके लिए मिशन शक्ति के तहत यह कार्यक्रम रखा गया है. ताकि पीड़ित महिलाएं और बालिकाएं अपनी समस्याओं को प्रस्तुत कर सके. साथ ही उस पर त्वरित कार्रवाई हो सके. उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा सभी की प्राथमिकता होनी चाहिये. किसी भी स्तर पर वे हिंसा आदि की शिकार न हो, इसके लिए पूरे समाज को जागरुक होने की जरुरत है.
वन स्टाप सेंटर पर 21 महिलाएं रहीं उपस्थित
जनपद की पीड़ित कुल 21 महिलाओं ने वन स्टाप सेंटर पर उपस्थित होकर इस कार्यक्रम से जुड़ी और अपनी समस्याओं को रखीं. इसके साथ ही 10 प्रकरणों का निस्तारण किया गया तथा शेष प्रकरणों पर कार्रवाई किये जाने हेतु सम्बन्धित को निर्देशित भी किया गया. समस्त प्रकरणों में से 6 प्रकरण जमीन विवाद से सम्बन्धित थे और वहीं 15 प्रकरण घरेलू हिंसा से संबंधित थे.
बाल संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन
इसके साथ ही विकासखंड देवरिया सदर में ब्लॉक बाल संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में बाल संरक्षण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हुए उपस्थित समस्त स्टेक होल्डर्स को इसके प्रति का जागरुक किया गया.
वहीं खंड विकास अधिकारी कृष्णकांत राय, थाने के नामित बाल कल्याण अधिकारी, एसआई सुषमा तिवारी द्वारा बच्चों और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करते हुए विषम परिस्थितियों में कैसे पुलिस से सहायता प्राप्त की जा सकती है, इस बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी गई. बाल संरक्षण अधिकारी जयप्रकाश तिवारी ने बाल संरक्षण मुद्दों से जुड़े समस्त स्टेक होल्डर्स के बारे में जानकारी देते हुए, समस्त की भूमिकाओं को एक-एक करके बताया.
बाल सुरक्षा छतरी के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई
इसके साथ ही जय प्रकाश तिवारी ने बाल सुरक्षा छतरी के बारे में विस्तृत रूप से लोगों को जानकारी दी. यदि कोई बच्चा लापता हो जाता है तो उसे कैसे पुनः परिवार में समायोजित कराया जा सकता है. समाज से परित्यक्त, लावारिस, अनाथ बच्चों को कैसे संरक्षण दिया जाए और कानून का उल्लंघन करने वाले बालकों को समाज की मुख्य धारा से जोड़े जाने आदि के संबंध में जानकारी दी गयी.