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बुलंदशहर: आवारा गोवंशों ने किया ग्रामीणों की नाक में दम

प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी गोवंश खुलेआम शहर से लेकर गांव तक घूमते नजर आ रहे हैं. ऐसे में गोवंश कई बार दुर्घटनाओं की वजह बन जाते हैं. जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ता है.

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Published : Feb 28, 2019, 5:47 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बेसहारा गोवंशों से ग्रामीण परेशान

बुलंदशहर: सरकार की तमाम कवायदों के बाद भी गोवंश खुलेआम शहर से लेकर गांव तक घूमते नजर आ रहे हैं. बुलंदशहर में इन लावारिसों ने किसानों और व्यापारियों दोनों की नाक में दम कर रखा हैं. ऐसे में गोवंश कई बार दुर्घटनाओं की वजह बन जाते हैं. जिसका खामियाजा आम जन को भुगतना पड़ता है.

बेसहारा गोवंशों से ग्रामीण परेशान

प्रदेश सरकार ने किसानों की समस्याओं को लेकर कई स्थाई और अस्थाई गौशाला बनाने के आदेश सूबे में दिए थे . जिसके बाद भी गोवंश शहर ही नहीं गांव में भी खुलेआम किसानों की फसलों को तबाह करते देखे जा सकते हैं. आलम ये है कि किसानों को रात-रात भर जागकर अपने खेतों में पहरा देना पड़ता है. तो वहीं सरकार के नुमाइंदों की तरफ से गौशाला निर्माण के काम में लगातार लापरवाही बरती जा रही हसाथ ही उन्हें भर पेट भोजन की व्यवस्था अभी भी बड़ा सवाल बना हुआ है.

यही वजह है कि गौशालाओंके चौकीदार दिन में जानवरों खुला छोड़ देते हैं और शाम होते ही उन्हें फिर पकड़ लेते हैं. ऐसे में ये जानवर सारा दिन किसानों की फसलों को तबाह करते हैं और किसान अपना सब काम छोड़कर रात को भी खेतों पर पहरा देने को मजबूर हैं.

फिलहाल गोवंश खुलेआम विचरण लोगो को परेशान कर रहे हैं. वही गौशालाओं का निर्माण कार्य सुस्त पड़ा है. लेकिन गोवंशों को इनमें लाने के लिए सिर्फ किसान ही परेशान हैं.जब तक इन गौशालाओं में व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो जातीं तब तक इनकी सार्थकता सिद्ध नहीं हो सकती है.

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बुलंदशहर: सरकार की तमाम कवायदों के बाद भी गोवंश खुलेआम शहर से लेकर गांव तक घूमते नजर आ रहे हैं. बुलंदशहर में इन लावारिसों ने किसानों और व्यापारियों दोनों की नाक में दम कर रखा हैं. ऐसे में गोवंश कई बार दुर्घटनाओं की वजह बन जाते हैं. जिसका खामियाजा आम जन को भुगतना पड़ता है.

बेसहारा गोवंशों से ग्रामीण परेशान

प्रदेश सरकार ने किसानों की समस्याओं को लेकर कई स्थाई और अस्थाई गौशाला बनाने के आदेश सूबे में दिए थे . जिसके बाद भी गोवंश शहर ही नहीं गांव में भी खुलेआम किसानों की फसलों को तबाह करते देखे जा सकते हैं. आलम ये है कि किसानों को रात-रात भर जागकर अपने खेतों में पहरा देना पड़ता है. तो वहीं सरकार के नुमाइंदों की तरफ से गौशाला निर्माण के काम में लगातार लापरवाही बरती जा रही हसाथ ही उन्हें भर पेट भोजन की व्यवस्था अभी भी बड़ा सवाल बना हुआ है.

यही वजह है कि गौशालाओंके चौकीदार दिन में जानवरों खुला छोड़ देते हैं और शाम होते ही उन्हें फिर पकड़ लेते हैं. ऐसे में ये जानवर सारा दिन किसानों की फसलों को तबाह करते हैं और किसान अपना सब काम छोड़कर रात को भी खेतों पर पहरा देने को मजबूर हैं.

फिलहाल गोवंश खुलेआम विचरण लोगो को परेशान कर रहे हैं. वही गौशालाओं का निर्माण कार्य सुस्त पड़ा है. लेकिन गोवंशों को इनमें लाने के लिए सिर्फ किसान ही परेशान हैं.जब तक इन गौशालाओं में व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो जातीं तब तक इनकी सार्थकता सिद्ध नहीं हो सकती है.

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Intro:बेसहारा लावारिस गोवंश को सरकार के दिशा निर्देश के बाद भी खुलेआम शहर से लेकर गांव तक विचरण करते देखा जा सकता है ,जबकि सरकार ने कई बार अधिकारियों को आदेश दिया है कि ऐसे गोवंश को स्थाई और अस्थाई गौशालाओं में भेजा जाए सड़कों और रास्तों पर बेसहारा घुमंतू गोवंश कई बार दुर्घटनाओं की वजह बन जाते हैं ,हालांकि इसके लिए अब कई गौशालाओं का निर्माण भी किया जा रहा है ,लेकिन अभी गौशालाओं में तमाम व्यवस्थाएं नजर नहीं आती।


Body:योगी सरकार ने किसानों की समस्याओं को लेकर स्थाई और अस्थाई गौशाला बनाने के आदेश तमाम जिलों के अधिकारियों को सूबे में दिए थे ,जिसके बाद कुछ प्रयास भी किए जा रहे हैं तो वही ऐसे गोवंश अभी भी शहर में ही नहीं गांव में भी खुलेआम किसानों की फसलों को तबाह करते देखे जा सकते हैं ,आलम यह है कि किसानों को रात रात भर जागकर पहरा भी अपने खेतों पर देना पड़ता है, तो वहीं सरकार के नुमाइंदों की तरफ से गौशाला निर्माण भी किये जा रहे हैं, लेकिन वह भी अपर्याप्त ही दिख रहे हैं,यही वजह है कि बाउंड्री वाल और टिन शेड के अलावा अभी भी वहां यह संकट बना हुआ है कि इन गोवंश को कहां से खिलाया जाएगा, यही वजह है कि अभी पिछले दिनों जिले के खुर्जा तहसील के समसपुर के पास बनी एक गौशाला के गोवंश को वहां का चौकीदार दिन में खुला छोड़ देता था,और फिर शाम को उन्हें पकड़ लेता था,लेकिन एक भूखे सांड ने कई बच्चों पर हमला कर दिया था ,जिसके बाद उन बच्चों को बचाने में एक युवक की जान तक आवारा गोवंश ने ले ली थी,कई बार तो ये गोवंश आतंक भी फैलाने लगते हैं तो वहीं शहरी क्षेत्र में आएदिन ऐसे बेसहारा पशु राहगीरों के लिए मुसीबत बन रहते हैं,फिलहाल कुछ गौशालाओं का निर्माण भी अब शुरू हो गया है या यों कहिये आधी अधूरी तैयारियों से गौशाला निर्माण हुआ है लेकिन उन्है भर पेट भोजन की व्यवस्था अभी भी बड़ा सवाल है, इतना ही नहीं जिले के विद्यालयों तक में जहां चारदीवारी नहीं है उनमें भी अक्सर यह गोवंश आवारा अन्य पशुओं के साथ घुसते देखे जा सकते हैं, फिलहाल इस मामले में बेसिक शिक्षा विभाग ने भी अधिकारियों से बात की और उन्हें आवारा गायों को गौशाला में शिफ्ट कराने के बारे में पत्र लिखा था , सबसे ज्यादा जो दिक्कत झेल रहा है वह है अन्नदाता, किसान को ना सिर्फ इन गोवंश को अपने खेतों में जाने से रोकना पड़ रहा है बल्कि अपने कई कामों को छोड़कर रात को पहरा तक भी खेतों पर देना पड़ता है, अब तो लोग अक्सर खेत पर रखवाली करते हुए सिर्फ इसलिए देखे जाते हैं कि उनके खेतों में यह लावारिश गोवंश प्रवेश ना करें ,लेकिन शहर की सड़कों से गांव के खेतों तक इन्हें विचरण करते देखा जा सकता है,
बाइट....रघुवीर,गौशाला में गोवंश छोड़ने आया किसान ,
बाइट.... मोहितोष,खेतों की रखवाली करता युवा,
बाइट....अम्बरीष कुमार ,बेसिक शिक्षा अधिकारी....



Conclusion:फिलहाल गोवंश वाकायदा खुलेआम विचरण शहर से लेकर गांव तक कर रहे हैं,अस्थायी और स्थायी गौशालाओं का निर्माण भी शुरू हो चुका है,लेकिन गोवंशों को इनमें लाने के लिए सिर्फ किसान ही परेशान हैं।क्योंकि सबसे ज्यादा परेशानी भी किसान को ही है।लेकिन अगर इन गौशालाओं में जब तक व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो जातीं तब तक इनकी सार्थकता सिद्ध नहीं हो सकती।

shripal teotia,
बुलन्दशहर,
9213400888.
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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