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बुलंदशहर: आम की पैदावार में आई कमी, अब बागवान करेंगे भरपाई - बुलंदशहर में आम की पैदावार में आई कमी

इस बार आम की पैदावार में काफी कमी आई है और इसकी वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई अब आम के बागवानों को करनी होगी. बागवान अब आम एक्सपोर्ट करने की तैयारी में हैं. इसके लिए अब आमों को विदेशों में निर्यात कराए जाने की तैयारी है.

आम की पैदावार में आई कमी की अब बागवान करेंगे भरपाई
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Published : Jun 11, 2019, 4:21 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: गर्मियां शुरू होते ही अलग-अलग किस्म के आम बाजारों में बिकना शुरु हो जाते हैं. लेकिन इस बार आम की पैदावार में काफी कमी आई है और इसकी वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई अब आम के बागवानों को करनी होगी. बताया जा रहा है कि आम के बागवान अब आम एक्सपोर्ट करने की तैयारी में हैं, जिसके लिए आम उत्पादन से जुड़े लोग अब आम देश के बाहर निर्यात करने के लिए लगातार पंजीकरण करा रहे हैं.

आम की पैदावार में आई कमी की अब बागवान करेंगे भरपाई

उद्यान विभाग के सहयोग से बागवान करा रहे पंजीकरण

  • आम की पैदावार में आई कमी की भरपाई करेंगे बागवान.
  • भरपाई के लिए अब विदेशों में आम एक्सपोर्ट करने की तैयारी में हैं बागवान.
  • विदेशों में आम के निर्यात के लिए बागवान उद्यान विभाग के सहयोग से पंजीकरण करा रहे हैं.

क्यों आई आमों की पैदावार में कमी

एक के बाद एक कई आंधी तूफानों से फसल चौपट हुई जिससे इस बार आम की पैदावार में खासी कमी आई. बुलंदशहर में भी आमों के उत्पादन में भारी गिरावट देखी जा रही है जिसके चलते बागवानों को कफी नुकसान हो रहा है. इस नुकसान की भरपाई के लिए उद्यान विभाग ने आम के निर्यात के लिए बागवानों को रास्ता सुझाया है.

बुलंदशहर: गर्मियां शुरू होते ही अलग-अलग किस्म के आम बाजारों में बिकना शुरु हो जाते हैं. लेकिन इस बार आम की पैदावार में काफी कमी आई है और इसकी वजह से होने वाले नुकसान की भरपाई अब आम के बागवानों को करनी होगी. बताया जा रहा है कि आम के बागवान अब आम एक्सपोर्ट करने की तैयारी में हैं, जिसके लिए आम उत्पादन से जुड़े लोग अब आम देश के बाहर निर्यात करने के लिए लगातार पंजीकरण करा रहे हैं.

आम की पैदावार में आई कमी की अब बागवान करेंगे भरपाई

उद्यान विभाग के सहयोग से बागवान करा रहे पंजीकरण

  • आम की पैदावार में आई कमी की भरपाई करेंगे बागवान.
  • भरपाई के लिए अब विदेशों में आम एक्सपोर्ट करने की तैयारी में हैं बागवान.
  • विदेशों में आम के निर्यात के लिए बागवान उद्यान विभाग के सहयोग से पंजीकरण करा रहे हैं.

क्यों आई आमों की पैदावार में कमी

एक के बाद एक कई आंधी तूफानों से फसल चौपट हुई जिससे इस बार आम की पैदावार में खासी कमी आई. बुलंदशहर में भी आमों के उत्पादन में भारी गिरावट देखी जा रही है जिसके चलते बागवानों को कफी नुकसान हो रहा है. इस नुकसान की भरपाई के लिए उद्यान विभाग ने आम के निर्यात के लिए बागवानों को रास्ता सुझाया है.

Intro:इस बार आम की पैदावार में काफी कमी आई है जिसकी वजह से,इस होने वाले नुकसान कि भरपाई को आम के बागवान अब एक्सपोर्ट करने की तैयारी में हैं ,जिसके लिए आम उत्पादन से जुड़े लोग अब आम का देश के बाहर निर्यात करने के लिए लगातार उद्यान विभाग के सहयोग से पंजीकरण करा रहे हैं।देखिये इटीवी भारत की ये विशेष रिपोर्ट।




Body:पिछले साल जहां आम की फसल में खासी गिरावट आई थी,क्योंकि एक के बाद एक कई आंधी तूफानों की वजह से फसल चौपट हुई थी तो वहीं इस बार आम की पैदावार को मौसम की मार की वजह से प्रभावित होना पड़ा है, इस बार बुलंदशहर की स्याना फल पट्टी का आम उत्पादक खासा परेशान क्योंकि इस बार उत्पादन में भारी गिरावट दर्ज की जा रही है, हम आपको बता दें कि लखनऊ के मलिहाबाद के बाद बुलंदशहर के अकेले स्याना तहसील में आम का बम्पर उत्पादन हुआ करता है,यहां की फल पट्टी की बात की जाए तो करीब 12हजार हेक्टेयर में आम का उत्पादन किया जाता है ,जबकि जिले भर में करीब 14 हजार हेक्टेयर भूमि पर आम के बागान हैं, ऊधान विभाग भी मानता है कि आम उत्पादन में काफी नुकसान है,इस बार मौसम में आए उतार-चढ़ाव की वजह से फसल काफी प्रभावित हुई है ,जिसकी वजह से आम उत्पादन से जुड़े किसानों और व्यापारियों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ सकता है, अब इस नुकसान की भरपाई के लिए उद्यान विभाग ने आम के निर्यात के लिए किसानों को रास्ता सुझाया है जिसके बाद अब तक करीब 80 किसान, आम उत्पादक और ठेके पर बाग लेकर मुनाफ़ा कमाने का प्रयास करने वाले ठेकेदारों ने उद्यान विभाग के द्वारा सुझाए गए रास्ते पर चलते हुए अपने बागानों के आम को एक्सपोर्ट करने का मन बना चुके हैं ,इसके लिए बाकायदा एग्रीकल्चरल एंड प्रोसैस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट् डेवलपमेंट ऑथोरिटी(APEDA) मैं जिला उद्यान विभाग के सहयोग से पंजीकरण कराया गया है, जिसके माध्यम से इस बार नुकसान की भरपाई के लिए आम का निर्यात बुलंदशहर जिले से भी किया जाएगा तो वहीं जिला उद्यान अधिकारी का कहना है कि अभी इसमें और भी आम उत्पादक बढ़ सकते हैं, जबकि अब तक APEDA में करीब 80 रजिस्ट्रेशन हो चुके हैं उन्होंने बताया कि रजिस्ट्रेशन पूरी तरह से निशुल्क होता है,और आम की गुणवत्ता के मुताबिक मुनाफा भी यहां से ज्यादा मिल जाता है ,जिससे उम्मीद है जो इस बार फसल कमजोर हूई है और इससे जो लागत लगने के बाद भी नुकसान होने की संभावना बनी हुई है उसकी भरपाई की जा सकती है।

बाइट....धीरेंद्र कुमार, जिला उद्यान अधिकारी।

पीटीसी....श्रीपाल तेवतिया।


Conclusion:
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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