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बुलंदशहर: जिले के 643 स्कूलों में नहीं है चारदीवारी की सुरक्षा, फंड की कमी बड़ी 'परेशानी' न बन जाए - बिन दिवार पढ़ रहे बच्चे

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के सरकारी विद्यालयों की स्थिति ऐसी है, जहां देश के भविष्य बिन चारदीवारी के पढ़ाई करते हैं. वहीं 643 ऐसे स्कूल हैं जहां पर अव्यवस्थाओं का बोलबाला है.

स्कूल से जाता है गांव के घरों का रास्ता.
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Published : Nov 4, 2019, 7:33 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहर: प्रदेश सरकार हर तरह की कोशिश कर रही है सरकारी विद्यालयों की तस्वीर को सुधारने के लिए ताकि लोगों का रुझान बढ़े और लोग अपने बच्चों का इन सरकारी स्कूलों में दाखिला कराएं. सरकार स्टूडेंट्स को कॉन्वेंट स्कूल की तरह सारी सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयास कर रही है. ऐसी बात हमें काफी बार सुनने को मिलती है, लेकिन बुलंदशहर जिले में अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत ऐसे कई स्कूलों की लंबी फेहरिस्त है, जहां स्कूल में चारदीवारी भी नहीं है. फिलहाल जिले में 643 स्कूलों में चारदीवारी तक भी नहीं है.

स्कूल से जाता है गांव के घरों का रास्ता.

बिना चारदीवारी के स्कूल में पढ़ रहे हैं देश के भविष्य
जिले में अभी भी ऐसे कई स्कूल है जहां चार दीवार तक नहीं है. वहीं बिन दीवार के देश के भविष्य पढ़ाई कर रहे हैं. जिले में 600 से ज्यादा ऐसे विद्यालय हैं, जहां बाउंड्री वॉल तक नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने ऐसे ही एक विद्यालय का रूख किया, जहां स्कूल से होकर घरों का रास्ता जाता है. यह सरकारी प्राथमिक विद्यालय ऐसा है जहां से निकलकर ही कई घरों में जाया जा सकता है.

स्कूल से जाता है घरों का रास्ता
वहीं बिना विद्यालय से गुजरे घरों में जाया भी नही जा सकता क्योंकि इसके अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है. यहां तक की कई बार ऐसा भी देखा जा सकता है कि जिले के आवारा जानवर भी स्कूल में खुलेआम घूमते है. इनसे डर यह है कि कहीं ये बच्चों को नुकसान न पहुंचा दें. यह परेशान करने वाली बात है. इस बात को ग्राम प्रधान प्रतिनिधि भी स्वीकारते हैं. जिले के गुलावठी ब्लाक क्षेत्र के सोहनपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय का यह हाल काफी विचलित करने वाला हैं. उच्च प्राथमिक विद्यालय से घरों का रास्ता गुजरता है. यहां अभी तक चार दीवारी तक नहीं बनी है.

इसे भी पढ़ें- बच्चों का अनूठा स्कूल बैंक : स्टूडेंट्स को मिलेगा 'शिक्षा' का लोन

643 स्कूल में है अव्यवस्थाओं का बोलबाला
इस बारे में ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि का कहना है कि उन्होंने शासन को कई बार इस मामले से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक भी कोई बदलाव यहां नहीं देखने को मिला है. हालांकि ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि को अभी भी विश्वास है कि यहां बदलाव आएगा. वहीं दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि फंड की कमी के चलते स्कूलों की चार दीवारी नहीं बन पाई है. साथ ही वह मानते हैं कि जिले में 2399 बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले स्कूल हैं, जहां देखा जाए तो करीब 643 स्कूल ऐसे स्कूल जहां चार दीवारी न होने की वजह से अव्यवस्थाओं का बोलबाला है.

फिलहाल 20 स्कूलों की चारदीवारी के लिए फंड मिला है. वहीं स्कूल का निर्माण कराया जा रहा है.
-अम्बरीष कुमार यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी

बुलंदशहर: प्रदेश सरकार हर तरह की कोशिश कर रही है सरकारी विद्यालयों की तस्वीर को सुधारने के लिए ताकि लोगों का रुझान बढ़े और लोग अपने बच्चों का इन सरकारी स्कूलों में दाखिला कराएं. सरकार स्टूडेंट्स को कॉन्वेंट स्कूल की तरह सारी सुविधाएं मुहैया कराने के प्रयास कर रही है. ऐसी बात हमें काफी बार सुनने को मिलती है, लेकिन बुलंदशहर जिले में अभी तक बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत ऐसे कई स्कूलों की लंबी फेहरिस्त है, जहां स्कूल में चारदीवारी भी नहीं है. फिलहाल जिले में 643 स्कूलों में चारदीवारी तक भी नहीं है.

स्कूल से जाता है गांव के घरों का रास्ता.

बिना चारदीवारी के स्कूल में पढ़ रहे हैं देश के भविष्य
जिले में अभी भी ऐसे कई स्कूल है जहां चार दीवार तक नहीं है. वहीं बिन दीवार के देश के भविष्य पढ़ाई कर रहे हैं. जिले में 600 से ज्यादा ऐसे विद्यालय हैं, जहां बाउंड्री वॉल तक नहीं है. ईटीवी भारत की टीम ने ऐसे ही एक विद्यालय का रूख किया, जहां स्कूल से होकर घरों का रास्ता जाता है. यह सरकारी प्राथमिक विद्यालय ऐसा है जहां से निकलकर ही कई घरों में जाया जा सकता है.

स्कूल से जाता है घरों का रास्ता
वहीं बिना विद्यालय से गुजरे घरों में जाया भी नही जा सकता क्योंकि इसके अलावा और कोई रास्ता भी नहीं है. यहां तक की कई बार ऐसा भी देखा जा सकता है कि जिले के आवारा जानवर भी स्कूल में खुलेआम घूमते है. इनसे डर यह है कि कहीं ये बच्चों को नुकसान न पहुंचा दें. यह परेशान करने वाली बात है. इस बात को ग्राम प्रधान प्रतिनिधि भी स्वीकारते हैं. जिले के गुलावठी ब्लाक क्षेत्र के सोहनपुर गांव के प्राथमिक विद्यालय का यह हाल काफी विचलित करने वाला हैं. उच्च प्राथमिक विद्यालय से घरों का रास्ता गुजरता है. यहां अभी तक चार दीवारी तक नहीं बनी है.

इसे भी पढ़ें- बच्चों का अनूठा स्कूल बैंक : स्टूडेंट्स को मिलेगा 'शिक्षा' का लोन

643 स्कूल में है अव्यवस्थाओं का बोलबाला
इस बारे में ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि का कहना है कि उन्होंने शासन को कई बार इस मामले से अवगत कराया है, लेकिन अभी तक भी कोई बदलाव यहां नहीं देखने को मिला है. हालांकि ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि को अभी भी विश्वास है कि यहां बदलाव आएगा. वहीं दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि फंड की कमी के चलते स्कूलों की चार दीवारी नहीं बन पाई है. साथ ही वह मानते हैं कि जिले में 2399 बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले स्कूल हैं, जहां देखा जाए तो करीब 643 स्कूल ऐसे स्कूल जहां चार दीवारी न होने की वजह से अव्यवस्थाओं का बोलबाला है.

फिलहाल 20 स्कूलों की चारदीवारी के लिए फंड मिला है. वहीं स्कूल का निर्माण कराया जा रहा है.
-अम्बरीष कुमार यादव, बेसिक शिक्षा अधिकारी

Intro:भले ही सूबे की सरकार चाहती हो कि सरकारी विद्यालयों की तस्वीर सुधरे और सरकारी स्कूलों की तरफ आम आदमी का रुझान भी बढ़े ताकि ,लोग अपने बच्चों को इन स्कूलों में दाखिला कराएं,पर्याप्त सुविधाएं स्टूडेंट्स को कॉन्वेंट स्कूल की तर्ज पर मिल पाए ऐसी भी बयानबाजी अक्सर सुनी जाती है,लेकिन बुलंदशहर जिले में अभी तक भी बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत ऐसी स्कूलों की लंबी फेहरिस्त है,फिलहाल जिले में 643 स्कूलों में चारदीवारी तक भी नहीं है।देखिये ये एक्सक्लुसिव खबर।


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Body:बुलंदशहर जिले में लंबे समय से चार दिवारी के बिना स्कूलों में देश का भविष्य पढ़ाई करता देखा जा सकता है ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि अभी भी जिले में 600 से ज्यादा ऐसे विद्यालय हैं जहां बाउंड्री वाल तक भी सरकारी स्कूलों की नहीं है ,ईटीवी भारत की टीम ने ऐसे ही एक विद्यालय का रूख किया जहां स्कूल से होकर जाता था घरों का रास्ता ,यानी सरकारी प्राथमिक विद्यालय से निकलकर ही कई घरों में जाया जा सकता है ,उसके अलावा और कोई रास्ता भी नहीं था,तो वहीं कई बार देखा जा सकता था कि जिले में आवारा जानवरों को भी स्कूलों में खुलेआम घूमते देखा जा सकता है ,हालांकि हम ऐसे किसी विजुअल का यहां जिक्र नहीं कर रहे ,क्योंकि वह हर किसी को विचलित कर सकते हैं। फिलहाल इस बात को ग्राम प्रधान प्रतिनिधि भी स्वीकारते हैं, ताजा प्रकरण बुलंदशहर जिले के गुलावठी ब्लाक क्षेत्र के सोहनपुर गांव का है, सोहनपुर गांव में जो प्राथमिक विद्यालय हैं, उच्च प्राथमिक विद्यालय से तो बाकायदा कुछ घरों का रास्ता भी जैसे गुजरता है, यानी अभी चारदीवारी तक भी यहां नहीं है ।इस बारे में ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि का कहना है कि उन्होंने शासन स्तर पर कई बार अवगत भी कराया जा चुका है ,लेकिन अभी तक भी कोई बदलाव यहां नहीं आया है ,जिसके बाद भी ग्राम प्रधान के प्रतिनिधि को लगता है कि यह बदलाव आएगा तो वहीं दूसरी तरफ बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि फंड की कमी के चलते स्कूलों की चारदीवारी नहीं है, साथ ही वह मानते हैं कि जिले में 2399 बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले स्कूल्स हैं ,जहां देखा जाए तो करीब 643 स्कूल ऐसे हैं जहां चारदीवारी न होने की वजह से अव्यवस्थाओं का बोलबाला है।यानी बेसिक शिक्षा अधिकारी अम्बरीष यादव का कहना है कि फिलहाल 20 स्कूलों की चारदीवारी के लिए फंड मिला था,और निर्माण कराया जा रहा है ,लेकिन सवाल ये है कि जिद जिले में 643 स्कूलों में चारदीवारी तक भी न हो वहां आखिर कैसे सुरक्षित माहौल में छात्र छात्राएँ पढ़ पाएंगे।ये भी एक बड़ा सवाल है ,तो वहीं आखिर कैसे कोई अपने परिवार के बच्चों को ऐसे माहौल मैं भेजेगा अध्ययन के लिए।
बाइट...कासमोहम्मद,ग्राम प्रधान के पति(आधिकारिक प्रतिनिधि)
बाइट....अम्बरीष कुमार यादव,बेसिक शिक्षा अधिकारी, बुलन्दशहर।


Conclusion:श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर,
921340088
Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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