बुलंदशहर: जनपद के जहांगीराबाद स्थित शिवकुमार अग्रवाल जनता इंटर कॉलेज में इन दोनों जश्न का माहौल है. इंटर कॉलेज में जहां सभी शिक्षक और छात्र-छात्राएं खुश हैं. तो वहीं स्कूल के प्रिंसिपल बेहद भावुक नजर आए. क्योंकि प्राचार्य को केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षक दिवस पर राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है.
आधुनिक सुविधाओं से लैस स्कूल: बता दें कि प्राचार्य चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने साल 1991 से इंटर कॉलेज में बतौर भौगोलिक विज्ञान के शिक्षक के रूप से पढ़ाना शुरू किया था. लगातार उत्कृष्ट अध्यापन करने के लिए प्रबंधन समिति ने 2011 में चंद्र प्रकाश अग्रवाल को विद्यालय में बतौर इंचार्ज प्रधान अध्यापक नियुक्त कर दिया था. प्रधानाध्यापक नियुक्त होने के बाद चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने स्कूल को शिक्षण के लिए आधुनिक सुविधाओं से लैस करने की ठानी. इसके लिए वह पिछले 12 सालों से लगातार पूरा करने में जुटे हुए हैं.
एस्ट्रोनॉमी लैब और लाइब्रेरी की स्थापना: वर्तमान समय में चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने शिव कुमार अग्रवाल जनता इंटर कॉलेज में पहली एस्ट्रोनॉमी लैब की स्थापना की है. इतना ही नहीं उन्होंने 25 लाख की लागत से इंटर कॉलेज एक अनोखी लाइब्रेरी की स्थापना की. जिसमें एक तरफ इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र-छात्राएं साहित्य, आधुनिक विज्ञान समेत इतिहास की किताबें पढ़ते हैं. तो वहीं, बाहर के छात्र-छात्राएं प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए नि:शुल्क वाईफाई के साथ कंप्यूटर लैब पर ऑनलाइन क्लासेस लेते हैं. वहीं, पुस्तक संग्रह का पूरा लाभ उठा पाते हैं.
विद्यार्थियों के लिए शूटिंग रेंज: इतना ही नहीं चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने "बेटियों को आत्मा सुरक्षित बना" जैसा नारा देते हुए स्कूल में छात्राओं के लिए विशेष रूप से शूटिंग रेंज बनाई है. इस शूटिंग रेंज में छात्रों के साथ छात्राएं भी बढ़-चढ़कर निशाना साधने की ट्रेनिंग ले रही है. इस शूटिंग की ट्रेनिंग खुद शिवकुमार अग्रवाल देेत हैं. क्योंकि इससे पूर्व में प्राचार्य चंद्र प्रकाश अग्रवाल 41वीं एनसीसी बटालियन के एएनओ भी रह चुके हैं.
विद्यार्थियों को पढ़ाते हैं भौगोलिक विज्ञान: चंद्र प्रकाश अग्रवाल जहां स्कूल में प्राचार्य पद पर कार्यरत है. लेकिन वह 11वीं और 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भौगोलिक विज्ञान पढ़ाते हैं. वहीं, स्कूल के छात्र-छात्राओं का कहना है कि प्राचार्य चंद्र प्रकाश अग्रवाल का पढ़ाने का तरीका बेहद ही व्यावहारिक और दोस्ताना है.
बच्चे रहे सफल इसीलिए की शुरूआत: प्राचार्य चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने बताया, वह एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जहां कई पीढ़ियां शिक्षण कार्य से जुड़ी हुई हैं. उनके दादा और पिता भी शिक्षक थे. उन्होंने सन् 1981 में 11वीं और 1983 में 12 वीं शिवकुमार अग्रवाल जनता इंटर कॉलेज से ही उत्तीर्ण की थी. तब उनके शिक्षक चाहते थे कि चंद्र प्रकाश बच्चों को पढ़ाने के लिए विद्यालय में वापस आए. क्योंकि शिक्षकों का मानना था कि चंद्र प्रकाश के अंदर किसी भी विषय वस्तु को समझने और समझाने की एक विशेष कला है. इसके बाद 1991 में चंद्र प्रकाश अग्रवाल ने इसी विद्यालय में बतौर भौगोलिक शिक्षक के पद पर पढ़ाना शुरू कर दिया.
वहीं, अब मौका मिलने पर वह शिक्षण कार्य से संबंधित सभी तरह की आधुनिक सुविधा विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाना चाहते हैं. फिर चाहे वह एस्ट्रोनॉमी लैब हो, कंप्यूटर लैब हो, आधुनिक विज्ञान को लेकर लाइब्रेरी में पुस्तक संग्रह या फिर स्मार्ट क्लास समेत शूटिंग की क्लासेस और म्यूजिक क्लासेस हो. वह अपने स्कूल के छात्राओं को इस आधुनिक युग में हर एक क्षेत्र में पारंगत बनाना चाहते हैं. ताकि उनके विद्यालय से निकला बच्चा कहीं भी विफल न होने पाए.