बुलंदशहर: जिला कारागार में क्षमता से दोगुने से भी ज्यादा कैदी निरुद्ध हैं. खास बात है ये है कि जेल प्रशासन का दावा है कि सभी क़ैदी आराम से रह रहे हैं, जबकि जिस जेल की क्षमता ही करीब 890 कैदियों की है. वहां दो हजार से ज्यादा बंदी कैसे आराम से रह सकते हैं.
बुलंदशहर जिला कारागार में क्षमता से ज्यादा बंदी निरुद्ध हैं. यह हम नहीं कहते यह खुद कहते हैं जेल अधीक्षक ओपी कटियार.
- जेल में प्रत्येक बैरक में क्षमता से ज्यादा कैदी रह रहे हैं.
- जेल का निर्माण एनएच 91 के चंदेरू गांव के पास हुआ है.
- जैसे-जैसे समय बदला तो क्राइम का ग्राफ भी बढ़ता गया.
- ये जेल कि काफी समय पूर्व बुलंदशहर नगर के बीचोबीच जेल बनी हुई थी.
- शहर के बीचोबीच कारागार होने के चलते आये दिन यहां जाम का झाम रहता था.
बुलंदशहर जिला कारागार में किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है. जेल में न हीं तो बजट की कोई दिक्कत है. न किसी बंदी को ही कोई परेशानी होने दी जा रही है.
-ओपी कटियार, जेल अधीक्षक, बुलन्दशहर
फिलहाल जेल के जिम्मेदार अधिकारी जहां कैमरे के सामने सबकुछ फीलगुड कराते नजर आ रहे हैं. वहीं मन की बात करते हुए वो कहते हैं कि शासन को लगातार जेल की क्षमता और वर्तमान कैदियों के बारे में जानकारी भेजी जाती है, लेकिन इस का कोई उपाय नजर नहीं आता.