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बिजनौर पहुंचे गन्ना 0238 के जनक, जमकर हुआ स्वागत - scientific doctor bakshi ram

उत्तर प्रदेश के बिजनौर जिले में एक वैज्ञानिक ने अपनी मेहनत से किसानों की जिंदगी बदल दी. वहीं 0238 के जनक डॉ. बख्शीराम का जिले में पहुंचने पर मील प्रबंधन और गन्ना अधिकारी ने जमकर स्वागत किया.

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वैज्ञानिक डॉ. बख्शीराम पहुंचे बिजनौर.
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Published : Feb 14, 2020, 7:01 PM IST

बिजनौर: देशभर में गन्ने के क्षेत्र में धूम मचाने वाले गन्ने की किस्म 0238 ने जहां देश के किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारा है, वहीं गन्ने के क्षेत्र में क्रांति भी लाई है. 0238 की पैदावार पहले के मुताबिक अन्य गन्ना प्रजातियों के मुकाबले डबल है. प्रदेश भर में इस गन्ने का डंका बज रहा है. 0238 के जनक डॉ. बख्शीराम का बिजनौर जिले में पहुंचने पर मिल प्रबंधन और गन्ना अधिकारी ने स्वागत सम्मान किया.

वैज्ञानिक डॉ. बख्शीराम पहुंचे बिजनौर.

जिले के उत्तम शुगर मिल में कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें 0238 के शोधकर्ता और जनक डॉ. बख्शीराम का स्वागत किया गया है. डॉ. बख्शीराम ने गन्ने के क्षेत्र में बहुत शोध किये हैं. इनके द्वारा अब तक 25 से अधिक गन्ने की प्रजातियां बनाई हैं, लेकिन जो धमाल 0238 गन्ने की प्रजाति ने किया है, उसका कोई तोड़ नहीं है. इस गन्ने की प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के सभी किसान पैदावार कर रहे हैं. इस गन्ने में शुगर की अधिक मात्रा है और पैदावार भी अधिक है. इस प्रजाति ने किसानों की आर्थिक स्थिति को काफी हद तक सुधार किया है.

पहली बार पहुंचे बिजनौर

गन्ना साइंटिस्ट डॉ. बख्शीराम कोयम्बटूर गन्ना संस्थान में काम कर रहे हैं और पहली बार जिले के भ्रमण पर आए थे. डॉक्टर साहब ने उत्तम शुगर मिल के केन फॉर्म का भी बारीकी से निरीक्षण किया है और गन्ना 0238 की फसल को बारीकी से देखा. उत्तम शुगर मिल पहली बार गन्ने के बीज को पौधे के रूप में तैयार कर रहा है. इस वर्ष एक करोड़ दो लाख पौधे तैयार किये जाने का लक्ष्य रखा गया है.

हमारा जो इंस्टूयूट है गन्ना प्रजनन संस्थान. उसका मुख्य उद्देश्य है पूरे देश के लिए गन्ना की नई प्रजाति का प्रजनन करना. हम अपने इंस्टूयूट के अलावा दूसरे राज्यों के इंस्टूयूट की भी मदद करते हैं. 0238 एक ऐसी प्रजाति है जिसके अंदर पैदावार बहुत ज्यादा है.

डॉ. बख्शीराम, गन्ना वैज्ञानिक

बिजनौर: देशभर में गन्ने के क्षेत्र में धूम मचाने वाले गन्ने की किस्म 0238 ने जहां देश के किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारा है, वहीं गन्ने के क्षेत्र में क्रांति भी लाई है. 0238 की पैदावार पहले के मुताबिक अन्य गन्ना प्रजातियों के मुकाबले डबल है. प्रदेश भर में इस गन्ने का डंका बज रहा है. 0238 के जनक डॉ. बख्शीराम का बिजनौर जिले में पहुंचने पर मिल प्रबंधन और गन्ना अधिकारी ने स्वागत सम्मान किया.

वैज्ञानिक डॉ. बख्शीराम पहुंचे बिजनौर.

जिले के उत्तम शुगर मिल में कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें 0238 के शोधकर्ता और जनक डॉ. बख्शीराम का स्वागत किया गया है. डॉ. बख्शीराम ने गन्ने के क्षेत्र में बहुत शोध किये हैं. इनके द्वारा अब तक 25 से अधिक गन्ने की प्रजातियां बनाई हैं, लेकिन जो धमाल 0238 गन्ने की प्रजाति ने किया है, उसका कोई तोड़ नहीं है. इस गन्ने की प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के सभी किसान पैदावार कर रहे हैं. इस गन्ने में शुगर की अधिक मात्रा है और पैदावार भी अधिक है. इस प्रजाति ने किसानों की आर्थिक स्थिति को काफी हद तक सुधार किया है.

पहली बार पहुंचे बिजनौर

गन्ना साइंटिस्ट डॉ. बख्शीराम कोयम्बटूर गन्ना संस्थान में काम कर रहे हैं और पहली बार जिले के भ्रमण पर आए थे. डॉक्टर साहब ने उत्तम शुगर मिल के केन फॉर्म का भी बारीकी से निरीक्षण किया है और गन्ना 0238 की फसल को बारीकी से देखा. उत्तम शुगर मिल पहली बार गन्ने के बीज को पौधे के रूप में तैयार कर रहा है. इस वर्ष एक करोड़ दो लाख पौधे तैयार किये जाने का लक्ष्य रखा गया है.

हमारा जो इंस्टूयूट है गन्ना प्रजनन संस्थान. उसका मुख्य उद्देश्य है पूरे देश के लिए गन्ना की नई प्रजाति का प्रजनन करना. हम अपने इंस्टूयूट के अलावा दूसरे राज्यों के इंस्टूयूट की भी मदद करते हैं. 0238 एक ऐसी प्रजाति है जिसके अंदर पैदावार बहुत ज्यादा है.

डॉ. बख्शीराम, गन्ना वैज्ञानिक

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