बिजनौर: जिले में एक अजीबोगरीब घटना सामने आई है. जिसमें बीमा हासिल करने के लिए एक युवक ने अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर एक बुजुर्ग को जिंदा जला दिया. हालांकि, पुलिस ने बुजुर्ग को समय पर अस्पताल पहुंचाकर बचा लिया है. गंभीर रूप से झुलसे युवक बुजुर्ग का इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है. पुलिस ने घटना का खुलासा करते हुए आरोपी और उसके साथी सहित प्रेमिका को गिरफ्तार किया है.
थाना कोतवाली शहर के सिरधनी रोड पर दो दिन पहले पुलिस को एक कार में बुजुर्ग व्यक्ति जलता हुआ मिला था. जिसको पुलिस ने इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया था. बरहाल इस घटना में जब पुलिस ने छानबीन की तो चौंकाने वाला मामला सामने आया है. कार में जलने वाले व्यक्ति का नाम मदन है और वह शराबी किस्म का व्यक्ति है. जिसको आरोपी सुशील गुप्ता ने शराब पिलाने का लालच देकर साजिशन कार में बैठाया गया था. उन्होंने ही कार में आग लगाकर युवक को जलाया था.
पूछताछ में पता चला है कि सुशील गुप्ता का हरिद्वार निवासी रानी नाम की महिला से प्रेम प्रसंग चल रहा था. सुशील गुप्ता गन्ना क्रेशर का मालिक है. क्रेशर में नुकसान होने के कारण सुशील पर लगभग 1.75 करोड़ रुपये का बैंक का लोन था. सुशील ने अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर ढाई करोड़ रुपये की पॉलिसी कराई थी. इस पॉलिसी की नॉमिनी उसकी प्रेमिका रानी थी.
बीमा की राशि पाने के लिए अभियुक्त सुशील उसकी प्रेमिका रानी और साथी लाल बहादुर ने मिलकर प्लान बनाया कि किसी व्यक्ति को मार दिया जाए और दिखाया जाए कि सुशील की मौत हो गई है. जिससे पॉलिसी की रकम प्रेमिका को मिल जाएगी. बीमे के रुपये से सुशील कर्जमुक्त हो जाएगा और अपनी प्रेमिका रानी के साथ किसी अन्य जगह नई पहचान के साथ रहने लगेगा. इसीलिए तीनों ने मिलक कर साजिश के तहत पहले एक बुजुर्ग को खूब शराब पिलाई और फिर कार में बैठा कर आग लगा दी.
गुरुवार को घटना खुलासा करते हुए एसपी दिनेश सिंह ने बताया कि मुख्य आरोपी सुशील गुप्ता ने बैंक से लिए कर्ज से छुटकारा पाने के लिए इस घटना को अंजाम दिया था. इन्होंने फर्जी पप्पू खान नाम का आधार कार्ड भी बनवा लिया था. इसी योजना के तहत तीनों आरोपियों ने रोडवेज बस स्टैंड चांदपुर से एक मदन सिंह नाम के शराबी को नशे की हालत में कार में बैठाया और उसे अत्यधिक शराब पिलाई. इसके बाद अपनी कार में बैठा कर तेल छिड़ककर आग लगाकर मौके से फरार हो गए.
घटनास्थल से गुजर रही पुलिस ने आग पर काबू पाते हुए झुलसे हुए व्यक्ति को अस्पताल में भर्ती कराया. झुलसे हुए व्यक्ति ने अपना नाम मदन बताया. तलाशी के दौरान पुलिस को गाड़ी में एक फोन मिला था. जिस पर एक फोन आया था, फोन करने वाले बताया कि यह फोन उसके पिता सुशील का है. तो पुलिस ने उसे अस्पताल आने के लिए कहा. इस पर सुशील के बेटे ने जले हुए व्यक्ति को देखकर कहा कि यह मेरे पिता नहीं है.
इस पर पुलिस को शक हुआ तो पुलिस ने आरोपी के बेटे और जले हुए व्यक्ति(मदन) ने पूछताछ की. मदन ने बताया कि मुझे नहीं पता कि मैं कैसे कार में आया और किसने आग लगाई. लेकिन मुझे दो व्यक्ति शराब की दुकान से उठाकर अपने साथ ले आए थे. उन्होंने मुझे ज्यादा शराब पिलाई. इसके बाद मुझे कुछ याद नहीं. इस पर पुलिस ने आरोपी सुशील गुप्ता की फोटो मदन को दिखाई. मदन ने फोटो देखकर बताया कि यहीं व्यक्ति उसे शराब की दुकान से अपने साथ लेकर आया था. इस तरह से पूरी घटना का खुलासा हुआ. पुलिसने इस घटना में शामिल तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. पुलिस ने अभियुक्तों के पास से एक सेंट्रो कार, 35 चेक, 13 लाख रुपये और एक फर्जी आधार कार्ड, अन्य सामान बरामद किया है.