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बस्ती: नगर पंचायत के लाखों के प्रोजेक्ट में घटिया सामाग्री का इस्तेमाल, निर्माण रुकवया - शिक्षु एसडीएम अनुपम मिश्रा

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में स्थित नगर पंचायत में निर्माणाधीन एमआरएफ सेंटर (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) में घटिया सामाग्री का इस्तेमाल करे हुए पाया गया. आईएएस और प्रशिक्षु एसडीएम अनुपम मिश्र ने निरीक्षण के दौरान घटिया सामान से निर्माण कराते मिली कार्यदायी संस्था को कड़ी फटकार लगाते हुए कार्य को रोक दिया.

हर्रैया नगर पंचायत में निर्माणधीन एमआरएफ सेंटर.
हर्रैया नगर पंचायत में निर्माणधीन एमआरएफ सेंटर.
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Published : Oct 30, 2020, 1:15 PM IST

बस्तीः भारत सरकार की मंशा पर सरकारी मशीनरी ही पानी फेरती नजर आ रही है. बस्ती जिले के हर्रैया कस्बे में जिस कार्यदायी संस्था को एमआरएफ सेंटर (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) बनाने का टेंडर दिया गया वही चूना लगा रही है.

स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर पंचायत को स्वच्छता की चादर ओढ़ाने की कवायद चल रही है. इसी के तहत तहत शासन ने हर्रैया कस्बे में लगभग 39 लाख रुपये का बजट भी अवमुक्त करके एमआरएफ सेंटर (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) बनाने का टेंडर दिया है. गुरुवार को हर्रैया नगर पंचायत के प्रभारी ईओ आईएएस और प्रशिक्षु एसडीएम अनुपम मिश्रा ने जब निर्माणाधीन एमआरएफ सेंटर का औचक निरीक्षण किया तो घटिया सामाग्री का इस्तेमाल करते हुए पाया. इस पर प्रशिक्षु एसडीएम ने कार्यदायी संस्था को कड़ी फटकार लगाते हुए कार्य को रुकवा दिया. इसके बाद सारे मैटीरियल का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया.

सेंटर पर गीला और सूखा कचरा होगा अलग
बतातें चले कि इस सेंटर में शहर का कूड़ा करकट जुटाकर गीला कचरा और सूखा कचरा अलग-अलग किया जाएगा. गीले कचरे को जैविक खाद बनाने के लिए प्रयोग में लाया जाएगा और सूखे कचरे छंटाई की जाएगी. छंटनी के बाद मिलने वाले बिकाऊ सामान को अलग किया जाएगा. यह सामान बेचकर पालिका अपनी आय बढ़ाएगी. जिससे वह नगर पंचायत को स्वच्छ रख सके लेकिन इस योजना मे निर्माण के समय ही कार्यदायी संस्था द्वारा बडे़ पैमाने पर घाटियां मैटिरियल प्रयोग करने की पोल खुल गयी.

निर्माणाधीन पर नहीं जाते जेई
प्रभारी इओ ने औचक निरीक्षण मे पाया कि जहां निर्माण कार्य चल रहा है वह साइड पर जेई कभी भी नही जाते हैं. यदि समय से जेई साईड देखने जाते तो यह स्थिति न आती. फिलहाल अब भवन निर्माण कार्य को रोक दिया गया है, अब देखना है कि जांच रिपोर्ट के बाद नगर पंचायत ईओ साहब सरकारी धन की रिकवरी करा पाते हैं की नहीं.

सामग्री की गुणवत्ता खराब होने पर कार्यदायी संस्था पर होगी कार्रवाई
प्रशिशुक्ष एसडीएम अनुपम मिश्रा और प्रभारी ईओ नगर ने बताया कि अचौक निरीक्षण में कार्यदायी संस्था द्वारा निर्माण में प्रयुक्त की जा रही रही सामग्री निम्न गुणवत्ता की पायी गयी है. साइड से निर्माण सामग्री का सैम्पल ले लिया गया है और उसकी क्वालिटी की जांच के लिए लैब मे भेज दिया गया है. इस मामले में संबंधित जेई को निर्देशित किया गया की जल्द से जल्द कार्य की जांच रिपोर्ट दें. उन्होंने कहा की यदि गुणवत्ता खराब पाई गयी तो कार्यदायी संस्था से रिकवरी की कार्यवाही सुनिश्चित करवाई जायेगी.

बस्तीः भारत सरकार की मंशा पर सरकारी मशीनरी ही पानी फेरती नजर आ रही है. बस्ती जिले के हर्रैया कस्बे में जिस कार्यदायी संस्था को एमआरएफ सेंटर (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) बनाने का टेंडर दिया गया वही चूना लगा रही है.

स्वच्छ भारत मिशन के तहत नगर पंचायत को स्वच्छता की चादर ओढ़ाने की कवायद चल रही है. इसी के तहत तहत शासन ने हर्रैया कस्बे में लगभग 39 लाख रुपये का बजट भी अवमुक्त करके एमआरएफ सेंटर (मैटेरियल रिकवरी फैसिलिटी) बनाने का टेंडर दिया है. गुरुवार को हर्रैया नगर पंचायत के प्रभारी ईओ आईएएस और प्रशिक्षु एसडीएम अनुपम मिश्रा ने जब निर्माणाधीन एमआरएफ सेंटर का औचक निरीक्षण किया तो घटिया सामाग्री का इस्तेमाल करते हुए पाया. इस पर प्रशिक्षु एसडीएम ने कार्यदायी संस्था को कड़ी फटकार लगाते हुए कार्य को रुकवा दिया. इसके बाद सारे मैटीरियल का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया.

सेंटर पर गीला और सूखा कचरा होगा अलग
बतातें चले कि इस सेंटर में शहर का कूड़ा करकट जुटाकर गीला कचरा और सूखा कचरा अलग-अलग किया जाएगा. गीले कचरे को जैविक खाद बनाने के लिए प्रयोग में लाया जाएगा और सूखे कचरे छंटाई की जाएगी. छंटनी के बाद मिलने वाले बिकाऊ सामान को अलग किया जाएगा. यह सामान बेचकर पालिका अपनी आय बढ़ाएगी. जिससे वह नगर पंचायत को स्वच्छ रख सके लेकिन इस योजना मे निर्माण के समय ही कार्यदायी संस्था द्वारा बडे़ पैमाने पर घाटियां मैटिरियल प्रयोग करने की पोल खुल गयी.

निर्माणाधीन पर नहीं जाते जेई
प्रभारी इओ ने औचक निरीक्षण मे पाया कि जहां निर्माण कार्य चल रहा है वह साइड पर जेई कभी भी नही जाते हैं. यदि समय से जेई साईड देखने जाते तो यह स्थिति न आती. फिलहाल अब भवन निर्माण कार्य को रोक दिया गया है, अब देखना है कि जांच रिपोर्ट के बाद नगर पंचायत ईओ साहब सरकारी धन की रिकवरी करा पाते हैं की नहीं.

सामग्री की गुणवत्ता खराब होने पर कार्यदायी संस्था पर होगी कार्रवाई
प्रशिशुक्ष एसडीएम अनुपम मिश्रा और प्रभारी ईओ नगर ने बताया कि अचौक निरीक्षण में कार्यदायी संस्था द्वारा निर्माण में प्रयुक्त की जा रही रही सामग्री निम्न गुणवत्ता की पायी गयी है. साइड से निर्माण सामग्री का सैम्पल ले लिया गया है और उसकी क्वालिटी की जांच के लिए लैब मे भेज दिया गया है. इस मामले में संबंधित जेई को निर्देशित किया गया की जल्द से जल्द कार्य की जांच रिपोर्ट दें. उन्होंने कहा की यदि गुणवत्ता खराब पाई गयी तो कार्यदायी संस्था से रिकवरी की कार्यवाही सुनिश्चित करवाई जायेगी.

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