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बीस साल बाद दो पूर्व विधायक सहित 7 को 3 साल की सजा, जमानत पर हुए रिहा

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Published : May 20, 2023, 9:36 PM IST

बस्ती एमपी एमएलए कोर्ट ने बीस साल पुराने मामले में दो पूर्व विधायक सहित 7 को कैद के सात जुर्माने की सजा सुनाई. लेकिन कुछ ही देर बाद सभी नेता जमानत पर रिहा हो गए.

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बस्ती: 20 साल पुराने एक मामले में बस्ती के दो पूर्व विधायक सहित दो ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई. वहीं, कुछ ही देर में इन सभी को जमानत भी मिल गई. बस्ती कोर्ट की सीजेएम अर्पिता यादव ने शनिवार को इस केस का फैसला सुनाया. इस दौरान सभी नेता कोर्ट में ही मौजूद रहे.

दरअसल, कोतवाली थाना क्षेत्र के सदर तहसील में 3 दिसंबर 2003 को विधान परिषद चुनाव के दौरान मतगणना में मारपीट हुई थी. ये मारपीट बस्ती के तत्कालीन एडीएम रहे श्रीश दुबे के साथ की गई थी. मतगणना के वक्त एडीएम श्रीश दुबे एआरओ के रूप में तैनात थे और उनके साथ तत्कालीन एडीएम जगन्नाथ प्रसाद और एडीएम राजू शुक्ला भी थे. तभी पूर्व विधायक संजय जायसवाल, पूर्व विधायक रहे आदित्य विक्रम सिंह और उनकी पत्नी कंचना सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख महेश सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख त्रयंबक नाथ पाठक सहित पूर्व विधायक कमाल युशुफ के बेटे इरफान और अशोक सिंह गोलबंदी करके आए और मारपीट करने लगे.

एआरओ रहे श्रीश दुबे से भी इन लोगों ने दोबारा मतगणना कराने की मांग करके उनसे भी हाथापाई की. तत्कालीन डीएसपी रहे ओम प्रकाश सिंह को इस मारपीट में काफी चोट भी आई थी. इस मामले में तत्कालीन एडीएम रहे श्रीश दुबे की तहरीर पर बस्ती कोतवाली में कई धाराओं में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ था. इस मामले में कुल 8 नामजद आरोपी बनाए गए थे, जिसमे एक आरोपी पूर्व ब्लॉक प्रमुख रहे बृजभूषण सिंह की मुकदमे के दौरान मौत हो गई थी. आज अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री मति अर्पिता यादव ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुनाया. 7 आरोपियों को 3 साल की सजा सुनाई गई इसके बाद उन्हें जमानत भी दे दी गई. जज की तरफ से सभी पर 2-2 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.

बस्ती: 20 साल पुराने एक मामले में बस्ती के दो पूर्व विधायक सहित दो ब्लॉक प्रमुख के खिलाफ एमपी एमएलए कोर्ट ने सजा सुनाई. वहीं, कुछ ही देर में इन सभी को जमानत भी मिल गई. बस्ती कोर्ट की सीजेएम अर्पिता यादव ने शनिवार को इस केस का फैसला सुनाया. इस दौरान सभी नेता कोर्ट में ही मौजूद रहे.

दरअसल, कोतवाली थाना क्षेत्र के सदर तहसील में 3 दिसंबर 2003 को विधान परिषद चुनाव के दौरान मतगणना में मारपीट हुई थी. ये मारपीट बस्ती के तत्कालीन एडीएम रहे श्रीश दुबे के साथ की गई थी. मतगणना के वक्त एडीएम श्रीश दुबे एआरओ के रूप में तैनात थे और उनके साथ तत्कालीन एडीएम जगन्नाथ प्रसाद और एडीएम राजू शुक्ला भी थे. तभी पूर्व विधायक संजय जायसवाल, पूर्व विधायक रहे आदित्य विक्रम सिंह और उनकी पत्नी कंचना सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख महेश सिंह, पूर्व ब्लॉक प्रमुख त्रयंबक नाथ पाठक सहित पूर्व विधायक कमाल युशुफ के बेटे इरफान और अशोक सिंह गोलबंदी करके आए और मारपीट करने लगे.

एआरओ रहे श्रीश दुबे से भी इन लोगों ने दोबारा मतगणना कराने की मांग करके उनसे भी हाथापाई की. तत्कालीन डीएसपी रहे ओम प्रकाश सिंह को इस मारपीट में काफी चोट भी आई थी. इस मामले में तत्कालीन एडीएम रहे श्रीश दुबे की तहरीर पर बस्ती कोतवाली में कई धाराओं में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ था. इस मामले में कुल 8 नामजद आरोपी बनाए गए थे, जिसमे एक आरोपी पूर्व ब्लॉक प्रमुख रहे बृजभूषण सिंह की मुकदमे के दौरान मौत हो गई थी. आज अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी श्री मति अर्पिता यादव ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुनाया. 7 आरोपियों को 3 साल की सजा सुनाई गई इसके बाद उन्हें जमानत भी दे दी गई. जज की तरफ से सभी पर 2-2 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है.

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