बस्तीः कोविड-19 को लेकर सरकार के लॉकडाउन से देश और प्रदेश के कल कारखाने बंद पड़ गए, जिससे कामगारों के लिए रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया. लॉकडाउन की वजह से लाखों प्रवासी कामगारों को घर वापस आना पड़ा. जिसको लेकर देश के विभिन्न राज्यों से वापस आए हुए प्रवासी कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने योजना बनाई है. प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के और उन्हें प्रशिक्षित करने के लिए कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षित करना शुरू कर दिया गया है.
इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर हो चुके प्रवासी कामगारों को सरकार की तरफ से रोजगार मुहैया कराने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिसका उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा. ऐसे कामगारों को आत्म निर्भर बनाने का कार्य कर शुरू कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत जिले में पहले प्रशिक्षण केंद्र का शनिवार को शुभारंभ जिलाधिकारी आशुतोष निरंजन ने किया. डीएम ने बताया कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने में हमारे जिले के कामगारों की भूमिका महत्वपूर्ण है और मुझे विश्वास है कि वे इसमें सफल भी होंगे.
उन्होंने सभी कामगारों को आश्वस्त किया कि उनको अपना काम शुरू करने में सरकार की तरफ से हर प्रकार की सहायता प्राप्त होगी. जिससे कामगार मजदूर आत्मनिर्भर बन सकें, वर्तमान व्यवस्था में सरकारी योजनाओं तथा बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए प्रमाण पत्र की आवश्यकता होती है. कौशल विकास केंद्र द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करने के भारत सरकार द्वारा सभी सफल अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा.
जिलाधिकारी ने सभी कामगारों से अपील करते हुए कहा कि मार्केट और डिमांड को देखते हुए काम करें, जिससे कि उनके द्वारा उत्पादित सामान की मार्केट में बिक्री हो सके और उन्हें उचित दाम मिल सके. इस बीच सीडीओ सरनीत कौर ब्रोका ने कहा कि ट्रेनिंग के बाद कामगार आपस में छोटा-छोटा ग्रुप बना लें और ग्रुप के माध्यम से कार्य करें, जिन कामगारों को लोन की आवश्यकता होगी उनका फार्म इसी केंद्र में भरा जाएगा.