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जिला अस्पताल में अत्याधुनिक मशीनें खराब, मरीज हो रहे परेशान

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Published : Mar 12, 2021, 9:10 AM IST

बस्ती के जिला अस्पताल में अत्याधुनिक मशीने खराब पड़ी है. इससे मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिला अस्पताल की दो एक्स-रे मशीनों में एक खराब है. थायराइड जांच के लिए स्थापित मशीन कमरे में बंद है. यह सबकुछ साल भर से चल रहा है.

जिला अस्पताल में अत्याधुनिक मशीने खराब
जिला अस्पताल में अत्याधुनिक मशीने खराब

बस्ती: अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस जिला अस्पताल में संसाधनों की कमी तो नहीं है, मगर इन्हें संचालित करने में तमाम तकनीकी बाधा के चलते जरूरतमंदों को लाभ से वंचित होना पड़ रहा है. अस्पताल के दो एक्स-रे मशीन में एक खराब है. थायराइड जांच के लिए स्थापित मशीन कमरे में बंद है. इसका कारण जांच के लिए प्रयुक्त होने वाला रीजेंट ही नहीं है. यह सबकुछ साल भर से चल रहा है, मगर जिम्मेदार चुप्पी साधे हैं.

जिला अस्पताल में अत्याधुनिक मशीने खराब.

मरीजों को जांच के लिए बाहर के केंद्रों पर पड़ रहा जाना
जिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब दो से ढाई सौ मरीज ओपीडी में इलाज कराते हैं. इनमें से तमाम को चिकित्सक अल्ट्रासाउंड अथवा एक्स-रे की सलाह देते हैं. करीब 20-25 मरीजों को थायराइड की जांच भी डॉक्टर लिखते हैं, लेकिन जिला अस्पताल में संसाधन होते हुए भी मरीजों को बाहर के जांच केंद्रों पर जाना पड़ता है. इससे मरीजों को आर्थिक क्षति होती है. एक्स-रे व थायराइड की जांच के लिए तीन से पांच सौ रुपये, जबकि अल्ट्रासाउंड के लिए सात सौ रुपये बाहर के जांच केंद्र लेते हैं. भीड़ के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

इसे भी पढ़ें-थानेदार बना भू-माफिया, मंदिर की जमीन पर किया कब्जा

एसआईसी डॉ. रोचस्मती पांडेय ने कहा कि अस्पताल में रेडियोलाजिस्ट न होने के कारण अल्ट्रासाउंड सेंटर बंद है. एक्स-रे की एक मशीन में तकनीकी खामियां आ गई हैं, जिसे दूर कराने के लिए संबंधित कंपनी को पत्र लिखा गया है. रही थायराइड जांच की बात तो पैथालोजिस्ट से बात कर इसे जल्द शुरू करा दिया जाएगा.

बस्ती: अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस जिला अस्पताल में संसाधनों की कमी तो नहीं है, मगर इन्हें संचालित करने में तमाम तकनीकी बाधा के चलते जरूरतमंदों को लाभ से वंचित होना पड़ रहा है. अस्पताल के दो एक्स-रे मशीन में एक खराब है. थायराइड जांच के लिए स्थापित मशीन कमरे में बंद है. इसका कारण जांच के लिए प्रयुक्त होने वाला रीजेंट ही नहीं है. यह सबकुछ साल भर से चल रहा है, मगर जिम्मेदार चुप्पी साधे हैं.

जिला अस्पताल में अत्याधुनिक मशीने खराब.

मरीजों को जांच के लिए बाहर के केंद्रों पर पड़ रहा जाना
जिला अस्पताल में प्रतिदिन करीब दो से ढाई सौ मरीज ओपीडी में इलाज कराते हैं. इनमें से तमाम को चिकित्सक अल्ट्रासाउंड अथवा एक्स-रे की सलाह देते हैं. करीब 20-25 मरीजों को थायराइड की जांच भी डॉक्टर लिखते हैं, लेकिन जिला अस्पताल में संसाधन होते हुए भी मरीजों को बाहर के जांच केंद्रों पर जाना पड़ता है. इससे मरीजों को आर्थिक क्षति होती है. एक्स-रे व थायराइड की जांच के लिए तीन से पांच सौ रुपये, जबकि अल्ट्रासाउंड के लिए सात सौ रुपये बाहर के जांच केंद्र लेते हैं. भीड़ के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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एसआईसी डॉ. रोचस्मती पांडेय ने कहा कि अस्पताल में रेडियोलाजिस्ट न होने के कारण अल्ट्रासाउंड सेंटर बंद है. एक्स-रे की एक मशीन में तकनीकी खामियां आ गई हैं, जिसे दूर कराने के लिए संबंधित कंपनी को पत्र लिखा गया है. रही थायराइड जांच की बात तो पैथालोजिस्ट से बात कर इसे जल्द शुरू करा दिया जाएगा.

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