बस्ती: उत्तर प्रदेश सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही है. दूसरी तरफ पालतू जानवर गला घोंटू, खसरा, जैसी बीमारियों की चपेट में आकर मर रहे हैं. पशु चिकित्सालयों में डॉक्टरों की कमी के कारण पालतू मवेशियों का सही तरीके से इलाज नहीं हो रहा है.
जानकारी के अनुसार सरकारी पशु अस्पतालों में डॉक्टर अक्सर नदारद मिलते हैं. पालतू पशुओं की इस समस्या को लेकर बस्ती जिले के उप चिकित्साधिकारी डॉ. सत्यप्रकाश यादव ने बताया कि अस्पताल में स्टाफ की कमी है. स्टाफ की कमी के कारण पशुओं को वर्ष भर में सिर्फ एक बार टीका लगा पाते हैं. हमारे पास स्टाफ न होने के कारण हर छमाही टीका लगाना मुश्किल है.
उन्होंने बताया कि इस संबंध में शासन को पत्र लिखा गया है. पत्र के माध्यम से डॉक्टर, स्टाफ की मांग की गई है. डॉ. सत्यप्रकाश यादव ने बताया कि स्टाफ की कमी पूरी होने पर अधिक क्षेत्रों मे पशुओं को गलाघोटू, खसरा जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए टीका लगवाएंगे. उन्होंने बताया कि जिन पशुओं का बीमा किया गया था. यदि बीमा की समय अवधि के भीतर पशुओं की मौत होती है, तो पशुपालकों को बीमा राशि दिलवायी जाती है.