बस्ती: जिले के दुबौलिया थाना क्षेत्र के महुवापार खुर्द गांव में बालू का अवैध कारोबार अपने चरम सीमा पर है. बालू माफिया सरकार के निर्धारित किए गए स्थान पर बालू खनन करने के बजाय सरयू नदी के बीचों बीच जाकर अवैध तरीके से बालू खनन कर रहे हैं. इतना ही नहीं, करोड़ों की लागत से बनाए गए बांध को भी ओवरलोड बालू के ट्रकों ने डैमेज कर दिया है.
किसानों को डराते हैं दबंग
यहां स्थिति अब यह हो गई है कि बांध अपने वास्तविक स्तर से एक फुट अंदर धंस गया है, जिस वजह से आने वाले समय में सरयू नदी के ऊफान पर इस बांध के टूटने की आशंका है. आस-पास के किसानों का आरोप है कि बालू माफिया जबरन उनकी खेती योग्य जमीनों पर भी बालू खनन कर रहे हैं. जब किसान इसका विरोध करते हैं तो दबंग असलहों के दम पर उन्हें डराते-धमकाते हैं.
इसके अलावा एनजीटी (राष्ट्रीय हरित अधिकरण) का सख्त नियम है कि बालू खनन का कार्य मैनुअल ही किया जा सकता है, जबकि बालू माफिया पोकलैंड और जेसीबी मशीनों से बालू खनन कर रहे हैं. इतना ही नहीं, अवैध रूप से तटबंध पर ही कई हजार घनफुट बालू डंप किया गया है, जबकि नियम यह है कि खनन के स्थान से 5 किलोमीटर के दायरे तक बालू इकठ्ठा नहीं किया जा सकता.
बालू खोदने के लिए माफियाओं ने बकायदा सरयू नदी के बीच जाकर रास्ता बना दिया है और धारा को रोककर बालू खनन कर रहे हैं. सफेद सोने का काला कारोबार अधिकारियों की मिलीभगत में खूब फल-फूल रहा है. इनके हौंसले इस कदर बुलंद है कि वे असलहों से लैस होकर इस काम को अंजाम देते हैं.
डीएम सौम्या अग्रवाल से इस मामले पर बात की गई तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. एडीएम ने इस मामले में तत्काल टीम बनाकर कार्रवाई की बात कही है. उन्होंने इसके लिए खनन विभाग के अधिकारियों को निर्देशित भी किया है. कहा कि आरोपी सही पाए जाने पर बालू माफियाओंं पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.