बस्ती: उपडाकघर हरैया में आधुनिक तकनीक से कार्य तो शुरू हो गया लेकिन अभी तक इस डाकघर के पास अपना भवन भी नहीं है. इस विभाग के जिम्मेदार खुद ही सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना को पलीता लगा रहे हैं. डाकघर हरैया मे गंदगी का अंबार लगा हुआ है. वही जरूरी फाइलों को रखने के लिए इनके पास आलमारी तक नहीं है.
खास बातें-
- केन्द्र सरकार की महत्कांक्षी योजना बचत डाकघर की स्थिति बद से बदतर होती जा रही है.
- इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली जनता का विकास करना सरकार का मकसद था.
- देखते ही देखते केंद्र सरकार की यह योजना खुद ही विकास के लिये तरसने लगी है.
- वहीं हरैया उपडाकघर के पास खुद का भवन नहीं है. ज्यादातर फाइलें इधर उधर पड़ी धूल फांक रही हैं.
उपडाकघर की हालत खराब उपभोक्ता परेशान-
दुर्व्यवस्था का आलम यह है कि इस डाकघर में लाइट की व्यवस्था तक नहीं है. जिससे उपभोक्ताओं को दिन में ही मोबाइल के टॉर्च के सहारे फॉर्म भरना पड़ता है. अभी तक यहां साफ सफाई के लिए एक भी कर्मचारी उपलब्ध नहीं है. जिससे पूरे डाकघर में जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है. इस डाकघर में एक शौचालय तक की व्यवस्था नहीं है. उपभोक्ताओं को बैठने के लिए कोई इंतजाम नहीं है.
केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना-
यह केंद्र सरकार महत्वाकांक्षी योजना है जिसे प्रधानमंत्री मोदी ने नया रूप दिया था. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को पलीता यहां के जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी लगा रहे हैं. जगह जगह पान-गुटखा थूका हुआ पड़ा है पान के लाल निशान दीवालों की शान बढ़ाते नजर आ रहे हैं.
उपडाकघर में व्यवस्था का आभाव-
इस उपडाकघर में अग्निशमन यंत्र और पोस्ट बॉक्स एक कोने में पड़े सड़ रहे हैं. यहां के बोर्ड का भी पता नही है, जनता को बाजार में पोस्ट आँफिस का पता पूछते हुए आना पड़ता है. पूरा आफिस गंदगी से भरा हुआ है. लाइट की भी कोई व्यवस्था नहीं की गई है. अलमारी नहीं होने से फाइलें जहां तहां पड़ी हुई हैं
कई बार इसकी सूचना विभाग के जिम्मेदारों को दी गई लेकिन कोई व्यवस्था नहीं मिल रही है. तो हम क्या करें. हमने पत्र लिखा है कि यह भवन डाकघर के लिए सही नही हैं. यहां मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए नए भवन की व्यवस्था की जाए.
केशव गुप्ता, पोस्ट मास्टर