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बस्ती: DM ने किसानों को दी हिदायत, पराली जलाया तो दर्ज होगा मुकदमा - बिना रीपर के धान की कटाई पर रोक

बस्ती के डीएम आशुतोष निरंजन ने किसानों को सख्त हिदायत दी है. उन्होंने कहा कि अगर किसानों ने पराली जलाया तो उन पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा. साथ ही जुर्माना भी लगाया जाएगा.

बस्ती के डीएम आशुतोष निरंजन.
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Published : Nov 11, 2019, 7:22 AM IST

बस्ती: धान की कटाई के बाद पराली जलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों का असर जिले में दिखने लगा है. अब तक जिला प्रशासन ने बिना रीपर के कटाई कर रही चार कम्बाइन मशीनों को सीज किया है. जिला प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी करते हुए बिना रीपर के धान की कटाई पर रोक लगा रखी है. ज्यादातर कम्बाइन मशीनों में रीपर नहीं लगा है, जिसकी वजह से धान की कटाई कम्बाइन मशीन से नहीं हो पा रही है. इससे धान की कटाई में देरी हो रही है.

डीएम ने दी जानकारी.

डीएम आशुतोष निरंजन ने कम्बाइन मालिकों को बुला कर बात की. डीएम ने कम्बाइन मशीनों में रीपर लगाने की बात कही. कम्बाइन मालिकों और जिला प्रशासन में इस बात पर सहमति बनी कि 30 हजार रुपये कीमत का एक यंत्र आता है, जिसे धान की कटाई के समय कम्बाइन मशीन वाले लगाएंगे. इस रीपर के लगाने से धान की कटाई जड़ से होगी.

ये भी पढ़ें: बस्ती: डीएम ने पूर्ति विभाग के कसे पेंच, जिले में शांति व्यवस्था कायम

डीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देश पर पराली को नहीं जलाने दिया जाएगा. पहले कम्बाइन मशीन से ऊपर से ही धान की कटाई कर दी जाती थी, जिसकी वजह से किसान धान की डंठल को फूंक देते थे. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने इसका ये उपाय निकाला कि जब धान की कटाई हो तो उसी समय धान की डंढल को जड़ से काट दिया जाए, जिससे इस समस्या से बचा जा सकता है.

किसानों को पराली को न जलाने का निर्देश दिया गया है. अगर इसके बाद भी किसान पराली को जलाएंगे तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और जुर्माना लगाया जाएगा.
- आशुतोष निरंजन, डीएम

धान की कटाई न होने से किसान परेशान हैं. कम्बाइन मशीनों में इतनी जल्दी रीपर लगाना भी आसान नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि जिला प्रशासन ने समय रहते ही कम्बाइन मालिकों को इस तरह का निर्देश क्यों नहीं जारी किया. अगर समय पर कम्बाइन मालिकों को रीपर लगाने का निर्देश जारी किया गया होता तो आज किसानों को धान की कटाई कराने में इतनी परेशानी न होती.

बस्ती: धान की कटाई के बाद पराली जलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों का असर जिले में दिखने लगा है. अब तक जिला प्रशासन ने बिना रीपर के कटाई कर रही चार कम्बाइन मशीनों को सीज किया है. जिला प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी करते हुए बिना रीपर के धान की कटाई पर रोक लगा रखी है. ज्यादातर कम्बाइन मशीनों में रीपर नहीं लगा है, जिसकी वजह से धान की कटाई कम्बाइन मशीन से नहीं हो पा रही है. इससे धान की कटाई में देरी हो रही है.

डीएम ने दी जानकारी.

डीएम आशुतोष निरंजन ने कम्बाइन मालिकों को बुला कर बात की. डीएम ने कम्बाइन मशीनों में रीपर लगाने की बात कही. कम्बाइन मालिकों और जिला प्रशासन में इस बात पर सहमति बनी कि 30 हजार रुपये कीमत का एक यंत्र आता है, जिसे धान की कटाई के समय कम्बाइन मशीन वाले लगाएंगे. इस रीपर के लगाने से धान की कटाई जड़ से होगी.

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डीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देश पर पराली को नहीं जलाने दिया जाएगा. पहले कम्बाइन मशीन से ऊपर से ही धान की कटाई कर दी जाती थी, जिसकी वजह से किसान धान की डंठल को फूंक देते थे. उन्होंने कहा कि हम लोगों ने इसका ये उपाय निकाला कि जब धान की कटाई हो तो उसी समय धान की डंढल को जड़ से काट दिया जाए, जिससे इस समस्या से बचा जा सकता है.

किसानों को पराली को न जलाने का निर्देश दिया गया है. अगर इसके बाद भी किसान पराली को जलाएंगे तो उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और जुर्माना लगाया जाएगा.
- आशुतोष निरंजन, डीएम

धान की कटाई न होने से किसान परेशान हैं. कम्बाइन मशीनों में इतनी जल्दी रीपर लगाना भी आसान नहीं है. ऐसे में सवाल उठता है कि जिला प्रशासन ने समय रहते ही कम्बाइन मालिकों को इस तरह का निर्देश क्यों नहीं जारी किया. अगर समय पर कम्बाइन मालिकों को रीपर लगाने का निर्देश जारी किया गया होता तो आज किसानों को धान की कटाई कराने में इतनी परेशानी न होती.

Intro:रिपोर्ट- सतीश श्रीवास्तव
बस्ती यूपी
मो- 9889557333

स्लग- पेराली जलाने वाले किसानो पर कार्यवाही का डीएम ने दिया निर्देश

एंकर- धान की कटाई के बाद पराली जलाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों का असर जिले में दिखने लगा है, अब तक जिला प्रशासन ने बिना रीपर के कटाई कर रही चार कम्बाइन मशीनों को सीज किया है, जिला प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी करते हुए बिना रीपर के धान की कटाई पर रोक लगा रखी है, ज्यादा तर कम्बाइन मशीनों में रीपर नहीं लगा है, जिसकी वजह से धान की कटाई कम्बाइन मशीन से नहीं हो पा रही है, जिससे धान की कटाई में देर हो रही है, धान की कटाई न होने से किसान परेशान हैं, कम्बाइन मशीनों में इतनी जल्दी रीपल लगाना भी आसान नहीं है, ऐसे में सवाल उठता है की जिला प्रशासन ने समय रहते ही कम्बाइन मालिकों को इस तरह का निर्देश क्यों नहीं जारी किया, अगर समय पर कम्बाइन मालिकों को रीपर लगाने का निर्देश जारी किया गया होता तो आज किसानों को धान की कटाई कराने में इतनी परेशानी नहीं होती, डीएम आशुतोष निरंजन ने कम्बाइन मालिकों को बुला कर बात की, डीएम ने कम्बाइन मशीनों में रीपर लगाने की बात कही, कम्बाइन मालिकों और जिला प्रशासन में इस बात पर सहमति बनी की 30 हजार रूपए कीमत का एक यंत्र आता है जिसे धान की कटाई के समय कम्बाइन मशीन वाले लगाएं, इस रीपर के लगाने से धान की कटाई जड़ से होगी,


Body:डीएम ने कहा की सुप्रीम कोर्ट और एनडीटी के दिशा निर्देश पर पराली को नहीं जलाने दिया जाएगा, पहले कम्बाइन मशीन से ऊपर से ही धान की कटाई कर दी जाती थी जिसकी वजह से किसान धान की डंढल को फूंक देते थे, हम लोगों ने उस का ये उपाय निकाला की जब धान की कटाई हो तो उसी समय धान की डंढल को जड़ से काट दिया जाए जिससे इस समस्या से बचा जा सकता है, डीएम का कहना है की किसान पराली को न जलाने का निर्देश दिया गया है अगर इस के बाद भी कृषक पराली को जलाएंगे तो उन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी और जुर्माना लगाया जाएगा,

बाइट- आशुतोष निरंजन,,, डीएम


बस्ती यूपी


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