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बस्ती: सहकारी समिति के 45 सचिवों ने दिया इस्तीफा, प्रशासन पर लगाए ये आरोप - बस्ती में सचिवों ने दिया स्तीफा

यूपी के बस्ती जिले में शुक्रवार को 45 सहकारी समितियों के सचिवों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया. इनका आरोप है कि यूरिया खाद की कालाबाजारी के नाम पर इन लोगों पर फर्जी मुकदमे दर्ज कराए गए हैं.

प्रदर्शन
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Published : Sep 12, 2020, 4:01 AM IST

बस्तीः यूरिया खाद की कालाबाजारी को लेकर सहकारी समितियों के संचालकों पर दर्ज मुकदमे के विरोध में उत्तर प्रदेश संयुक्त सहकारी समिति कर्मचारी संघ के 45 कर्मियों ने सहायक आयुक्त और सहायक निबंधन सहकारिता बस्ती को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया. कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया कि समिति संचालकों का उत्पीड़न किया गया है. जिला कृषि अधिकारी ने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए थानों में मुकदमा दर्ज कराया है.

उत्तर प्रदेश संयुक्त सहकारी समिति कर्मचारी संघ के कई सचिवों के ऊपर मुकदमा दर्ज करने पर गुस्साए 45 कर्मियों ने सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधन सहकारिता बस्ती को इस्तीफा देकर विरोध प्रदर्शन किया. कुछ दिन पहले जिला प्रशासन ने खाद वितरण में अनियमितता पाए जाने के कारण सहकारिता समिति के कर्मचारियों के ऊपर मुकदमा दर्ज कराया था. सहकारिता के कर्मचारियों द्वारा एक किसान को 100 बोरी खाद देने पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए मुकदमा पंजीकृत कराया. इसके बाद उत्तर प्रदेश संयुक्त सहकारी समिति कर्मचारी संघ द्वारा 4 सितंबर 2020 को इस मामले को लेकर गुस्साए कर्मियों द्वारा पत्र दिया गया था, जिसमें इस मामले में कोई हल नहीं दिखा तो कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा देने का निर्णय लिया.

यह भी पढ़ेंः-बस्ती में तीन मजदूरों की मौत मामले में खुलासा, सरकारी खाद्यान्न की अवैध बिक्री से जुड़े तार

कर्मचारियों के संघ ने आरोप लगाया है कि जिला कृषि अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी को भ्रमित कर भारत सरकार द्वारा उर्वरक वितरण नियम एवं निर्धारित मानक को छुपाकर प्राथमिकी दर्ज कराया है. ऐसे में समिति कर्मचारियों के शोषण एवं उत्पीड़न को देखते हुए विकास भवन में सहायक आयुक्त और सहायक निबंधक सहकारिता के समक्ष इस्तीफा प्रस्तुत किया गया है. अगर अगले महीने 9 अक्टूबर तक मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो पूरे जनपद में सभी कर्मचारी मिलकर इस्तीफा देंगे और एकजुट होकर आंदोलन भी करेंगे.

सहकारी संघ के अध्यक्ष ने बताया कि उनसे जबरदस्ती गलत काम काराया जाता है और अब सरकार के नियमों के विरुद्ध उनपर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.

बस्तीः यूरिया खाद की कालाबाजारी को लेकर सहकारी समितियों के संचालकों पर दर्ज मुकदमे के विरोध में उत्तर प्रदेश संयुक्त सहकारी समिति कर्मचारी संघ के 45 कर्मियों ने सहायक आयुक्त और सहायक निबंधन सहकारिता बस्ती को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया. कर्मचारी संघ ने आरोप लगाया कि समिति संचालकों का उत्पीड़न किया गया है. जिला कृषि अधिकारी ने एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए थानों में मुकदमा दर्ज कराया है.

उत्तर प्रदेश संयुक्त सहकारी समिति कर्मचारी संघ के कई सचिवों के ऊपर मुकदमा दर्ज करने पर गुस्साए 45 कर्मियों ने सहायक आयुक्त एवं सहायक निबंधन सहकारिता बस्ती को इस्तीफा देकर विरोध प्रदर्शन किया. कुछ दिन पहले जिला प्रशासन ने खाद वितरण में अनियमितता पाए जाने के कारण सहकारिता समिति के कर्मचारियों के ऊपर मुकदमा दर्ज कराया था. सहकारिता के कर्मचारियों द्वारा एक किसान को 100 बोरी खाद देने पर अनियमितता का आरोप लगाते हुए मुकदमा पंजीकृत कराया. इसके बाद उत्तर प्रदेश संयुक्त सहकारी समिति कर्मचारी संघ द्वारा 4 सितंबर 2020 को इस मामले को लेकर गुस्साए कर्मियों द्वारा पत्र दिया गया था, जिसमें इस मामले में कोई हल नहीं दिखा तो कर्मचारियों ने सामूहिक इस्तीफा देने का निर्णय लिया.

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कर्मचारियों के संघ ने आरोप लगाया है कि जिला कृषि अधिकारी द्वारा जिलाधिकारी को भ्रमित कर भारत सरकार द्वारा उर्वरक वितरण नियम एवं निर्धारित मानक को छुपाकर प्राथमिकी दर्ज कराया है. ऐसे में समिति कर्मचारियों के शोषण एवं उत्पीड़न को देखते हुए विकास भवन में सहायक आयुक्त और सहायक निबंधक सहकारिता के समक्ष इस्तीफा प्रस्तुत किया गया है. अगर अगले महीने 9 अक्टूबर तक मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो पूरे जनपद में सभी कर्मचारी मिलकर इस्तीफा देंगे और एकजुट होकर आंदोलन भी करेंगे.

सहकारी संघ के अध्यक्ष ने बताया कि उनसे जबरदस्ती गलत काम काराया जाता है और अब सरकार के नियमों के विरुद्ध उनपर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.

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