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बरेली: कुल की रस्म के साथ खत्म हुआ उर्स-ए-रजवी, कुल शरीफ में शामिल हुए रजा के लाखों दीवाने

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में 101वें तीन रोजा उर्स का शुक्रवार को कुल शरीफ की रस्म अदा होने के साथ ही समापन हो गया. उर्स के मंच से आतंकवाद के खात्मे को लेकर अपील की गई.

उर्स में जायरीन की भीड़.
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Published : Oct 26, 2019, 9:05 AM IST

बरेली: जिले में आला हजरत के 101वें तीन रोजा उर्स का शुक्रवार को कुल शरीफ की रस्म अदा होने के साथ ही समापन हो गया. उर्स में देश-विदेश के लाखों जायरीन शामिल हुए. इस दौरान जायरीन की भीड़ से शहर की हर गली मोहल्लों में आला हजरत की सदाएं गूंजती रहीं. कुल शरीफ की रस्म में दुनियाभर से आए उनके लाखों दीवानों ने अपने पीरोमुर्शिद को याद किया.

कुल की रस्म के साथ खत्म हुआ उर्स-ए-रजवी.

कुल शरीफ की रस्म की गई अदा
इस्लामिया मैदान पर मथुरापुर स्थित इस्लामिक स्टडीज सेंटर और दरगाह आला हजरत पर कुल शरीफ की रस्म अदा की गई. शहर के चारों तरफ आला हजरत जिंदाबाद के नारों की गूंज सुनाई दी. कुल की रस्म शुरू हुई तो जो जहां था वहीं दुआ के लिए हाथ उठाकर खड़ा हो गया. कुल के बाद उलेमा ने मुल्क में अमन-चैन और कौम की सलामती की दुआ मांगी. उर्स को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसमें पुलिस पीएसी आरएएफ और प्रशासनिक अमला तैनात रहे.

इसे भी पढ़ें:- लखनऊ: पहली बार मनाया गया उर्स-ए-आला हजरत, हिंदू-मुस्लिमों ने बढ़-चढ़कर लिया हिस्सा

उर्स के मंच से आतंकवाद खात्मे को लेकर की गई अपील
सोमवार को आला हजरत के कुल का नजारा देखने लायक था. दोनों तरफ के मार्गों पर लाखों की तादाद में लोग मौजूद रहे. दोपहर 2:38 बजे कुल की रस्म शुरू हुई. उर्स के मंच से आतंकवाद के खात्मे को लेकर अपील की गई. इसके अलावा सूफी विचारधारा को अपनाने, दुनिया में शांति के प्रयास, खानकाह, मजार, दरगाह और मसलक-ए-आला हजरत से मजबूती के साथ जुड़ने का संदेश दिया गया. मुल्क में फैलती नफरत को खत्म करने और वोटों की राजनीति से होने वाले नुकसान पर चर्चा की गई. सभी जायरीनों ने मुल्क के लिये दुआ मांगी और कुल की रस्म अदा की.

बरेली: जिले में आला हजरत के 101वें तीन रोजा उर्स का शुक्रवार को कुल शरीफ की रस्म अदा होने के साथ ही समापन हो गया. उर्स में देश-विदेश के लाखों जायरीन शामिल हुए. इस दौरान जायरीन की भीड़ से शहर की हर गली मोहल्लों में आला हजरत की सदाएं गूंजती रहीं. कुल शरीफ की रस्म में दुनियाभर से आए उनके लाखों दीवानों ने अपने पीरोमुर्शिद को याद किया.

कुल की रस्म के साथ खत्म हुआ उर्स-ए-रजवी.

कुल शरीफ की रस्म की गई अदा
इस्लामिया मैदान पर मथुरापुर स्थित इस्लामिक स्टडीज सेंटर और दरगाह आला हजरत पर कुल शरीफ की रस्म अदा की गई. शहर के चारों तरफ आला हजरत जिंदाबाद के नारों की गूंज सुनाई दी. कुल की रस्म शुरू हुई तो जो जहां था वहीं दुआ के लिए हाथ उठाकर खड़ा हो गया. कुल के बाद उलेमा ने मुल्क में अमन-चैन और कौम की सलामती की दुआ मांगी. उर्स को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसमें पुलिस पीएसी आरएएफ और प्रशासनिक अमला तैनात रहे.

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उर्स के मंच से आतंकवाद खात्मे को लेकर की गई अपील
सोमवार को आला हजरत के कुल का नजारा देखने लायक था. दोनों तरफ के मार्गों पर लाखों की तादाद में लोग मौजूद रहे. दोपहर 2:38 बजे कुल की रस्म शुरू हुई. उर्स के मंच से आतंकवाद के खात्मे को लेकर अपील की गई. इसके अलावा सूफी विचारधारा को अपनाने, दुनिया में शांति के प्रयास, खानकाह, मजार, दरगाह और मसलक-ए-आला हजरत से मजबूती के साथ जुड़ने का संदेश दिया गया. मुल्क में फैलती नफरत को खत्म करने और वोटों की राजनीति से होने वाले नुकसान पर चर्चा की गई. सभी जायरीनों ने मुल्क के लिये दुआ मांगी और कुल की रस्म अदा की.

Intro:आला हजरत के 101 वे तीन रोजा उर्स का आज कुल शरीफ की रस्म अदा होने के साथ ही समापन हो गया। उर्स में देश-विदेश के लाखों जायरीन शामिल हुए। इस दौरान जायरीन की भीड़ से शहर की हर गली मोहल्लों में आला हजरत की सदाएं गूंजती रही। कुल शरीफ की रस्म में दुनियाभर से आए उनके लाखों दीवानों ने अपने पीरोमुर्शिद को याद किया।


Body: इमाम अहमद रजा फाजिले बरेलवी के कुल शरीफ पर शुक्रबार को शहर में जायरीन का सैलाब उमड़ पड़ा। लाखों की संख्या में जायरीन ने कुल में शरीक होकर आशिक़े रसूल आला हजरत को फिर आज अकीदत पेश की। इस्लामिया मैदान पर मथुरापुर स्थित इस्लामिक स्टडीज सेंटर में एवं दरगाह आला हजरत पर कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। शहर के चारों तरफ आला हजरत जिंदाबाद के नारों की गूंज सुनाई दी। कुल की रस्म शुरू हुई तो जो जहां था वहीं दुआ के लिए हाथ उठाकर खड़ा हो गया। शहर की सड़कें जाम हो गई । कुल के बाद उलेमा ने मुल्क में अमन-चैन और कौन की सलामती की दुआ मांगी। उर्स को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम किए गए काफी पुलिस पीएसी आर ए एफ और प्रशासनिक अमला तैनात रहा। इस्लामिया मैदान और मथुरापुर स्थित इस्लामिक स्टडीज सेंटर पर सोमवार को आला हजरत के कुल का नजारा देखने लायक था दोनों तरफ के मार्गों पर लाखों की तादाद में लोग मौजूद रहे। दोपहर 2:38 बजे कुल की रस्म शुरू हुई। उर्स के मंच से आतंकवाद के खात्मे को लेकर अपील की गई । इसके अलावा सूफी विचारधारा को अपनाने , दुनिया में शांति के प्रयास, खानकाह, मजार, दरगाह, और मसलक ए आला हजरत से मजबूती के साथ जुड़ने का संदेश दिया। मुल्क में फैलती नफरत को खत्म करने और वोटों की राजनीति से होने वाले नुकसान पर चर्चा की गई । इस्लामिया इंटर कॉलेज में हजरत अहसन रजा कादरी ने दुआ फरमाई। उर्स ए आला हजरत में अकीदतमंदो की तहरीक ए सुन्नियत टीटीएस ने बखूबी अपने काम को अंजाम दिया।सभी जायरीनों न मुल्क के लिये दुआ मांगी और कुल की रस्म अदा की। बाइट...राशिद खान बाइट-आफाक नूरी बाइट-इकवाल


Conclusion:
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