बरेली: जिले में आला हजरत के 101वें तीन रोजा उर्स का शुक्रवार को कुल शरीफ की रस्म अदा होने के साथ ही समापन हो गया. उर्स में देश-विदेश के लाखों जायरीन शामिल हुए. इस दौरान जायरीन की भीड़ से शहर की हर गली मोहल्लों में आला हजरत की सदाएं गूंजती रहीं. कुल शरीफ की रस्म में दुनियाभर से आए उनके लाखों दीवानों ने अपने पीरोमुर्शिद को याद किया.
कुल शरीफ की रस्म की गई अदा
इस्लामिया मैदान पर मथुरापुर स्थित इस्लामिक स्टडीज सेंटर और दरगाह आला हजरत पर कुल शरीफ की रस्म अदा की गई. शहर के चारों तरफ आला हजरत जिंदाबाद के नारों की गूंज सुनाई दी. कुल की रस्म शुरू हुई तो जो जहां था वहीं दुआ के लिए हाथ उठाकर खड़ा हो गया. कुल के बाद उलेमा ने मुल्क में अमन-चैन और कौम की सलामती की दुआ मांगी. उर्स को लेकर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसमें पुलिस पीएसी आरएएफ और प्रशासनिक अमला तैनात रहे.
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उर्स के मंच से आतंकवाद खात्मे को लेकर की गई अपील
सोमवार को आला हजरत के कुल का नजारा देखने लायक था. दोनों तरफ के मार्गों पर लाखों की तादाद में लोग मौजूद रहे. दोपहर 2:38 बजे कुल की रस्म शुरू हुई. उर्स के मंच से आतंकवाद के खात्मे को लेकर अपील की गई. इसके अलावा सूफी विचारधारा को अपनाने, दुनिया में शांति के प्रयास, खानकाह, मजार, दरगाह और मसलक-ए-आला हजरत से मजबूती के साथ जुड़ने का संदेश दिया गया. मुल्क में फैलती नफरत को खत्म करने और वोटों की राजनीति से होने वाले नुकसान पर चर्चा की गई. सभी जायरीनों ने मुल्क के लिये दुआ मांगी और कुल की रस्म अदा की.