बरेली: कोरोना वायरस को रोकने के लिए रेलवे ने अपने कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील कर दिया है. रेलवे ने करीब 40 हजार आइसोलेशन वार्ड बना दिए हैं. रेलवे के आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ कोरोना मरीजों का इलाज बरेली की पीपीई किट पहनकर करेंगे. नवाबगंज क्षेत्र के विधयाक केसर सिंह गंगवार के प्रयास से रेलवे ने बरेली के नबाबगंज के भदपुराब्लॉक के बहिर जागीर गांव के दो महिला समूहों को पीपीई किट बनाने की जिम्मेदारी दी है.
कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रेलवे के कोचों को आइसोलेशन वार्ड बना दिया गया है. उसके लिए डॉक्टर और नर्सिंग स्टाफ के लिए पीपीई किट (पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट) को लेकर रेलवे ने टेंडर निकाले. जब विधायक केसर सिंह गंगवार को इन टेंडरों के बारे में पता चला तो उन्होंने बहिर जागीर गांव के महिला समूहों के भी टेंडर डलवाये. उसके बाद महिला समूहों ने सबसे सस्ती और अच्छी पीपीई किट क्वालिटी का सैंपल पेश किया. रेलवे ने आशी और देवहा महिला समूह को पहला ऑर्डर 1800 पीपीई किट बनाने का दिया. महिला समूहों की मदद प्राजू फाउंडेशन ने की. रेलवे के इंजीनियरों ने महिला समूहों के कारखाने का जायजा लिया. सब कुछ कसौटी पर खरा उतरा. तीन दिन में महिला समूहों ने करीब 500 पीपीई किट तैयार कर दी है.
विधायक केसर सिंह गंगवार अपने क्षेत्र में मिली इस उपलब्धि पर काफी प्रसन्न हैं. उनका कहना है कि इस महामारी में अगर सभी देशवासी मिलकर काम करें तो जल्द से जल्द इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. खासतौर पर बहिर जागीर गांव की बात की जाए तो जो रेलवे का ऑर्डर गांव को मिला है, उससे कहीं न कहीं हमारा गांव इस बीमारी से लड़ने में आगे आया है. विधायक केसर सिंह गंगवार ने डॉक्टरों की तारीफ करते हुए कहा कि वाकई हमारे डॉक्टर भगवान का रूप हैं. मैंने पीपीई किट को केवल थोड़ी देर के लिए पहना है और मैं पसीना-पसीना हो गया. इस गर्मी के मौसम में जो डॉक्टर इस किट को पहन कर काम करेंगे, उनका जज्बा काबिल ए तारीफ है. हम आगे भी प्रयास करेंगे कि गांव में जो यह पीपीई किट बनाई जा रही है वह अन्य हेल्थ के सेक्टरों में काम आए.
इसे भी पढ़ें- उत्तर प्रदेश में 82 नए कोरोना पॉजिटिव मामले आए सामने, आंकड़ा 931 पहुंचा