बरेली: जिला अस्पताल में डॉक्टरों की लापरवाही के चलते एक नवजात बच्ची की मौत हो गई. बच्ची को भर्ती कराने आए पिता को जिला अस्पताल और महिला अस्पताल में तीन घंटे तक इधर-उधर भटकाया. इस दौरान समय से इलाज न मिल पाने के कारण बच्ची ने दम तोड़ दिया.
जानें क्या है मामला
- गोकुलपुर बिशारतगंज निवासी जोगेंद्र की पत्नी ने 15 जून को जीराज हॉस्पिटल अलीगंज में बेटी की जन्म दिया था.
- बच्ची की हालत बिगड़ने पर जोगेंद्र उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचा.
- जिला अस्पताल में डॉ. एसएस चौहान ने बच्ची को देखने के बाद महिला अस्पताल में भर्ती कराने भेजा.
- महिला अस्पताल में डॉ. सौरभ ने बेड खाली न होने की बात पर्चे पर लिखकर वापस जोगेंद्र को जिला अस्पताल भेज दिया.
- जोगेंद्र बच्ची को लेकर ओपीडी में आया और यहां इधर-उधर भटकता रहा.
- तीन घंटे तक भटकने के बाद नवजात बच्ची की मौत हो गई.
- मामले में महिला और पुरुष सीएमएस ने एक-दूसरे पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
- बच्चा वार्ड की इंचार्ज सिस्टर डेजी और डॉ. अलका शर्मा में भर्ती कराने की बात को लेकर कहासुनी भी हो गई.
जिला और महिला अस्पताल के डॉक्टरों ने बच्ची को भर्ती करने के लिए मना कर दिया था. बच्ची की हालत लगातार बिगड़ रही थी. हम डॉक्टरों से कह रहे थे कि बच्ची को भर्ती कर लीजिए, लेकिन उन्होंने पर्चे पर लिख दिया कि हमारे पास बेड उपलब्ध नहीं हैं.
-कुसमा देवी, मृतक बच्ची की नानी
डॉक्टर एसएस चौहान ने नवजात बच्ची को देखा था. बच्ची बहुत ही कमजोर थी और कम ही दिनों की पैदा हो गई थी. फीडिंग की प्रॉब्लम की वजह से उसको एनआईसीयू में भर्ती करना जरूरी था.
के एस गुप्ता, डॉक्टर
डॉक्टर सौरभ ने बच्चे को देखा और वार्ड में जगह न होने के कारण दोबारा जिला अस्पताल भेजने की बात कही. प्रमुख सचिव के आदेशों के पालन के अनुरूप ही जगह न होने पर जिला अस्पताल भेजा जा रहा है.
डॉक्टर अलका शर्मा, सीएमएस महिला अस्पताल