बरेली: जिले में 2013 में दिनदहाड़े थाना बारादरी क्षेत्र में रहने वाले राजू यादव की धारदार हथियारों से हत्या कर दी गई थी. राजू यादव के घर वालों ने आरोप लगाया था कि राजू यादव के प्रेम विवाह किया था, इस प्रेम विवाह से लड़की के घर वाले रंजिश मानने लगे थे. जिसके बाद बारादरी के सिक्लापुर क्षेत्र में दिनदहाड़े अमर कश्यप, दीपू और भूरा ने चाकू, तलवारों से हमला कर दिया था, जिसमें उसकी मौत हो गयी थी. इस प्रकरण में हुई सुनवाई के बाद अपर सत्र न्यायाधीश ने अमर कश्यप, भूरा और दीपू को दोषी पाया गया और तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.
दरअसल, बरेली के थाना बारादरी क्षेत्र में रहने वाले राजू यादव ने 2011 में रोजी कश्यप से प्रेम विवाह किया था. राजू और रोजी के प्रेम विवाह से रोजी के परिवार वाले खुश नहीं थे, और राजू यादव से रंजिश मानने लगे थे. राजू यादव के घर वालों ने आरोप लगाया था कि 26 मार्च 2013 को थाना बारादरी के सिक्लापुर क्षेत्र में दिनदहाड़े राजू यादव पर अमर कश्यप, दीपू और भूरा ने चाकू, तलवारों से हमला कर दिया था, जिसमें उसकी मौत हो गयी थी.
इतना ही नहीं राजू यादव को बचाने आए बाबूराम को भी चाकू मारकर घायल कर दिया था और मौके से फरार हो गए थे. राजू यादव की हत्या का आरोप राजू यादव की पत्नी के परिवार के अमर कश्यप, भूरा और दीपू पर लगा था.
वहीं, मृतक राजू यादव के घर वालों ने आरोप लगाया कि राजू यादव ने रोजी कश्यप से उसके घर वालों की मर्जी के बिना प्रेम विवाह किया था. राजू यादव के घर वालों का आरोप था कि उसी प्रेम विवाह की रंजिश के चलते राजू यादव की हत्या को अंजाम दिया गया था. राजू यादव की हत्या के बाद उसके भाई यशपाल की तरफ से बारादरी थाने की पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया और फिर पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था तब से मामला कोर्ट में विचाराधीन था.
यह भी पढ़ें- रेप-हत्या मामले में कोर्ट का ऐतिहासिक फैसला, आरोपी को मिली 4 बार आजीवन कारावास की सजा
जीडीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक ने बताया कि इस प्रकरण में अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 10 ने राजू यादव की हत्या के मामले में कोर्ट में चली सुनवाई के दौरान 11 गवाहों को कोर्ट में पेश किया गया था, जहां अदालत में अमर कश्यप, भूरा और दीपू को दोषी पाया गया. जिसके बाद शुक्रवार को अपर सत्र न्यायाधीश कक्ष संख्या 10 ने अमर कश्यप, दीपू और भूरा तीनों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इतना ही नहीं तीनों अभियुक्तों पर पचास-पचास हजार का आर्थिक दंड भी लगाया.