बरेली: रामयाण के अनुसार मिथिला के राजा जनक को खेत में हल जोतते समय एक मटके से सीता माता की प्राप्ति हुई थी. कुछ ऐसा ही मामला बरेली में भी देखने को मिला है. यहां सिटी श्मशान भूमि में खुदाई के दौरान जमीन के अंदर से एक बच्ची मिली. इस बच्ची को किसी ने जिंदा मटकी में भरकर जमीन के अंदर दफना दिया था. फिलहाल बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहीं एसपी सिटी का कहना है कि जिस किसी ने भी बच्ची को जिंदा दफनाने का अमानवीय कृत्य किया है, उसे सजा जरूर दी जाएगी.
जिला अस्पताल के एनआईसीयू में एक बच्ची को भर्ती कराया गया है, जिसे लोग कलयुग की सीता कह रहे हैं. बताया जा रहा है कि बच्ची तीन फिट गहरे गड्ढे में घड़े के अंदर से जिंदा निकली है. सीबीगंज के रहने वाले हितेश कुमार की पत्नी वैशाली महिला दारोगा हैं. गर्भावस्था के बाद उन्होंने डॉक्टरों की सलाह पर बच्ची का अबॉर्शन कराया.
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मृत बच्ची को हितेश दफनाने के लिए श्मशान लेकर पहुंचे. यहां उन्होंने बच्ची को दफनाने के लिए गड्ढा खुदवाना शुरू किया. करीब तीन फिट की खुदाई के बाद ही फावड़ा किसी चीज से टकराया. मिट्टी हटाकर देखा गया तो अंदर से एक मटका निकला. इस मटके के अंदर एक बच्ची थी, जिसकी सांसें चल रही थीं. इसे देखकर सभी लोग अचम्भित रह गए.
इसके बाद हितेश ने मटके से निकली बच्ची के लिए दूध का इंतजाम किया. हितेश ने इसकी सूचना पुलिस को भी दी. इसके बाद पुलिस ने बच्ची को जिला अस्पताल में भर्ती कराया. इसके बाद हितेश ने अपनी मृत बच्ची को दफन किया. फिलहाल बच्ची को किसने गड्ढे में दबाया इसकी जानकारी नहीं हो पाई है. वहीं गड्ढे से निकली बच्ची का नाम सीता रखा गया है.
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वहीं इस मामले में एसपी सिटी अभिनंदन सिंह का कहना है कि जिस किसी ने भी इस बच्ची को जिंदा दफन करने का अमानवीय कृत्य किया है, उसे सजा जरूर दी जाएगी. उन्होंने कहा कि पुलिस की टीमें उस परिवार की तलाश में जुट गई हैं, जिन्होंने बच्ची को मटके में जिंदा दफन किया है. उनका कहना है कि सादी वर्दी में भी पुलिस की टीमें तलाश कर रही हैं.