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बरेली में मीरगंज के टूटे पुल और टूटी सड़कों पर संभलकर चलें - bridge over kichha river

उत्तरप्रदेश के जिले बरेली में एक इलाका है मीरगंज. इस इलाके के सोबरनी दुनका रोड पर सुकटिया गांव के पास बना पुल पिछले करीब एक साल से टूटा पड़ा है. यह इलाके का व्यस्त रूट है, मगर शासन-प्रशासन इस पुल की मरम्मत कराना भूल गया है. अगर इस साल मॉनसून मेहरबान होता तो किच्छा नदी पर बना पुल आवागमन के लायक नहीं बचता.

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मीरगंज
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Published : Jul 21, 2022, 2:20 PM IST

बरेली : बरेली के मीरगंज में किच्छा नदी पर बना पुल सचमुच भगवान भरोसे ही चल रहा है. पिछले साल अक्टूबर में किच्छा नदी में आई बाढ़ के कारण नगरिया सोबरनी-दुनका रोड पर सुकटिया गांव के समीप बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया था. पुल टूटने के 10 महीने बाद भी पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन ने इसे दुरुस्त करने की जहमत नहीं उठाई. इस बार उत्तरप्रदेश में उम्मीद से कम बारिश हुई है. अगर सामान्य बारिश भी होती इस पुल पर आवागमन बंद हो जाता.
इस क्षेत्र में रहने वाले पप्पू शर्मा ने बताया कि पिछले साल की बाढ़ के कारण सुकटिया गांव का संपर्क भी कट गया था. इसके अलावा बाढ़ से नगरिया कलां, बैरमनगर,रजपुरा,बरीपुरा,डूंगरपुर देहात, बिहारीपुर, भमौरा, समेत तमाम गांव प्रभावित हुए थे. गरिया सोबरनी, दुनका मार्ग भी गड्ढों में तब्दील हो गया था. रोड बदहाल होने के कारण लोगों को दूसरे रास्तों से आना-जाना पड़ता है. वर्ष 2015 में करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण किया गया था. मगर करीब 5 साल बाद ही पुल की हालत खराब हो गई.

ग्रामीणों ने जर्जर पुल के खतरे के बारे में बताया कि मीरगंज थाना क्षेत्र के गांव भैरपुरा निवासी जैनेन्द्र सिंह अपनी रिश्तेदारी में गए थे. वह दुनका पुल के पास टूटे पुल और सड़क होने की वजह से वह नीचे नदी में जा गिरे और गंभीर रूप से घायल हो गए. बाद में जैनेंद्र सिंह की मौत हो गई. 2021 के मार्च महीने में गांव बफरी बुजुर्ग के लीलाधर भी जर्जर पुल और खराब सड़क का शिकार बन गए थे. लीलाधर जब शेरगढ़ से घर लौट रहे थे तो अंधेरे की वजह से उन्हें रोड दिखाई नहीं दिया. वह नदी में जा गिरे, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी.

ग्रामीणों का दावा है कि खतरनाक पुल और जर्जर सड़क के कारण कई लोग हादसे का शिकार होकर अपंग हुए, इसके बावजूद शासन-प्रशासन की नींद अबतक नहीं खुली है.एक साल से प्रशासन कुंभकर्ण की नींद सो रहा है. ग्राम प्रधान डॉक्टर राममूर्ति लाल प्रजापति, सतीश कुमार,रेबीलाल व राजेंद्र सिंह ने पुल के दोनों ओर बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़क मार्ग की मरम्मत कराए जाने की मांग की है. विधायक डॉ. डी. सी. वर्मा ने बताया शासन से अभी पैसा नहीं मिला है. बुधवार को उन्होंने पीडब्ल्यूडी मंत्री से मिलकर पैसा जारी कराने का अनुरोध किया था. पुल की मरम्मत जल्द कराई जाएगी.

पढ़ें : बरेली में बंदरों का आतंक: 4 माह के बच्चे को तीन मंजिल से फेंका नीचे, मासूम की मौत

बरेली : बरेली के मीरगंज में किच्छा नदी पर बना पुल सचमुच भगवान भरोसे ही चल रहा है. पिछले साल अक्टूबर में किच्छा नदी में आई बाढ़ के कारण नगरिया सोबरनी-दुनका रोड पर सुकटिया गांव के समीप बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया था. पुल टूटने के 10 महीने बाद भी पीडब्ल्यूडी और जिला प्रशासन ने इसे दुरुस्त करने की जहमत नहीं उठाई. इस बार उत्तरप्रदेश में उम्मीद से कम बारिश हुई है. अगर सामान्य बारिश भी होती इस पुल पर आवागमन बंद हो जाता.
इस क्षेत्र में रहने वाले पप्पू शर्मा ने बताया कि पिछले साल की बाढ़ के कारण सुकटिया गांव का संपर्क भी कट गया था. इसके अलावा बाढ़ से नगरिया कलां, बैरमनगर,रजपुरा,बरीपुरा,डूंगरपुर देहात, बिहारीपुर, भमौरा, समेत तमाम गांव प्रभावित हुए थे. गरिया सोबरनी, दुनका मार्ग भी गड्ढों में तब्दील हो गया था. रोड बदहाल होने के कारण लोगों को दूसरे रास्तों से आना-जाना पड़ता है. वर्ष 2015 में करोड़ों की लागत से पुल का निर्माण किया गया था. मगर करीब 5 साल बाद ही पुल की हालत खराब हो गई.

ग्रामीणों ने जर्जर पुल के खतरे के बारे में बताया कि मीरगंज थाना क्षेत्र के गांव भैरपुरा निवासी जैनेन्द्र सिंह अपनी रिश्तेदारी में गए थे. वह दुनका पुल के पास टूटे पुल और सड़क होने की वजह से वह नीचे नदी में जा गिरे और गंभीर रूप से घायल हो गए. बाद में जैनेंद्र सिंह की मौत हो गई. 2021 के मार्च महीने में गांव बफरी बुजुर्ग के लीलाधर भी जर्जर पुल और खराब सड़क का शिकार बन गए थे. लीलाधर जब शेरगढ़ से घर लौट रहे थे तो अंधेरे की वजह से उन्हें रोड दिखाई नहीं दिया. वह नदी में जा गिरे, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई थी.

ग्रामीणों का दावा है कि खतरनाक पुल और जर्जर सड़क के कारण कई लोग हादसे का शिकार होकर अपंग हुए, इसके बावजूद शासन-प्रशासन की नींद अबतक नहीं खुली है.एक साल से प्रशासन कुंभकर्ण की नींद सो रहा है. ग्राम प्रधान डॉक्टर राममूर्ति लाल प्रजापति, सतीश कुमार,रेबीलाल व राजेंद्र सिंह ने पुल के दोनों ओर बाढ़ से क्षतिग्रस्त हुई सड़क मार्ग की मरम्मत कराए जाने की मांग की है. विधायक डॉ. डी. सी. वर्मा ने बताया शासन से अभी पैसा नहीं मिला है. बुधवार को उन्होंने पीडब्ल्यूडी मंत्री से मिलकर पैसा जारी कराने का अनुरोध किया था. पुल की मरम्मत जल्द कराई जाएगी.

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