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बरेली : पोलियो की आशंका पर बच्चे का स्टूल टेस्ट भेजा, स्वास्थ्य महकमे में खलबली

बरेली में साढ़े चार साल के बच्चे के पैर की समस्या से स्वास्थ्य महकमे में खलबली है. बच्चे के पैर अचानक लड़खड़ाने शुरू हो गए और वह खड़ा नहीं हो पाया. वहीं सीएमओ का कहना है कि बच्चा (एक्यूट फ्लेक्ससीड पैरालिसिस) थुलथुला फालिज से पीड़ित है.

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Published : May 9, 2019, 8:49 PM IST

बच्चे के पैर में समस्या होने से स्वास्थ्य महकमे में खलबली

बरेली : जिले में साढ़े चार साल के बच्चे के पैर की समस्या से स्वास्थ्य महकमे में खलबली है. जिला अस्पताल में भर्ती इस बच्चे के कई टेस्ट कराए गए. डब्‍ल्‍यूएचओ के अधिकारियों ने भी इसकी जांच की है. हालांकि, डॉक्टर ने इसे एएफपी (एक्यूट फ्लेक्ससीड पैरालिसिस) बताया है.

बच्चे के पैर की समस्या से स्वास्थ्य महकमे में खलबली.
  • मीरगंज के गांव मंडनपुर निवासी हरिशंकर के साढ़े चार वर्षीय बच्चे मोर सिंह को कुछ दिन पहले तेज बुखार आया. फिर अचानक उसके पैर लड़खड़ाने शुरू हो गए और वह खड़ा नहीं हो पाया.
  • पिता हरिशंकर ने बताया कि स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के बाद बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. मंगलवार को उसे भर्ती कराया गया. यहां कई जांचें कराई गईं.
  • हरिशंकर के अनुसार बेटे के पैर अचानक ढीले होने पर वह उसे मीरगंज सीएचसी लेकर गए थे. वहां से दवा देकर घर भेज दिया गया.
  • दो दिन पहले दोबारा दिखाया तो डॉक्टर की टीम ने सैंपल लेने की बात कही. फिर जिला अस्पताल रेफर कर दिया.
  • डॉक्टर ने बच्चे के स्टूल को जांच के लिए भेजा है.

मोर सिंह एक्यूट फ्लेक्ससीड पैरालिसिस (थुलथुला फालिज) से पीड़ित है. पोलियो जैसी कोई बात या आशंका नहीं है. हालांकि, एहतियात के तौर पर बच्चे की स्टूल जांच कराई जा रही है. जांच के बाद ही रोग का पता चलेगा.

-वीके शुक्ला, सीएमओ

बरेली : जिले में साढ़े चार साल के बच्चे के पैर की समस्या से स्वास्थ्य महकमे में खलबली है. जिला अस्पताल में भर्ती इस बच्चे के कई टेस्ट कराए गए. डब्‍ल्‍यूएचओ के अधिकारियों ने भी इसकी जांच की है. हालांकि, डॉक्टर ने इसे एएफपी (एक्यूट फ्लेक्ससीड पैरालिसिस) बताया है.

बच्चे के पैर की समस्या से स्वास्थ्य महकमे में खलबली.
  • मीरगंज के गांव मंडनपुर निवासी हरिशंकर के साढ़े चार वर्षीय बच्चे मोर सिंह को कुछ दिन पहले तेज बुखार आया. फिर अचानक उसके पैर लड़खड़ाने शुरू हो गए और वह खड़ा नहीं हो पाया.
  • पिता हरिशंकर ने बताया कि स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के बाद बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. मंगलवार को उसे भर्ती कराया गया. यहां कई जांचें कराई गईं.
  • हरिशंकर के अनुसार बेटे के पैर अचानक ढीले होने पर वह उसे मीरगंज सीएचसी लेकर गए थे. वहां से दवा देकर घर भेज दिया गया.
  • दो दिन पहले दोबारा दिखाया तो डॉक्टर की टीम ने सैंपल लेने की बात कही. फिर जिला अस्पताल रेफर कर दिया.
  • डॉक्टर ने बच्चे के स्टूल को जांच के लिए भेजा है.

मोर सिंह एक्यूट फ्लेक्ससीड पैरालिसिस (थुलथुला फालिज) से पीड़ित है. पोलियो जैसी कोई बात या आशंका नहीं है. हालांकि, एहतियात के तौर पर बच्चे की स्टूल जांच कराई जा रही है. जांच के बाद ही रोग का पता चलेगा.

-वीके शुक्ला, सीएमओ

Intro:बरेली जिले में साढे 4 साल के बच्चे के पैर लांच पुंज मिलने से स्वास्थ्य महकमें में खलबली है। जिला अस्पताल में भर्ती इस बच्चे के कई टेस्ट कराएगा है डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने भी जांच की है अब मल की जांच को नमूने लिए जा रहे हैं । हालांकि डॉक्टर ने इसे एएफपी (एक्यूट फ्लेसीसिड पैरालाइसिस) बताया है । फिलहाल मल की जांच रिपोर्ट आने के बाद बीमारी की पुष्टि होगी।


Body:मीरगंज के गांव मंडनपुर निवासी हरिशंकर के साढ़े चार बर्षीय बच्चे मोर सिंह को कुछ दिन पहले तेज बुखार आया। फिर अचानक उसके पैर लड़खड़ाने शुरू हो गए, और वह खड़ा नहीं हो पाया उसके पैर लुंज पुंज हो गए।
बाइट:- हरिशंकर पिता
पिता हरिशंकर ने बताया कि स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के बाद बच्चे को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया मंगलवार उसे भर्ती कराया गया यहां कई जांच कराई गई हैं शंकर के अनुसार बेटे के पैर अचानक ढीले होने पर वह उसे लेकर मीरगंज सीएचसी पर गए थे वहां से दवा लेकर घर भेज दिया गया 2 दिन पहले दोबारा दिखाया तो डॉक्टर की टीम ने सैंपल लेने की बात कही गई।फिर हमको जिला होस्पिटल रेफर कर दिया गया। यहाँ मल के नमूने लेकर भेज दिया है।
बाइट:- वीके शुक्ला cmo बरेली।
बही सीएमओ बी के शुक्ला ने बताया कि मोर सिंह एएफसी (थुलथुला फालिज) से पीड़ित है। पोलियो जैसी कोई बात या आशंका नहीं है। हालांकि एहतियात के तौर पर मल का सैंपल लेकर जांच करा रहे हैं जांच के बाद ही पता चलेगा कि सैंपल नेगेटिव आएगा या पॉजिटिव।


Conclusion:फिलहाल डॉक्टर जांच के बाद ही कुछ कहने से बच रहे हैं। अगर सैंपल का रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो बरेली नहीं बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में खलबली मच जाएगी क्योंकि बरेली जैसे जिले में साढे 4 साल बाद कोई पोलियो का केस आएगा।
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