बाराबंकी: बाराबंकी वन क्षेत्र के पलिया मसूदपुर गांव में एक घर के पास अजीबो-गरीब बड़े से पक्षी को देख कर हलचल मच गई. लोग अपने हिसाब से इसका नामकरण करने लगे. मामले की जानकारी पर पहुंची वन विभाग की टीम ने गिद्ध को अपने कब्जे में ले लिया.
यह दवा मवेशियों में दर्द नाशक और कीटनाशक के लिए दी जाती थी. दवा बायोडिग्रेडेबल नहीं होती है. लिहाजा पशुओं के मरने के बाद जब गिद्ध उन्हें खाते थे तो यह दवाई उनको नुकसान करती थी और इस तरह धीरे-धीरे गिद्ध विलुप्त होते गए. अब सरकार ने दवा प्रतिबंधित कर दी है. कभी कभार इसी तरह गिद्ध दिखने लगे हैं. वनाधिकारियों का मानना है कि यह अच्छा संकेत है. प्रभागीय निदेशक एनके सिंह ने बताया यह समाज के लिए अच्छा संकेत है.