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पिछली सरकारों में महिला उत्पीड़न की नहीं दर्ज होती थी FIR: विमला बाथम

विमला बाथम ने कहा कि अब शत प्रतिशत एफआईआर दर्ज की जा रही हैं, इसलिए लग रहा है कि महिला उत्पीड़न के केस बढ़ रहे हैं जबकि पहले केस ही दर्ज नही किये जाते थे.पहले की सरकारें नहीं चाहती थीं कि मुकदमे दर्ज हों. पहले केस रजिस्टर करने में टालमटोल की जाती थी.

विमला बाथम
विमला बाथम
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Published : Sep 30, 2021, 11:01 PM IST

बाराबंकी: यूपी में महिला उत्पीड़न के बढ़ रहे मामलों के पीछे शत-प्रतिशत एफआईआर का दर्ज होना है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि ये कहना है राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम का. विमला बाथम गुरुवार को बाराबंकी में मीडिया से मुखातिब थी.इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में पीड़ित महिलाओं के मामले ही दर्ज नहीं किये जाते थे, लेकिन योगी सरकार में शत-प्रतिशत मामले दर्ज किए जा रहे हैं.

सीएम योगी का पोषण मिशन सफल
महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम गुरुवार को बाराबंकी में पोषण अभियान की हकीकत जानने आईं थी. इस दौरान उन्होंने हरख ब्लॉक में पोषण प्रदर्शनी का अवलोकन किया. उन्होंने बताया कि आयोग ने गर्भवती महिलाओं,बच्चों,सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं,आंगनबाड़ी वर्कर्स की स्थिति जानने के लिए गुरुवार को 28 जिलों में जा-जाकर पोषण अभियान की स्थिति जानने का फैसला किया.उन्होंने सीएम योगी द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि ये काफी सफल है. उन्होंने बताया कि कुपोषण के चलते बच्चों और महिलाओं की स्थिति पहले काफी खराब थी, लेकिन अब हालात अच्छे हैं. उन्होंने बताया कि पहले जो बच्चे रेड ज़ोन में थे वे यलो जोन में आ गए हैं और जो बच्चे यलो जोन में थे वे ग्रीन जोन में आ गए.

विमला बाथम.
आयोग में हर रोज आ रहे महिला उत्पीड़न के 300 मामले
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि आयोग की मंशा है कि महिलाओं का सर्वांगीण विकास हो,उनकी हर सम्भव मदद की जाय. महिलाओं के जीवन मे कोई ऐसी घटना घटित न हो जिससे उनको वेदना हो. उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ जो उत्पीड़न के केस हो जा रहे हैं वे नहीं होने चाहिए. प्रदेश बड़ा होने के चलते आयोग केस नहीं रोक पा रहा. उन्होंने बताया कि आयोग में महिला उत्पीड़न के 250 से तीन सौ मामले रोजाना आ रहे हैं.
शत प्रतिशत दर्ज हो रही एफआईआर
विमला बाथमने कहा कि अब शत प्रतिशत एफआईआर दर्ज की जा रही हैं, इसलिए लग रहा है कि महिला उत्पीड़न के केस बढ़ रहे हैं जबकि पहले केस ही दर्ज नही किये जाते थे.पहले की सरकारें नहीं चाहती थीं कि मुकदमे दर्ज हों. पहले केस रजिस्टर करने में टालमटोल की जाती थी.


इसे भी पढ़ें- ठेकेदार के अपहरण मामले में विधायक अमनमणि त्रिपाठी बरी, लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाया फैसला

बाराबंकी: यूपी में महिला उत्पीड़न के बढ़ रहे मामलों के पीछे शत-प्रतिशत एफआईआर का दर्ज होना है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि ये कहना है राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम का. विमला बाथम गुरुवार को बाराबंकी में मीडिया से मुखातिब थी.इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों में पीड़ित महिलाओं के मामले ही दर्ज नहीं किये जाते थे, लेकिन योगी सरकार में शत-प्रतिशत मामले दर्ज किए जा रहे हैं.

सीएम योगी का पोषण मिशन सफल
महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम गुरुवार को बाराबंकी में पोषण अभियान की हकीकत जानने आईं थी. इस दौरान उन्होंने हरख ब्लॉक में पोषण प्रदर्शनी का अवलोकन किया. उन्होंने बताया कि आयोग ने गर्भवती महिलाओं,बच्चों,सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी महिलाओं,आंगनबाड़ी वर्कर्स की स्थिति जानने के लिए गुरुवार को 28 जिलों में जा-जाकर पोषण अभियान की स्थिति जानने का फैसला किया.उन्होंने सीएम योगी द्वारा चलाये जा रहे इस अभियान की सराहना करते हुए कहा कि ये काफी सफल है. उन्होंने बताया कि कुपोषण के चलते बच्चों और महिलाओं की स्थिति पहले काफी खराब थी, लेकिन अब हालात अच्छे हैं. उन्होंने बताया कि पहले जो बच्चे रेड ज़ोन में थे वे यलो जोन में आ गए हैं और जो बच्चे यलो जोन में थे वे ग्रीन जोन में आ गए.

विमला बाथम.
आयोग में हर रोज आ रहे महिला उत्पीड़न के 300 मामले
राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि आयोग की मंशा है कि महिलाओं का सर्वांगीण विकास हो,उनकी हर सम्भव मदद की जाय. महिलाओं के जीवन मे कोई ऐसी घटना घटित न हो जिससे उनको वेदना हो. उन्होंने कहा कि महिलाओं के खिलाफ जो उत्पीड़न के केस हो जा रहे हैं वे नहीं होने चाहिए. प्रदेश बड़ा होने के चलते आयोग केस नहीं रोक पा रहा. उन्होंने बताया कि आयोग में महिला उत्पीड़न के 250 से तीन सौ मामले रोजाना आ रहे हैं.
शत प्रतिशत दर्ज हो रही एफआईआर
विमला बाथमने कहा कि अब शत प्रतिशत एफआईआर दर्ज की जा रही हैं, इसलिए लग रहा है कि महिला उत्पीड़न के केस बढ़ रहे हैं जबकि पहले केस ही दर्ज नही किये जाते थे.पहले की सरकारें नहीं चाहती थीं कि मुकदमे दर्ज हों. पहले केस रजिस्टर करने में टालमटोल की जाती थी.


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