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बाराबंकी: ऐसा बाजार जहां दो-तीन रुपये में गरीबों को मिलते हैं ब्रांडेड कपड़े - बाराबंकी में बापू बाजार

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में पिछले पांच सालों से एक अनोखे बापू बाजार का आयोजन किया जा रहा है. यह आयोजन सरदार पटेल महिला महाविद्यालय की छात्राएं करती हैं. छात्राएं गरीबों और जरूरतमंदों को दो, तीन या पांच रुपये में कपड़े बेचती हैं.

बाराबंकी में बापू बाजार का आयोजन
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Published : Nov 23, 2019, 12:03 PM IST

बाराबंकी : सरदार पटेल महिला महाविद्यालय पिछले पांच वर्षों से एक अनोखे बापू बाजार का आयोजन कर रहा है. कॉलेज की छात्राएं हर वर्ष सर्दी के महीने में बड़े घरों से पुराने कपड़े इकट्ठा करके उपयोगी कपड़ों की बाजार लगाती हैं. छात्राएं गरीबों को मामूली कीमत पर ब्रांडेड कपड़े पहनाती हैं. खास बात ये है कि इन कपड़ों को फ्री में देने की बजाय खरीददारों से मामूली पैसे लिए जाते हैं, ताकि उनके स्वाभिमान को ठेस न पहुंचे और उन्हें खरीदकर पहनने का एहसास हो.

बाराबंकी में बापू बाजार का आयोजन.
  • हरख ब्लॉक के शुक्लाई गांव में बापू बाजार का आयोजन किया जा रहा है.
  • सरदार पटेल महिला महाविद्यालय की शिक्षिकाओं ने पुराने कपड़ों का सदुपयोग करने और गरीबों की मदद करने की अनोखी योजना तैयार की.
  • इसके तहत हर वर्ष एनएसएस की छात्राएं बड़े घरों में जाकर उनसे पुराने कपड़े इकट्ठा करती हैं.
  • सर्दी शुरू होते ही बापू बाजार लगा कर उन कपड़ों को बेचती हैं.
  • शुक्लाई गांव की कई गरीब महिलाओं ने खुशी से इन कपड़ों को खरीदा.

शिक्षिकाओं की मानें तो ऐसे कार्यक्रम से एनएसएस की इन सेविकाओं में गरीबों की सहायता करने की भावना जागृत होती है. साथ ही उनमें व्यापार का भी कौशल पैदा होता है. इसी बहाने गरीबों को कपड़े मिल जाते हैं.

उनका मन था कि निशुल्क इन कपड़ों को बांट दिया जाय, लेकिन गांव वाले फ्री में लेने को तैयार नहीं.
डॉ. अनीता सिंह, कार्यक्रम अधिकारी

इस आयोजन से हमें न केवल बहुत कुछ सीखने को मिलता है, बल्कि गरीबों की सेवा कर उन्हें आत्मिक संतोष भी मिलता है.
साक्षी श्रीवास्तव, छात्रा

बाराबंकी : सरदार पटेल महिला महाविद्यालय पिछले पांच वर्षों से एक अनोखे बापू बाजार का आयोजन कर रहा है. कॉलेज की छात्राएं हर वर्ष सर्दी के महीने में बड़े घरों से पुराने कपड़े इकट्ठा करके उपयोगी कपड़ों की बाजार लगाती हैं. छात्राएं गरीबों को मामूली कीमत पर ब्रांडेड कपड़े पहनाती हैं. खास बात ये है कि इन कपड़ों को फ्री में देने की बजाय खरीददारों से मामूली पैसे लिए जाते हैं, ताकि उनके स्वाभिमान को ठेस न पहुंचे और उन्हें खरीदकर पहनने का एहसास हो.

बाराबंकी में बापू बाजार का आयोजन.
  • हरख ब्लॉक के शुक्लाई गांव में बापू बाजार का आयोजन किया जा रहा है.
  • सरदार पटेल महिला महाविद्यालय की शिक्षिकाओं ने पुराने कपड़ों का सदुपयोग करने और गरीबों की मदद करने की अनोखी योजना तैयार की.
  • इसके तहत हर वर्ष एनएसएस की छात्राएं बड़े घरों में जाकर उनसे पुराने कपड़े इकट्ठा करती हैं.
  • सर्दी शुरू होते ही बापू बाजार लगा कर उन कपड़ों को बेचती हैं.
  • शुक्लाई गांव की कई गरीब महिलाओं ने खुशी से इन कपड़ों को खरीदा.

शिक्षिकाओं की मानें तो ऐसे कार्यक्रम से एनएसएस की इन सेविकाओं में गरीबों की सहायता करने की भावना जागृत होती है. साथ ही उनमें व्यापार का भी कौशल पैदा होता है. इसी बहाने गरीबों को कपड़े मिल जाते हैं.

उनका मन था कि निशुल्क इन कपड़ों को बांट दिया जाय, लेकिन गांव वाले फ्री में लेने को तैयार नहीं.
डॉ. अनीता सिंह, कार्यक्रम अधिकारी

इस आयोजन से हमें न केवल बहुत कुछ सीखने को मिलता है, बल्कि गरीबों की सेवा कर उन्हें आत्मिक संतोष भी मिलता है.
साक्षी श्रीवास्तव, छात्रा

Intro:बाराबंकी ,23 नवम्बर । बाराबंकी का सरदार पटेल महिला महाविद्यालय पिछले पांच वर्षों से एक अनोखे बापू बाजार का आयोजन कर रहा है ।कालेज की छत्राएँ हर वर्ष ठंडक के महीने में बड़े घरों से इकट्ठा कर पुराने लेकिन उपयोगी कपड़ों का बाजार लगाती हैं और गरीबों को मामूली कीमत पर ब्रांडेड कपड़े पहनाती हैं । खास बात ये कि इन कपड़ों को फ्री में देने की बजाय खरीददारों से मामूली पैसे लिए जाते हैं ताकि उनके स्वाभिमान को ठेस न पहुंचे और उन्हें खरीदकर पहनने का एहसास हो ।


Body:वीओ- हरख ब्लॉक के शुक्लाई गांव में लगा ये है बापू बाजार । दरअसल पटेल डिग्री कालेज की शिक्षिकाओं ने पुराने कपड़ों का सदुपयोग करने और गरीबों की मदद करने की अनोखी योजना तैयार की । जिसके तहत हर वर्ष यहां की एनएसएस की छात्राएं बड़े घरों के साथ साथ दान करने के इच्छुक लोगों के घर घर जाकर उनसे पुराने कपड़े इकट्ठा करती हैं । फिर ठंडक शुरू होते ही बापू बाजार लगा कर उनको बेचती हैं। शुक्लाई गांव की दर्जनों गरीब महिलाओं ने खुशी खुशी इन कपड़ों को खरीदा । शिक्षिकाओं का कहना है कि उनका मन था कि निशुल्क इन कपड़ो को बांट दिया जाय लेकिन गांव वाले फ्री में लेने को तैयार नही ।
बाईट- डॉ अनीता सिंह,कार्यक्रमाधिकारी ,पटेल महिला डिग्री कालेज बाराबंकी

वीओ- शिक्षिकाओं की मानें तो ऐसे कार्यक्रम से एनएसएस की इन सेविकाओं में गरीबों की सहायता करने की भावना जाग्रत होती है साथ ही उनमें व्यापार का भी कौशल पैदा होता है ।इसी बहाने गरीबों को ठंड में पहनने के लिए कपड़े भी मिल जाते हैं ।
बाईट- डॉ सुमन वर्मा, प्राध्यापिका, एनएसएस हेड,पटेल महिला महाविद्यालय
वीओ- उधर छात्राओं ने कहा कि इस आयोजन से उन्हें न केवल बहुत कुछ सीखने को मिलता है बल्कि गरीबों की सेवा कर उन्हें आत्मिक संतोष भी मिलता है ।
बाईट- साक्षी श्रीवास्तव, छात्रा


Conclusion:रिपोर्ट- अलीम शेख बाराबंकी
9454661740
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