बाराबंकी: जिले के शिक्षा विभाग में भी कई अनामिका शुक्ला जैसे लोग फर्जी ढंग से नौकरी कर रहे हैं. जिले में एक बार फिर तीन फर्जी शिक्षकों का खुलासा हुआ है.
बाराबंकी में पिछले एक वर्ष में ऐसे 15 फर्जी शिक्षकों को टर्मिनेट कर उन पर कार्रवाई हो चुकी है. बीएसए द्वारा जारी की गई नोटिस के बाद ये तीनों फरार हैं. बीएसए ने बताया कि नौकरी कर रहे ये तीनों शिक्षक वो व्यक्ति हैं ही नहीं जिनके नाम पर ये नौकरी कर रहे हैं.
अनामिका शुक्ला द्वारा एक साथ 25 जिलों में नौकरी करने के गोरखधंधे का खुलासा होने के बाद, बाराबंकी जिले में भी ऐसे ही गोरखधंधों की पोल खुलने लगी है. यही नहीं एसटीएफ के रडार पर ऐसे कई शिक्षक हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.
पहला मामला
विकास खण्ड हैदरगढ़ के प्राथमिक विद्यालय पट्टी में सहायक अध्यापक के पद पर रजत सिंह नाम का एक शिक्षक नौकरी कर रहा है. जबकि असली रजत सिंह लखनऊ के मटियारी में स्थित राष्ट्रीय उद्योग इंटर कालेज में सहायक अध्यापक है. इसका खुलासा तब हुआ जब फर्जी रजत ने अपना पैन नम्बर तीन बार बदला. मामला खुला तो बीएसए ने खाता सीज कर नोटिस जारी करने के साथ ही मामले की शिकायत एसटीएफ से की है, तब से ये फर्जी रजत फरार है.
दूसरा मामला
विकास खण्ड हैदरगढ़ के पूर्व माध्यमिक विद्यालय सीठूमऊ में सहायक अध्यापक पद पर अभिषेक त्रिपाठी उर्फ राजेन्द्र प्रसाद त्रिपाठी के नाम पर फर्जी नौकरी कर रहा शिक्षक भी फरार है. असली अभिषेक त्रिपाठी खलीलाबाद में शिक्षक है. ये भी फरार है.
तीसरा मामला
विकासखंड रामनगर के प्राथमिक विद्यालय नरायनपुर में नौकरी कर रहा शशिकांत मिश्रा भी फर्जी है. यहां तक कि ये प्रधानाध्यापक भी बन चुका है. ये भी फरार है.
कैसे हुआ खुलासा
संदेह होने पर बीएसए ने इन तीनों की गोपनीय जांच कराई, जिसके बाद इनके गोरखधंधे का खुलासा हुआ. बीएसए वीपी सिंह ने इनको अपने मूल दस्तावेजों के साथ हाजिर होने की नोटिस जारी की थी, लेकिन ये तीनों फरार हैं. बाराबंकी में ये कोई नया मामले नही हैं, पिछले एक वर्ष में ऐसे 15 फर्जी शिक्षकों का खुलासा हो चुका है, जिनको टर्मिनेट कर उनके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई भी की जा चुकी है.