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बाराबंकी: गड्ढा मुक्त सड़कों का सरकार का दावा हुआ फेल

उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में सरकार का गड्ढामुक्त सड़कों का दावा विफल साबित होता नजर आ रहा है. सड़कों में गड्ढा होने की वजह से राहगीरों को सड़कों पर चलने में परेशानी होती है.

गड्ढायुक्त सड़क.
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Published : Nov 24, 2019, 9:38 AM IST

बाराबंकी: सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने नवंबर के आधे महीने तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बात कही थी, लेकिन बाराबंकी जिले में गड्ढा मुक्त सड़क का दावा हवा हवाई साबित हुआ है. नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर सड़कें इतनी खराब हैं कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.

सरकार का गड्ढा मुक्त सड़कों का दावा हुआ फेल.

महीनों से खराब पड़ी सड़कें

  • बाराबंकी जिले में कई जगहों पर सड़कें महीनों से खराब है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
  • सड़कें खराब होने की वजह से जिले के लोग हिचकोले खाती सड़कों पर चलने के लिये मजबूर हैं.
  • बच्चों को स्कूल ले जाने वाले वाहन भी इन्हीं मार्गों से होकर जाते हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है.
  • जिले में अधिकारियों के आवास तक जाने वाली सड़कों की हालत भी ठीक नहीं है.
  • कचहरी के पास की सड़क भी गड्ढों से भरी है.

इसे भी पढ़ें- फतेहपुर: सरकार के दावे हुए फेल, ढाई साल बाद भी गड्ढा मुक्त नहीं हुई सड़कें

इस बार काफी देर तक बरसात हुई, जिसके कारण अभी तक सड़कें नहीं ठीक हो पाई है. सड़कों को ठीक करना अनवरत प्रक्रिया है, इसको हम आने वाले समय में ठीक कर लेंगे. अगर संज्ञान में लाया जाता है तो हम उन सड़कों को विशेष रूप से देखेंगे.
-डॉ. आदर्श सिंह, जिलाधिकारी

बाराबंकी: सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने नवंबर के आधे महीने तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बात कही थी, लेकिन बाराबंकी जिले में गड्ढा मुक्त सड़क का दावा हवा हवाई साबित हुआ है. नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर सड़कें इतनी खराब हैं कि सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है.

सरकार का गड्ढा मुक्त सड़कों का दावा हुआ फेल.

महीनों से खराब पड़ी सड़कें

  • बाराबंकी जिले में कई जगहों पर सड़कें महीनों से खराब है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
  • सड़कें खराब होने की वजह से जिले के लोग हिचकोले खाती सड़कों पर चलने के लिये मजबूर हैं.
  • बच्चों को स्कूल ले जाने वाले वाहन भी इन्हीं मार्गों से होकर जाते हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है.
  • जिले में अधिकारियों के आवास तक जाने वाली सड़कों की हालत भी ठीक नहीं है.
  • कचहरी के पास की सड़क भी गड्ढों से भरी है.

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इस बार काफी देर तक बरसात हुई, जिसके कारण अभी तक सड़कें नहीं ठीक हो पाई है. सड़कों को ठीक करना अनवरत प्रक्रिया है, इसको हम आने वाले समय में ठीक कर लेंगे. अगर संज्ञान में लाया जाता है तो हम उन सड़कों को विशेष रूप से देखेंगे.
-डॉ. आदर्श सिंह, जिलाधिकारी

Intro:बाराबंकी 21 नवंबर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ,नवंबर के आधे महीने तक सभी सड़कों को गड्ढा मुक्त करने की बात कही थी. लेकिन बाराबंकी में यह कहानी कुछ उल्टी नजर आ रही है.यहां पर गड्ढा मुक्त सड़क का दावा हवा हवाई साबित हुआ है. नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे को छोड़ दिया जाए तो, अधिकतर सड़कें इतनी खराब है कि "सड़क में गड्ढा है या गड्ढे में सड़क" इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है. जिले के लोग हिचकोले खाती सड़कों पर चलने को मजबूर है. यहां तक कि अधिकारियों के आवासों तक जाने वाली सड़कें भी ठीक नहीं है. कचहरी के पास की सड़क भी गड्ढे से भरी है. बच्चों को ले जाने वाले स्कूल वाहन भी इन्हीं मार्गों से होकर जाते हैं , जिससे उन्हें असुविधा भी होती है.


Body: बाराबंकी जिले में बड़ी संख्या में सड़कें खराब है, लेकिन अभी तक इस दिशा में कुछ बेहतर प्रयास नहीं किया जा सका है. कई जगहों की सड़कें महीनों से खराब है, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है.
इस बारे में जब हमने जिलाधिकारी महोदय से बात की तो , उन्होंने बरसात का हवाला देते हुए कहा कि ,इस बार काफी देर तक बरसात हुई ,जिसके कारण अभी तक सड़कें नहीं ठीक हो पाई है. सड़कों को ठीक करना अनवरत प्रक्रिया है, इसको हम आने वाले समय में ठीक कर लेंगे. अगर संज्ञान में लाया जाता है तो हम उन सड़कों को विशेष रूप से देखेंगे.
जिलाधिकारी महोदय ने, देर तक बारिश होने का हवाला सड़कों को ठीक करने के लिए दिया है , लेकिन करीब डेढ़ महीने से भी ज्यादा समय से बरसात नहीं हुई है. यदि वह और उनके मातहत चाहते तो समय रहते सड़कें बड़े आराम से ठीक की जा सकती थी. लेकिन सच्चाई तो यह है कि यहां इच्छाशक्ति और समय पर कार्य पूरा करने की दृढ़ता ही नहीं है.
हर बार यह देखा जाता है कि सड़कों को ठीक करने के मामले में प्रशासन और मुख्यमंत्री के दावो में सामंजस्य नहीं बैठ पाता है. तय समय सीमा में कार्य पूरा न करना मानो ब्यूरोक्रेसी की आदत हो गई हो. हर बार प्रशासनिक अमला नए-नए अरगुमेंट प्रस्तुत कर देता है.
वास्तव में जिलाधिकारी महोदय ने जिस प्रकार की बात कही , वह एक प्रसिद्ध लेखक की किताब जो उन्होंने भारतीयों के संदर्भ में लिखी थी "अरगुमेंटेटिव इंडियन्स" उसकी याद आती है.
कब तक इस प्रकार के नए नए पैंतरे बताकर कार्य को समय पर पूरा न करने की बात कही जाती रहेगी ,और सरकार की मंशा को फलीभूत होने से रोका जाता रहेगा!


Conclusion:bite -

1- मोहम्मद कामिल , स्कूल वैन ड्राइवर , बाराबंकी

2- राजेश कुमार , बंकी नगर पंचायत, बाराबंकी

3- डॉक्टर आदर्श सिंह, जिलाधिकारी ,बाराबंकी



रिपोर्ट-  आलोक कुमार शुक्ला , रिपोर्टर बाराबंकी, 96284 76907


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