बाराबंकी: जिले में शनिवार को एक गांव में जब एक साथ चार अर्थियां उठी, तो पूरे इलाके में कोहराम मच गया. इस दौरान जब बूढ़े बाप ने लड़खड़ाते कदमों से अपने जवान बेटे, बहू और पोते-पोती को मुखाग्नि दी. तो वहां मौजूद हजारों लोगों का कलेजा मुंह को आ गया. उन्नाव जिले में शुक्रवार को हुए एक दर्दनाक सड़क में बाराबंकी के एक परिवार को एक गहरा जख्म दे दिया. उन्नाव में हुई इस दिल झकझोर देने वाली दुर्घटना में अब कर आठ लोगों की मौत हो चुकी है. इस भीषण सड़क हादसे का केवल इकलौता गवाह आठ साल का लक्ष्यबीर ही जिंदा बचा है.
दिनेश कुमार नगर के चित्रगुप्तनगर में रहकर पास के ही मुहल्ले लखपेड़ाबाग में एक दुकान संचालित करते थे. दिनेश के पिता रामखेलावन भाजपा पिछड़ा वर्ग के पूर्व जिलाध्यक्ष रह चुके हैं. दिनेश मूल रूप से फतेहपुर तहसील के बसौली गांव के रहने वाले थे. शनिवार को पोस्टमार्टम के बाद दोपहर बाद जब दिनेश, उनकी पत्नी, बेटी और बेटे चारों का शव गांव बसौली पहुंचा. तो शवों को देखकर पूरे इलाके में कोहराम मच गया.
चारों शवों को देखकर पिता रामखेलावन तो अचेत हो गए. चारों ओर चीख पुकार का मंजर था. हर किसी की आंखों में आंसू थे. जबकि दिनेश की सास और दो साली के शव बहराइच के जरवल क्षेत्र के भयापुरवा भेजे गए. बसौली में शनिवार को जब एक साथ चार अर्थियां उठी तो पूरा इलाका थर्रा गया. वृद्ध पिता रामखेलावन ने लड़खड़ाते कदमों से जब जवान बेटे दिनेश, बहू अनीता, पोते आर्यन और पोती गौरी को मुखाग्नि दी.
बताते चलें कि दिनेश कुमार राजपुत (39)सोमवार को अपनी पत्नी अनीता, बेटी गौरी(09 वर्ष), बेटा आर्यन(16), छोटा बेटा लक्षयबीर(8) और बहराइच निवासी अपनी सास कांति देवी, साली प्रीति (15) और प्रिया (9) के साथ आगरा व मथुरा घूमने अपनी डिजायर कार से गए थे. शुक्रवार को दोपहर में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे पर उन्नाव जिले के औरास थाना क्षेत्र के लोधाटिकुर के पास पहुंचे थे कि तभी दर्दनाक सड़क हादसा हो गया.
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