बाराबंकी. बाराबंकी पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत ने पीएम मोदी पर कटाक्ष किया. कहा कि जिस तरह किसानों के लिए कृषि कानून काले हैं, उसी तरह देश के लिए मोदी काला है. राकेश टिकैत यहां किसान यूनियन द्वारा आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में हिस्सा लेने आये थे.
इस दौरान उन्होंने कहा कि लखीमपुर (Lakheempur) मामले में मंत्री पुत्र आशीष मिश्र की गिरफ्तारी रेड कार्पेट गिरफ्तारी (red carpet arresting) है और गुलदस्तों के साथ पूछताछ (interrogation with bouquet)है. किसानों का लखीमपुर कांड को लेकर आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मंत्री अजय मिश्र की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी नहीं हो जाती.
राकेश टिकैत ने मीडिया से बातचीत में बताया कि लखीमपुर आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मंत्री की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी नहीं हो जाती. आंदोलन की अगली रणनीति बनाने के लिए किसान यूनियन आगामी 26 अक्टूबर को लखनऊ में एक महापंचायत आयोजित करने जा रहा है.
मंत्री की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी तक जारी रहेगा आंदोलन
किसान यूनियन द्वारा आयोजित स्वर्गीय महेंद्र सिंह टिकैत की याद में दसवें सामूहिक विवाह कार्यक्रम में पहुंचे राकेश टिकैत ने कहा कि मंत्री पुत्र की गिरफ़्तारी के बाद लखीमपुर मामला शांत नहीं हुआ है. किसानों का आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक मंत्री अजय मिश्र की गिरफ्तारी और बर्खास्तगी नहीं हो जाती. कहा कि वे लाशों पर राजनीति नहीं करते. राकेश टिकैत ने कहा कि मंत्री पुत्र की गिरफ्तारी बिल्कुल रेड कार्पेट गिरफ्तारी है.
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तीनों कृषि कानूनों को स्टे नहीं, वापस ले सरकार
कृषि के तीन नए कानूनों को लेकर तकरीबन एक वर्ष से जारी आंदोलन की बाबत राकेश टिकैत ने कहा कि जब तक सरकार बात नहीं करती तब तक आंदोलन जारी रहेगा. चाहे कई वर्ष बीत जाएं. सरकार द्वारा ये कानून स्टे कर दिए गए हैं तब फिर आंदोलन का क्या औचित्य. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि स्टे नहीं कानूनों को वापस लिया जाय.
एमएसपी लागू न होने से सस्ते में धान खरीद रही सरकार
राकेश टिकैत ने कहा कि इन कानूनों के चलते वर्तमान में धान किस रेट पर बिक रहा है, ये सरकार की करामात है. हजार बारह सौ रुपये में धान खरीदकर सरकार किसानों के घरों में लूट कर रही है. सरकार को तो बड़े उद्योगपतियों और बड़े व्यापारियों को फायदा कराना है. इसीलिए किसानों का धान और फसलें सस्ते में ले रहे हैं.
राकेश टिकैत ने बड़े ही आत्मविश्वास से कहा कि सरकार इन कानूनों को वापस लेगी और यही सरकार वापस लेगी. आगामी चुनाव के दौरान आंदोलन की रणनीति के सवाल पर उन्होंने कहा कि आचार संहिता लागू होने दीजिए.