बाराबंकी: जिले में तम्बाकू और उसके उत्पादों का सेवन करने वालों की दिनों दिन बढ़ रही है. इसे देखते हुए बाराबंकी जिला अस्पताल में तम्बाकू उन्मूलन केंद्र की स्थापना की गई. शुरुआत में तो इसका प्रचार प्रसार न होने से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल सका, लेकिन अब रोजाना 10-12 मरीज आ रहे हैं. यहां पर अब तक करीब चार हजार लोगों की काउंसिलिंग करके उनको तम्बाकू के नुकसानों से आगाह करते हुए, इस लत से दूर रहने के लिए राजी भी किया गया है.
नशे की लत छोड़ने वालों के लिए वरदान बना तम्बाकू उन्मूलन केंद्र-
- जिले में तम्बाकू और उसके उत्पादों का सेवन करने वालों की दिनों दिन बढ़ रही संख्या को देखते हुए मार्च 2017 में इसकी स्थापना की गई थी.
- एक आंकड़े के मुताबिक जिले में 23 फीसदी लोग तम्बाकू और उससे बने उत्पादों का सेवन कर रहे हैं, इनमें युवाओं की तादाद ज्यादा है.
- यहां तैनात काउंसलर ऐसे लोगों की काउंसिलिंग करके उनको इस बुरी आदत से छुटकारा दिलाते हैं.
- अब तक इस केंद्र के काउंसलर तीन हजार से ज्यादा लोगों की काउंसिलिंग करके उन्हें इस लत से किनारा करने को राजी कर चुके हैं.
तम्बाकू छोड़ने की इच्छा रखने वाला जो भी यहां आता है, केंद्र के काउंसलर उनकी जांच पड़ताल करते हैं. उनका मुंह चेक करते हैं, फिर उनको तम्बाकू से होने वाले नुकसानों से आगाह कराते हैं. इस लत को तुरंत छोड़ने की सलाह नहीं दी जाती है. इसके लिए ऐसे लोगों को निकोटेक्स च्विंगम दिया जाता है.
-डॉ संजय कुमार, साइकोलॉजिस्ट/काउंसलर
डॉ संजय कुमार, साइकोलॉजिस्ट/काउंसलर ने बताया कि ऐसे मरीजों को सलाह दी जाती है कि जब भी उन्हें तम्बाकू खाने की फीलिंग हो एक च्विंगम खा कर उसको बीस मिनट से ज्यादा समय तक चबाते रहें. इसी तरह धीरे धीरे ये प्रक्रिया करते रहने पर तम्बाकू का सेवन करने की आदत खत्म हो जाएगी.