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बाराबंकी: नशे की लत छोड़ने वालों के लिए ये केंद्र बना वरदान - barabanki distric hospital

तम्बाकू का सेवन छोड़ने वालों के लिये बाराबंकी जिला अस्पताल का तम्बाकू उन्मूलन केंद्र वरदान साबित हो रहा है. यहां आने वाले करीब पांच सौ लोग अब तक तम्बाकू का सेवन छोड़ भी चुके हैं.

नशे की लत छोड़ने वालों के लिए वरदान बना तम्बाकू उन्मूलन केंद्र.
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Published : Jun 20, 2019, 9:09 AM IST

बाराबंकी: जिले में तम्बाकू और उसके उत्पादों का सेवन करने वालों की दिनों दिन बढ़ रही है. इसे देखते हुए बाराबंकी जिला अस्पताल में तम्बाकू उन्मूलन केंद्र की स्थापना की गई. शुरुआत में तो इसका प्रचार प्रसार न होने से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल सका, लेकिन अब रोजाना 10-12 मरीज आ रहे हैं. यहां पर अब तक करीब चार हजार लोगों की काउंसिलिंग करके उनको तम्बाकू के नुकसानों से आगाह करते हुए, इस लत से दूर रहने के लिए राजी भी किया गया है.

नशे की लत छोड़ने वालों के लिए वरदान बना तम्बाकू उन्मूलन केंद्र.

नशे की लत छोड़ने वालों के लिए वरदान बना तम्बाकू उन्मूलन केंद्र-

  • जिले में तम्बाकू और उसके उत्पादों का सेवन करने वालों की दिनों दिन बढ़ रही संख्या को देखते हुए मार्च 2017 में इसकी स्थापना की गई थी.
  • एक आंकड़े के मुताबिक जिले में 23 फीसदी लोग तम्बाकू और उससे बने उत्पादों का सेवन कर रहे हैं, इनमें युवाओं की तादाद ज्यादा है.
  • यहां तैनात काउंसलर ऐसे लोगों की काउंसिलिंग करके उनको इस बुरी आदत से छुटकारा दिलाते हैं.
  • अब तक इस केंद्र के काउंसलर तीन हजार से ज्यादा लोगों की काउंसिलिंग करके उन्हें इस लत से किनारा करने को राजी कर चुके हैं.

तम्बाकू छोड़ने की इच्छा रखने वाला जो भी यहां आता है, केंद्र के काउंसलर उनकी जांच पड़ताल करते हैं. उनका मुंह चेक करते हैं, फिर उनको तम्बाकू से होने वाले नुकसानों से आगाह कराते हैं. इस लत को तुरंत छोड़ने की सलाह नहीं दी जाती है. इसके लिए ऐसे लोगों को निकोटेक्स च्विंगम दिया जाता है.
-डॉ संजय कुमार, साइकोलॉजिस्ट/काउंसलर

डॉ संजय कुमार, साइकोलॉजिस्ट/काउंसलर ने बताया कि ऐसे मरीजों को सलाह दी जाती है कि जब भी उन्हें तम्बाकू खाने की फीलिंग हो एक च्विंगम खा कर उसको बीस मिनट से ज्यादा समय तक चबाते रहें. इसी तरह धीरे धीरे ये प्रक्रिया करते रहने पर तम्बाकू का सेवन करने की आदत खत्म हो जाएगी.

बाराबंकी: जिले में तम्बाकू और उसके उत्पादों का सेवन करने वालों की दिनों दिन बढ़ रही है. इसे देखते हुए बाराबंकी जिला अस्पताल में तम्बाकू उन्मूलन केंद्र की स्थापना की गई. शुरुआत में तो इसका प्रचार प्रसार न होने से लोगों को इसका लाभ नहीं मिल सका, लेकिन अब रोजाना 10-12 मरीज आ रहे हैं. यहां पर अब तक करीब चार हजार लोगों की काउंसिलिंग करके उनको तम्बाकू के नुकसानों से आगाह करते हुए, इस लत से दूर रहने के लिए राजी भी किया गया है.

नशे की लत छोड़ने वालों के लिए वरदान बना तम्बाकू उन्मूलन केंद्र.

नशे की लत छोड़ने वालों के लिए वरदान बना तम्बाकू उन्मूलन केंद्र-

  • जिले में तम्बाकू और उसके उत्पादों का सेवन करने वालों की दिनों दिन बढ़ रही संख्या को देखते हुए मार्च 2017 में इसकी स्थापना की गई थी.
  • एक आंकड़े के मुताबिक जिले में 23 फीसदी लोग तम्बाकू और उससे बने उत्पादों का सेवन कर रहे हैं, इनमें युवाओं की तादाद ज्यादा है.
  • यहां तैनात काउंसलर ऐसे लोगों की काउंसिलिंग करके उनको इस बुरी आदत से छुटकारा दिलाते हैं.
  • अब तक इस केंद्र के काउंसलर तीन हजार से ज्यादा लोगों की काउंसिलिंग करके उन्हें इस लत से किनारा करने को राजी कर चुके हैं.

तम्बाकू छोड़ने की इच्छा रखने वाला जो भी यहां आता है, केंद्र के काउंसलर उनकी जांच पड़ताल करते हैं. उनका मुंह चेक करते हैं, फिर उनको तम्बाकू से होने वाले नुकसानों से आगाह कराते हैं. इस लत को तुरंत छोड़ने की सलाह नहीं दी जाती है. इसके लिए ऐसे लोगों को निकोटेक्स च्विंगम दिया जाता है.
-डॉ संजय कुमार, साइकोलॉजिस्ट/काउंसलर

डॉ संजय कुमार, साइकोलॉजिस्ट/काउंसलर ने बताया कि ऐसे मरीजों को सलाह दी जाती है कि जब भी उन्हें तम्बाकू खाने की फीलिंग हो एक च्विंगम खा कर उसको बीस मिनट से ज्यादा समय तक चबाते रहें. इसी तरह धीरे धीरे ये प्रक्रिया करते रहने पर तम्बाकू का सेवन करने की आदत खत्म हो जाएगी.

Intro:बाराबंकी ,20 जून ।जो लोग तम्बाकू और उससे बने उत्पादों का सेवन छोड़ना चाहते हैं और किन्ही कारणों से नही छोड़ पा रहे हैं तो उन्हें चिंता करने की जरूरत नही । तम्बाकू उन्मूलन केंद्र उनके लिए वरदान बन कर आया है । यहां तैनात काउंसलर ऐसे लोगों की काउंसिलिंग कर उनको इस बुरी आदत से छुटकारा दिलाएंगे । अब तक इस केंद्र के काउंसलर तीन हजार से ज्यादा लोगों की काउंसिलिंग कर इस लत से किनारा करने को राजी कर चुके है यही नही पांच सौ से ज्यादा लोग इस लत से तौबा भी कर चुके है।


Body:वीओ - ये है बाराबंकी जिला अस्पताल में स्थित तम्बाकू उन्मूलन केंद्र । जिले में तम्बाकू और उसके उत्पादों का सेवन करने वालों की दिनों दिन बढ़ रही संख्या को देखते हुए मार्च 2017 में इसकी स्थापना की गई थी । शुरुआत में तो इसका प्रचार प्रसार न होने से लोगों को इसका लाभ नही मिल सका लेकिन अब रोजाना 10-12 लोग आ रहे हैं । अब तक करीब चार हजार लोगों की काउंसिलिंग कर उनको तम्बाकू के नुकसानो से आगाह कर उनको इस लत से दूर रहने के लिए राजी भी किया गया है । यही नही अब तक करीब पांच सौ लोग तम्बाकू का सेवन छोड़ भी चुके हैं ।
एक आंकड़े के मुताबिक जिले में 23 फीसदी लोग तम्बाकू और उससे बने उत्पादों का सेवन कर रहे हैं । इनमे युवाओं की तादाद ज्यादा है । हर वर्ष इस 23 फीसदी लोगों में से 40 फीसदी की मौत भी हो जा रही है ।
कैसे होता है इलाज
तम्बाकू छोड़ने की इच्छा रखने वाला जो भी यहां आता है । केंद्र के काउंसलर उनकी जांच पड़ताल करते हैं । उनका मुंह चेक करते हैं । फिर उनको तम्बाकू से होने वाले नुकसानों से आगाह कराते हैं । इस लत को तुरंत छोड़ने की सलाह नही दी जाती है । इसके लिए ऐसे लोगों को निकोटेक्स च्विंगम दिया जाता है । मरीजों को सलाह दी जाती है कि जब भी उन्हें तम्बाकू खाने की फीलिंग हो एक च्विंगम खा कर उसको बीस मिनट से ज्यादा समय तक चबाते रहें । इसी तरह धीरे धीरे ये प्रक्रिया करते रहने पर तम्बाकू का सेवन करने की आदत खत्म हो जाएगी ।
बाईट- तम्बाकू छोड़ने की चाह रखने वाला युवक
बाईट- डॉ संजय कुमार , साइकोलॉजिस्ट/ काउंसलर


Conclusion:केंद्र के सदस्य और कुछ वालंटियर्स हर शनिवार को ग्रामीण अंचलों में जाकर इस केंद्र का प्रचार प्रसार भी करते हैं । निश्चय ही ये केंद्र उन लोगों के लिए किसी वरदान से कम नही जो इस लत से छुटकारा पाना चाहते हैं ।

रिपोर्ट- अलीम शेख बाराबंकी
9839421515
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