बाराबंकीः जिले में गांव बली गेरावां निवासी एक किसान के सीने में तेज दर्द शुरू हो गया. अस्पताल ले जाते समय उसकी मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि पराली जलाने पर लेखपाल ने किसान को तहसील बुलाकर कार्रवाई की धमकी दी थी. इसी धमकी के कारण वह डरा हुआ था. डर और सदमे के कारण ही किसान की जान गई है.
जलाई थी पराली
सुबेहा थाना क्षेत्र के बली गेरावां गांव के किसान प्रदीप सिंह ने गुरुवार को अपने खेत की पराली जला दी थी. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत हलका लेखपाल से कर दी .सूचना पर पहुंचे लेखपाल राजेन्द्र प्रसाद ने खेत में जली हुई पराली की फोटो खींची और वीडियो बना लिया. लेखपाल ने प्रदीप सिंह पर कार्रवाई करने की बात कही और उसे तहसील बुलाया. शुक्रवार को ग्राम प्रधान सरजू के साथ प्रदीप लेखपाल से मिलने तहसील गया था. आरोप है कि लेखपाल ने प्रदीप से कहा कि वो कार्रवाई से बचने के लिए खेत की जुताई करा दे. लेखपाल ने किसान प्रदीप को धमकाया कि मामले की जानकारी एसडीएम को भी है.
घर लौटने पर बिगड़ी तबीयत
डरा सहमा प्रदीप घर लौटा. थोड़ी देर बाद उसके सीने में दर्द शुरू हो गया. परिजन उसे बीएचएल जगदीशपुर अस्पताल ले जाने लगे लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई.इस घटना के बाद सपा प्रतिनिधिमंडल ने गांव पहुंचकर मृतक किसान के परिजनों से मुलाकात की. सपा नेताओं ने इस मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए किसान के परिजनों को एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की है.
मृत्यु का कारण स्पष्ट नहीं
थानाध्यक्ष ने बताया कि मृतक किसान का पोस्टमार्टम कराया गया है, लेकिन अभी मृत्यु का स्पष्ट कारण नहीं पता चला है. बिसरा सुरक्षित कर जांच के लिए भेजा गया है. स्पष्ट कारण पता चलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.