बाराबंकी : पत्नी के साथ चचेरे भाई के अवैध संबंधों को लेकर एक युवक ने अपने साथियों के साथ मिलकर चाकू से गला रेतकर चचेरे भाई की हत्या कर दी. घटनास्थल पर टूटी चूड़ियां, लड़कियों के कान के टॉप्स फेंककर वारदात की दिशा डायवर्ट करने की कोशिश की गई. पुलिस ने कड़ी से कड़ी जोड़कर वारदात का खुलासा कर दिया. पुलिस ने तीनों हत्यारोपियों को गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपियों की निशानदेही पर तालाब में एक बैग में भरकर फेंके गए खून से सने कपड़े, चाकू बरामद कर लिया गया.
पुलिस को गुमराह करने की कोशिश नाकाम : तीन दिसंबर को देवां थाना क्षेत्र के खेवली गांव के किनारे गांव के ही रहने वाले शफीक के पुत्र लाल मोहम्मद का लकड़ी की टाल पर गला रेता हुआ शव मिला था. पास में ही टूटी हुई चूड़ियां और कान के टॉप्स पड़े थे. कुछ ही दूरी पर युवक का मोबाइल भी पड़ा था. पुलिस की जांच में पता चला कि लाल मोहम्मद की हरकतें ठीक नहीं थीं. लिहाजा शुरुआत में ही इस हत्या के पीछे आशनाई की बात निकलकर आने लगी. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर साक्ष्य इकट्ठा कर छानबीन शुरू की. गुरुवार को पुलिस ने वारदात का खुलासा कर दिया. पुलिस ने हत्या में शामिल तीनों आरोपियों अरमान उर्फ सुरमान पुत्र यासीन, नियामत रसूल पुत्र हिदायत रसूल और अफदजल कुरैशी पुत्र स्व. शफीक निवासीगण खेवली थाना देवां को गिरफ्तार कर लिया.
आरोपी ने बताया चौंकाने वाला सच : पूछताछ में जो कहानी निकलकर सामने आई वह हैरान करने वाली है. एसपी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि लाल मोहम्मद के चचेरे भाई अरमान उर्फ सुरमान ने साल 2018 में एक पिकअप गाड़ी खरीदी थी. आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते वह गाड़ी की किश्त नहीं जमा कर पा रहा था. लिहाजा बैंक में उसकी पोजीशन खराब हो रही थी जबकि वह तीन लाख रुपये का और लोन लेना चाहता था. बैंक के कुछ लोगों ने उसे सुझाव दिया कि वह अगर गाड़ी किसी और को ट्रांसफर कर दे तो उसके नाम पर लोन मिल सकता है. इस सुझाव के बाद अरमान ने मृतक लाल मोहम्मद के नाम पिकअप ट्रांसफर करा दिया. लोन लेकर किश्तें जमा करने लगा. इस दौरान अरमान के घर आते जाते लाल मोहम्मद के संबंध अरमान की पत्नी से हो गए. लाल मोहम्मद उसकी पत्नी पर दबाव बनाने लगा.
लड़कियों के बहाने साथ लेकर गया : इसकी जानकारी अरमान को हुई तो उसने लाल मोहम्मद की हत्या करने का फैसला कर लिया. योजना में उसने अपने भतीजे नियामत रसूल को भी शामिल कर लिया. इसके अलावा उसने गांव के ही रहने वाले एक शातिर अपराधी अफजल कुरैशी को भी इस साजिश का हिस्सा बनाया. घटना वाली रात को तीनों आरोपी घटनास्थल के करीब पहुंचे. लाल मोहम्मद गांव के किनारे अपनी लकड़ी की ठेकी चलाता था. पास में ही खेत थे, जिसकी वह रखवाली भी करता था. रात को वहीं पर लकड़ी की टाल पर सोता भी था. आरोपी अरमान अकेले लकड़ी की ठेकी पर पहुंचा. लाल मोहम्मद से कहा कि ठेकी के पास दो लड़कियां मौजूद हैं. इस पर लाल मोहम्मद अरमान के साथ चल पड़ा. थोड़ी ही दूरी पर अरमान के दोनों साथी नियामत रसूल और अफजल भी मौजूद थे. तीनों ने लाल मोहम्मद को दबोच लिया और गला रेतकर हत्या कर डाली. उसके बाद आरोपियों ने घटनास्थल को ऐसा प्लांट किया जिससे लगे कि लाल मोहम्मद की हत्या आशिक मिजाजी के चलते ही हुई है.
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